करनाल: हरियाणा के जिला करनाल में वादाखिलाफी के विरोध में नगरपालिका कर्मचारी संघ हरियाणा ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया. इस दौरान प्रदर्शन करने हजारों की संख्या में कर्मचारी पहुंचे और प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. पुलिस ने मुख्यमंत्री आवास से कुछ ही दूरी पर बैरिकेडिंग कर प्रदर्शनकारियों को रोका. वहीं, नगर पालिका संघ हरियाणा के कर्मचारियों ने बताया कि बीते 19 अक्टूबर से 29 अक्टूबर तक 11 दिन की हड़ताल की गई थी.
'सरकार ने की वादाखिलाफी': इस हड़ताल के बाद चंडीगढ़ में हरियाणा निकाय मंत्री कमल गुप्ता की अध्यक्षता में नगर पालिका संघ हरियाणा के साथ बैठक भी की गई थी. जिसमें हरियाणा नगर पालिका संघ की कुछ मांगों पर सहमति भी मंत्री ने जताई थी. कर्मचारियों ने बताया कि कमल गुप्ता ने कहा था कि एक सप्ताह के अंदर इन मांगों को पूरा किया जाएगा. लेकिन सरकार ने संघ के साथ वादाखिलाफी करते हुए मांगों पर मुहर नहीं लगाई है. जिसके बाद नगर पालिका हरियाणा संघ ने फैसला लेते हुए आज मुख्यमंत्री मनोहर लाल के आवास का घेराव किया है.
हड़ताल करने की दी चेतावनी: कर्मचारी संघ के राज्य उपप्रधान वीरभान बिड़लान ने कहा कि सरकार कर्मचारियों की मांगों को लगातार अनदेखा कर रही है. सरकार के इस सौतेले व्यवहार के चलते कर्मचारियों में भारी रोष है. संघ ने सरकार को सख्त लहजे में चेतावनी दी और कहा कि बैठक में निकाय मंत्री ने जिन मांगों पर सहमति जताई थी, उन मांगों को सरकार जल्द लागू करे. अन्यथा उन्हें हड़ताल जैसा कठोर निर्णय लेना पड़ेगा, जिसकी सारी जिम्मेदारी सरकार की होगी.
'कर्मचारियों की मांगों पर गंभीर नहीं सरकार': नगरपालिका संघ हरियाणा के जिला सचिव इन्द्र सिंह चनालिया ने कहा कि सरकार कर्मचारियों की मांगों के समाधान को लेकर गंभीर नहीं है. उन्होंने सरकार पर वादा खिलाफी करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि अधिकारों के लिए कर्मचारी कोई भी संघर्ष करने से पीछे नहीं हटेंगे. यदि जरूरत पड़ी तो इसे लेकर बड़े से बड़ा आंदोलन भी किया जाएगा. जिसके चलते आज कर्मचारी करनाल स्थित मुख्यमंत्री के आवास का घेराव करने पहुंचे हैं.
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ये है कर्मचारी संघ की मुख्य मांगें: सभी सफाई कर्मचारी, सीवरमैन व फायर कर्मचारियों को चार हजार रुपये प्रतिमाह जोखिम भत्ता दिया जाए. दूसरी मांग है कि सभी कच्चे कर्मचारियों को समान काम समान वेतन दिया जाए. वहीं, कौशल रोजगार को भंग किया जाए, कौशल रोजगार में भेजे गए सभी कर्मचारियों को निकाल कर विभाग के रोल पर किया जाए. साथ ही ये भी मांग है कि, फायर कर्मचारियों को फायर ऑपरेटर के पदों पर मर्ज किया जाए, सभी कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाए या सभी कच्चे कर्मचारियों को 58 साल की सेवा सुरक्षा दी जाए. कोरोना महामारी में जान गवाने वाले कर्मचारियों के परिजनों को 50 लाख का मुआवजा दिया जाए और एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए.