करनाल: करनाल में मंगलवार को किसानों ने महापंचायत (Karnal Kisan Mahapanchayat) के साथ-साथ जिला सचिवालय के घेराव का भी ऐलान किया है. संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर करनाल की अनाज मंडी में किसान महापंचायत का आयोजन होगा. इस दौरान किसान करनाल लघु सचिवालय (Karnal Mini Secretariat) का घेराव करेंगे. किसानों की इस महापंचायत और लघु सचिवालय के घेराव को लेकर जिला प्रशासन ने भी तैयारी की है.
करनाल के उपायुक्त निशांत यादव ने बताया कि जिले में 5 एसपी, 25 डीएसपी, 10 पैरामिलिट्री फोर्स के साथ 40 कंपनियों को तैनात कर दिया गया है. किसी भी हालत में कानून हाथ में लेने नहीं दिया जाएगा. कोई भी नियम और कानून तोड़ने की कोशिश करेगा तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होगी. वहीं प्रशासन की इस तैयारी के बाद किसान नेता गुरनाम चढूनी ने एक बार फिर किसानों से बड़ी संख्या में आने का आह्वान किया है.
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गुरनाम सिंह चढूनी ने एक और वीडियो जारी करते हुए कहा कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में किसान कल करनाल की नई अनाज मंडी में पहुंचे और वहीं से लघु सचिवालय के लिए निकलेंगे. जितने ज्यादा किसान होंगे उतना ही उनका कार्यक्रम सफल होगा. उन्होंने कहा कि सभी अपने ट्रैक्टर ट्राली या किसी भी साधन पर आ सकते हैं, और जहां कहीं भी पुलिस के बैरिकेड मिले उनको तोड़कर आगे निकलें.
उन्होंने कहा कि हम अपने किसान भाइयों से अपील करते हैं कि कल किसी भी तरीके का उपद्रव ना करें, ना ही किसी पुलिस वाले पर किसी लाठी डंडे से वार करें और साथ ही पुलिस चाहे कुछ भी करें उनके ऊपर लाठी डंडे और पत्थरों से वार नहीं करना है. हमनें अपने कल के कार्यक्रम को पूरे तरीके से शांतिपूर्ण तरीके से सफल बनाना है. अगर कोई भी स्वार्थी तत्व ऐसा काम करें तो उसको किसान वहीं पकड़ लें.
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बता दें कि, बीते दिनों करनाल के बसताड़ा टोल प्लाजा पर किसानों पर पुलिस के लाठीचार्ज के बाद से ही किसान और सरकार आमने-सामने है. किसानों ने सरकार के सामने तीन मांगें रखी हैं. पहली मांग ये है कि एसडीएम सहित जिन सरकारी अधिकारियों ने लाठीचार्ज में गलत किया है, इन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो. दूसरी मांग ये है कि जिस किसान की मौत हुई है, उसके परिवार को 25 लाख का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए.
तीसरी मांग ये है कि पुलिस की लाठीचार्ज से घायल हुए सभी किसानों को दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाए. इन तीनों मांगों को मानने के लिए किसानों ने सरकार को 6 सितंबर तक का अल्टीमेटम दिया हुआ है. अगर 6 सितंबर तक सरकार ने बात नहीं मानी तो 7 सितंबर को पूरे हरियाणा के किसान करनाल में पहुंचेंगे और लघु सचिवालय का अनिश्चितकालीन घेराव करेंगे.
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