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हरियाणा में 100% फसल खराब होने पर प्रति एकड़ 15000 मुआवजा, किसान क्षतिपूर्ति पोर्टल पर ऐसे करें आवेदन - मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल हरियाणा

हरियाणा में भारी बारिश और बाढ़ ने किसानों के मेहनत पर पानी फेर दिया है. बाढ़ के कारण प्रदेश में हजारों एकड़ जमीन जलमग्न होने से किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं. वहीं,  जिस किसान की फसल 100 फीसदी बर्बाद हो चुकी है, सरकार ने उसे प्रति एकड़ 15,000 रुपये मुआवजा राशि देने का ऐलान किया है. इसके लिए किसान को क्षतिपूर्ति पोर्टल पर आवेदन करना होगा. आखिर इस पोर्टल पर फसल खराब को लेकर आवेदन कैसे कर सकते हैं जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...(Compensation for damage crop in haryana)

Compensation for damage crop in haryana
हरियाणा में भारी बारिश और बाढ़ से खराब फसलों के लिए सरकार देगी मुआवजा.
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Published : Jul 21, 2023, 11:24 AM IST

करनाल: हरियाणा में पिछले दिनों बारिश की वजह से आई बाढ़ ने काफी तबाही मचाई है. बारिश और बाढ़ से हरियाणा में किसानों की काफी फसल बर्बाद हो गई है. इसके चलते हरियाणा सरकार ने निर्णय लिया है कि, जिस किसान की फसल 100 प्रतिशत बर्बाद हो गई है, उसको प्रति एकड़ ₹15000 सहायता राशि या मुआवजा दिया जाएगा. जिसके लिए किसान को मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर जाकर क्षतिपूर्ति कॉलम में अपनी फसल का ब्यौरा देना होगा. उसके बाद किसान की फसल की वेरिफिकेशन होने के बाद उसको मुआवजा दिया जाएगा.

ये भी पढ़ें: हरियाणा में पशुपालन को बढ़ावा देने पर जोर: 90 फीसदी तक सब्सिडी दे रही सरकार, जानिए कैसे उठा सकते हैं लाभ

हरियाणा में बाढ़ से हजारों एकड़ जमीन प्रभावित: हरियाणा सरकार के अनुसार प्रदेश में हाल ही में आई बाढ़ के कारण 18 हजार एकड़ जमीन पूरी तरह से प्रभावित हो गई है. इस जमीन पर लगी फसल के नुकसान का आकलन अभी किया जा रहा है. हालांकि सर्वे के अनुसार पूरे प्रदेश में लाखों एकड़ फसल बर्बाद हुई है. हरियाणा सरकार के द्वारा प्रदेश के 12 जिलों को बाढ़ प्रभावित घोषित कर दिया है. इन जिलों के 1353 गांव बाढ़ की चपेट में आए हैं. इनमें यमुनानगर, पंचकूला, अंबाला और कुरुक्षेत्र में बाढ़ का अधिक प्रकोप देखने को मिला है.

31 जुलाई तक भरें फसल का ब्यौरा: हरियाणा सरकार ने कहा है कि, किसान मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर अपनी बोई गई फसलों का ब्यौरा 31 जुलाई तक भर दें. इसके बाद 15 अगस्त तक सर्वे और मॉनिटरिंग होगी. इसके बाद कोई किसान रजिस्ट्रेशन नहीं कर पाएगा. सरकार और कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि वो खाली कृषि भूमि का रजिस्ट्रेशन भी करें. साथ ही बाढ़ के दौरान हुए नुकसान का मुआवजा लेने के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर क्लेम करना होगा. यह पोर्टल एक महीने के लिए खुला है. हर सप्ताह जो आवेदन आएंगे, उनका वेरिफिकेशन करके मुआवजा की रकम भेज दी जाएगी. आगे आने वाले आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.

