करनाल: हरियाणा की खाप पंचायतें समान गोत्र विवाह पर रोक लगाने की मांग को लेकर हिंदू विवाह अधिनियम में संशोधन करने की मांग कर रही हैं. खाप पंचायतों की मांग है कि समान गोत्र के साथ अंतर-ग्राम विवाह पर भी रोक लगनी चाहिए. खाप पंचायतों की मांग पर हरियाणा सरकार की ओर से गृह विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी ने केंद्रीय नागरिक संसाधन सूचना विभाग के चीफ सेक्रेटरी को आगे की कार्रवाई के लिए फाइल को भेजा है.
एक गोत्र विवाह पर रोक की मांग: भूमि बचाओ संघर्ष समिति (जिसमें कई खाप शामिल हैं) ने 1 जुलाई 2023 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को एक ज्ञापन सौंपा था. जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार को हिंदू विवाह अधिनियम 1955 में संशोधन करना चाहिए और अंतर-गोत्र और अंतर-ग्राम विवाह पर पाबंदी लगानी चाहिए. खाप की मांग को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने केंद्र सरकार को हिंदू विवाह अधिनियम में संशोधन करने के लिए फाइल भेजी है.
हरियाणा सरकार ने केंद्र को भेजी फाइल: इस बारे में जब हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हिंदू मैरिज एक्ट में बदलाव करना केंद्र का विषय है. हरियाणा सरकार ने खाप पंचायतों की मांग पर एक फाइल इस एक्ट में संशोधन के लिए केंद्र सरकार को भेजी है, इस पर अंतिम निर्णय केंद्र सरकार के द्वारा लिया जाएगा. हरियाणा सरकार चाहती है कि प्रदेश में भाईचारा बना रहे.
सर्व खाप पंचायत की महिला अध्यक्ष डॉक्टर संतोष दहिया ने सरकार के इस फैसला का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि सरकार ने ये बहुत अच्छा निर्णय लिया है, क्योंकि हरियाणा में इस प्रकार की शादी का प्रचलन नहीं है. कोई भी इसको मंजूरी नहीं देता. उन्होंने कहा कि हरियाणा में एक गांव और एक गोत्र में शादी नामुमकिन है, क्योंकि हमारी जो संस्कृति है. वो इसकी इजाजत नहीं देती, क्योंकि एक गोत्र और एक गांव के सभी लड़के-लड़की भाई बहन होते हैं.
क्यों किया जा रहा विरोध?: डॉक्टर संतोष दहिया ने कहा कि सामाजिक और साइंटिफिक दोनों तरीके से भी माना गया है कि एक गोत्र में विवाह सही नहीं है. साइंटिफिक तरीके से देखा जाए तो एक गोत्र में विवाह करने से आने वाली पीढ़ियों में शारीरिक और मानसिक रूप से विकार पैदा हो जाएंगे. जिससे कि आने वाली पीढ़ियों पर गलत प्रभाव पड़ेगा. सामाजिक रूप से देखा जाए तो एक गोत्र और एक गांव में शादी करने से आपसी भाईचारा भी खराब होता है.
लिवइन रिलेशनशिप का भी विरोध: डॉक्टर संतोष दहिया ने कहा कि सरकार अगर लिवइन रिलेशनशिप को भी बैन कर दे तो अच्छा है, क्योंकि हमारे प्रदेश का ऐसा कल्चर नहीं है. मौजूदा समय हर रोज ऐसे मामले आते हैं. जिसमें पहले लड़का-लड़की लिवइन रिलेशनशिप में रहते हैं. बाद में लड़की लड़के पर रेप का मुकदमा दर्ज करा देती है. ऐसे ही हजारों मुकदमे अदालत में विचाराधीन हैं.