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मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर क्षतिपूर्ति के लिए कैसे करें पंजीकरण: अपनी फसल का मुआवजा लेने के लिए किसानों को सबसे पहले मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा. उसके बाद आपकी स्क्रीन पर होम पेज खुलकर आ जाएगा. यहां आपको फसल क्षति पूर्ति कॉलम में जाकर वहां क्लिक करना होगा. अब आपकी स्क्रीन पर नया पेज आ जाएगा. यहां किसान पंजीकरण (हरियाणा) के विकल्प लिंक पर क्लिक करना होगा. इसके बाद आपकी स्क्रीन पर किसान लॉगिन फॉर्म खुलकर आ जाएगा. यहां आपको अपना मोबाइल नंबर भरना होगा. अब दिए गए कैप्चा कोड को भरकर आपको लॉगिन के बटन पर क्लिक करना होगा. अब आपको आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी प्राप्त होगा, जिसे आपको ओटीपी बॉक्स में दर्ज करना होगा.

किसान ऑनलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया: इसके बाद आपको ओटीपी भरकर ओटीपी सत्यापित कर के बटन पर क्लिक करना होगा. अब आपको मोबाइल नंबर एंटर करने का विकल्प दिखाई देगा, जिस पर क्लिक करके आप मोबाइल नंबर एंटर करें. इसके बाद आपके सामने फॉर्म खुलकर आ जाएगा. यहा आपको ऑथेंटिकेशन, फसल का विवरण, किसान का विवरण, बैंक अकाउंट विवरण, मंडी/आढ़ती का विवरण आदि भरकर सबमिट के विकल्प पर क्लिक करना होगा. इस तरह आपकी किसान ऑनलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी.

मुआवजा के लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण जरूरी: ध्यान रहे किसानों को अपनी फसल का मुआवजा लेने के लिए पहले अपनी फसल का मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करना अनिवार्य है. अगर किसान यहां पर पंजीकरण नहीं करता तो उसका क्षति पूर्ति पोर्टल पर आवेदन नहीं लिया जाएगा. इसलिए किसान पहले अपनी फसल का ब्यौरा मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर जाकर आवेदन करें. उसके बाद उसी पोर्टल में क्षतिपूर्ति कॉलम में जाकर फसल बर्बादी का ब्यौरा दें और शिकायत दर्ज कराएं. जैसे, मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर अपनी फसल का पंजीकरण किसान करते हैं, उसी तरीके से क्षतिपूर्ति कॉलम में जाकर अपनी फसल का विवरण, खेत नंबर, खसरा नंबर सब वहां पर डालें. इसमें किसान को अभी जानकारी देनी है कि उसकी कितनी एकड़ फसल बर्बाद हुई है और वह कौन सी फसल थी. तभी उन्हें इसका लाभ मिल पाएगा.

मेरी फसल मेरा ब्यौरा योजना की पात्रता और दस्तावेज: पोर्टल पर आवेदन के लिए आवेदक हरियाणा के स्थाई निवासी होने चाहिए. आवेदक के पास उनका आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, भूमि के दस्तावेज (जमाबंदी नकल, खसरा संख्या) खेत के अभिलेख, मोबाइल नंबर और पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ होना जरूरी है. इन सभी दस्तावेज के होने के बाद ही आप इस योजना का लाभ उठा सकते हैं.

करनाल: हरियाणा में पिछले दिनों बारिश की वजह से आई बाढ़ ने काफी तबाही मचाई है. बारिश और बाढ़ से हरियाणा में किसानों की काफी फसल बर्बाद हो गई है. इसके चलते हरियाणा सरकार ने निर्णय लिया है कि, जिस किसान की फसल 100 प्रतिशत बर्बाद हो गई है, उसको प्रति एकड़ ₹15000 सहायता राशि या मुआवजा दिया जाएगा. जिसके लिए किसान को मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर जाकर क्षतिपूर्ति कॉलम में अपनी फसल का ब्यौरा देना होगा. उसके बाद किसान की फसल की वेरिफिकेशन होने के बाद उसको मुआवजा दिया जाएगा.

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हरियाणा में बाढ़ से हजारों एकड़ जमीन प्रभावित: हरियाणा सरकार के अनुसार प्रदेश में हाल ही में आई बाढ़ के कारण 18 हजार एकड़ जमीन पूरी तरह से प्रभावित हो गई है. इस जमीन पर लगी फसल के नुकसान का आकलन अभी किया जा रहा है. हालांकि सर्वे के अनुसार पूरे प्रदेश में लाखों एकड़ फसल बर्बाद हुई है. हरियाणा सरकार के द्वारा प्रदेश के 12 जिलों को बाढ़ प्रभावित घोषित कर दिया है. इन जिलों के 1353 गांव बाढ़ की चपेट में आए हैं. इनमें यमुनानगर, पंचकूला, अंबाला और कुरुक्षेत्र में बाढ़ का अधिक प्रकोप देखने को मिला है.

31 जुलाई तक भरें फसल का ब्यौरा: हरियाणा सरकार ने कहा है कि, किसान मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर अपनी बोई गई फसलों का ब्यौरा 31 जुलाई तक भर दें. इसके बाद 15 अगस्त तक सर्वे और मॉनिटरिंग होगी. इसके बाद कोई किसान रजिस्ट्रेशन नहीं कर पाएगा. सरकार और कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि वो खाली कृषि भूमि का रजिस्ट्रेशन भी करें. साथ ही बाढ़ के दौरान हुए नुकसान का मुआवजा लेने के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर क्लेम करना होगा. यह पोर्टल एक महीने के लिए खुला है. हर सप्ताह जो आवेदन आएंगे, उनका वेरिफिकेशन करके मुआवजा की रकम भेज दी जाएगी. आगे आने वाले आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.

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मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर क्षतिपूर्ति के लिए कैसे करें पंजीकरण: अपनी फसल का मुआवजा लेने के लिए किसानों को सबसे पहले मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा. उसके बाद आपकी स्क्रीन पर होम पेज खुलकर आ जाएगा. यहां आपको फसल क्षति पूर्ति कॉलम में जाकर वहां क्लिक करना होगा. अब आपकी स्क्रीन पर नया पेज आ जाएगा. यहां किसान पंजीकरण (हरियाणा) के विकल्प लिंक पर क्लिक करना होगा. इसके बाद आपकी स्क्रीन पर किसान लॉगिन फॉर्म खुलकर आ जाएगा. यहां आपको अपना मोबाइल नंबर भरना होगा. अब दिए गए कैप्चा कोड को भरकर आपको लॉगिन के बटन पर क्लिक करना होगा. अब आपको आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी प्राप्त होगा, जिसे आपको ओटीपी बॉक्स में दर्ज करना होगा.

किसान ऑनलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया: इसके बाद आपको ओटीपी भरकर ओटीपी सत्यापित कर के बटन पर क्लिक करना होगा. अब आपको मोबाइल नंबर एंटर करने का विकल्प दिखाई देगा, जिस पर क्लिक करके आप मोबाइल नंबर एंटर करें. इसके बाद आपके सामने फॉर्म खुलकर आ जाएगा. यहा आपको ऑथेंटिकेशन, फसल का विवरण, किसान का विवरण, बैंक अकाउंट विवरण, मंडी/आढ़ती का विवरण आदि भरकर सबमिट के विकल्प पर क्लिक करना होगा. इस तरह आपकी किसान ऑनलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी.

मुआवजा के लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण जरूरी: ध्यान रहे किसानों को अपनी फसल का मुआवजा लेने के लिए पहले अपनी फसल का मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करना अनिवार्य है. अगर किसान यहां पर पंजीकरण नहीं करता तो उसका क्षति पूर्ति पोर्टल पर आवेदन नहीं लिया जाएगा. इसलिए किसान पहले अपनी फसल का ब्यौरा मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर जाकर आवेदन करें. उसके बाद उसी पोर्टल में क्षतिपूर्ति कॉलम में जाकर फसल बर्बादी का ब्यौरा दें और शिकायत दर्ज कराएं. जैसे, मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर अपनी फसल का पंजीकरण किसान करते हैं, उसी तरीके से क्षतिपूर्ति कॉलम में जाकर अपनी फसल का विवरण, खेत नंबर, खसरा नंबर सब वहां पर डालें. इसमें किसान को अभी जानकारी देनी है कि उसकी कितनी एकड़ फसल बर्बाद हुई है और वह कौन सी फसल थी. तभी उन्हें इसका लाभ मिल पाएगा.

मेरी फसल मेरा ब्यौरा योजना की पात्रता और दस्तावेज: पोर्टल पर आवेदन के लिए आवेदक हरियाणा के स्थाई निवासी होने चाहिए. आवेदक के पास उनका आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, भूमि के दस्तावेज (जमाबंदी नकल, खसरा संख्या) खेत के अभिलेख, मोबाइल नंबर और पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ होना जरूरी है. इन सभी दस्तावेज के होने के बाद ही आप इस योजना का लाभ उठा सकते हैं.

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