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करनाल नगर निगम कूड़ा ढोने वाले वाहनों में लगाएगा जीपीएस - करनाल न्यूज

करनाल नगर निगम कूड़ा ढोने वाले वाहनों पर जीपीएस लगाने जा रहा है. जिससे उनके मूवमेंट पर नजर रखी जा सके.

GPS will be installed in Garbage carry vehicles in karnal
करनाल नगर निगम कूड़ा ढोने वाले वाहनो में लगाएगा जीपीएस
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Published : Feb 11, 2021, 10:12 PM IST

करनाल: जिले में कूड़ा उठान के कार्य में लगे वाहनों पर निगरानी बढ़ाने के लिए नगर निगम मौजूदा सिस्टम को और मजबूत करने जा रहा है. नगर निगम कूड़ा उठाने वाले वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगाने जा रहा है. जिससे कूड़ा उठाने वाले वाहनों के हर मूवमेंट पर निगरानी रखी जा सके.

निगम आयुक्त विक्रम ने बताया सॉफ्टवेयर में कुछ नए फीचर जोड़े गए हैं. नगर निगम वाहनों की जीपीएस से निगरानी कर रहा है. मौजूदा स्थिति के अनुसार 104 वाहन जीपीएस युक्त हैं. इनमें 88 टिप्पर, 4 जेसीबी, 1 ट्रैक्टर-ट्रॉली व 5 डम्पर प्लेसर के अतिरिक्त सिटी सर्विस में लगी 6 बसें भी शामिल हैं. कौन सा वाहन, किस लोकशन पर और क्या कार्य कर रहा है, उसकी निगरानी जीपीएस से ही संभव है.

करनाल नगर निगम कूड़ा ढोने वाले वाहनो में लगाएगा जीपीएस

ये भी पढ़ें:पानीपत: कूड़ा अलग करने के लिए 27 करोड़ का टेंडर जारी, मेयर को नहीं जानकारी

जीपीएस वाहनों की मूवमेंट पर रखी जाएगी नजर: निगम आयुक्त

निगम आयुक्त ने कहा कि जीपीएस युक्त वाहन ने एक दिन में काम के दौरान कितनी मूवमेंट की, इस बात का भी पता लगाया जा सकता है. अब ऐसे वाहनों की निगरानी तंत्र को और मजबूत करने के लिए नगर निगम आयुक्त इसमें कुछ एडीशन करवाने जा रहा है, जिससे पारदर्शिता आएगी.

ये भी पढ़ें:गोहाना शहर में स्वच्छता को लेकर हुए सुधार, घर-घर कूड़ा उठाने आती है ट्रैक्टर-ट्रॉली

गाड़ियों की मासिक रिपोर्ट तैयार करना होगा आसान: निगम आयुक्त

निगम आयुक्त ने बताया कि नए प्रावधान में जिओ फैंसिंग होगी. जिससे वाहन का एरिया व रूट मार्क हो जाएगा. वाहन किस एरिया में घूम रहा है या अपने एरिया से बाहर है, उसका आसानी से पता चल सकेगा यानि उसकी मॉनिटरिंग हो सकेगी. ऑन रोड कितने वाहन हैं, कितने रूके हुए हैं, कितने खड़े हैं और कितनी दूरी तय कर रहे हैं, इस बात का अंदाजा लगाना आसान होगा. इन उपायों से वाहन की दैनिक मूवमेंट की रिपोर्ट मिलेगी और महीने में गाडियों ने कितना सफर किया, उसकी मासिक रिपोर्ट तैयार हो सकेगा.

ये भी पढ़ें:पानीपत नगर निगम की कार्रवाई, काबुली बाग मस्जिद और रानी महल के पास बन रहे अवैध घरों को तोड़ा

क्या है जीपीएस

जीपीएस एक ग्लोबल नेविगेशन सेटेलाईट सिस्टम है. जो किसी भी चीज की लोकेशन पता करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. शुरू में ये सिस्टम सेनाओं के इस्तेमाल के लिए बनाया गया था, लेकिन अब सभी के लिए है. आज ये हमारे मोबाइल में भी देखने को मिलता है. इस टेक्नोलॉजी का सबसे ज्यादा इस्तेमाल नेविगेशन यानि रास्ता ढूढने के लिए किया जाता है. ये सिस्टम ट्रांसपोर्ट में ज्यादा इस्तेमाल होता है.

ये भी पढ़ें:इस बार गर्मियों में नहीं होगी पानी की किल्लत! जानें फरीदाबाद नगर निगम का एक्शन प्लान

करनाल: जिले में कूड़ा उठान के कार्य में लगे वाहनों पर निगरानी बढ़ाने के लिए नगर निगम मौजूदा सिस्टम को और मजबूत करने जा रहा है. नगर निगम कूड़ा उठाने वाले वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगाने जा रहा है. जिससे कूड़ा उठाने वाले वाहनों के हर मूवमेंट पर निगरानी रखी जा सके.

निगम आयुक्त विक्रम ने बताया सॉफ्टवेयर में कुछ नए फीचर जोड़े गए हैं. नगर निगम वाहनों की जीपीएस से निगरानी कर रहा है. मौजूदा स्थिति के अनुसार 104 वाहन जीपीएस युक्त हैं. इनमें 88 टिप्पर, 4 जेसीबी, 1 ट्रैक्टर-ट्रॉली व 5 डम्पर प्लेसर के अतिरिक्त सिटी सर्विस में लगी 6 बसें भी शामिल हैं. कौन सा वाहन, किस लोकशन पर और क्या कार्य कर रहा है, उसकी निगरानी जीपीएस से ही संभव है.

करनाल नगर निगम कूड़ा ढोने वाले वाहनो में लगाएगा जीपीएस

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जीपीएस वाहनों की मूवमेंट पर रखी जाएगी नजर: निगम आयुक्त

निगम आयुक्त ने कहा कि जीपीएस युक्त वाहन ने एक दिन में काम के दौरान कितनी मूवमेंट की, इस बात का भी पता लगाया जा सकता है. अब ऐसे वाहनों की निगरानी तंत्र को और मजबूत करने के लिए नगर निगम आयुक्त इसमें कुछ एडीशन करवाने जा रहा है, जिससे पारदर्शिता आएगी.

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गाड़ियों की मासिक रिपोर्ट तैयार करना होगा आसान: निगम आयुक्त

निगम आयुक्त ने बताया कि नए प्रावधान में जिओ फैंसिंग होगी. जिससे वाहन का एरिया व रूट मार्क हो जाएगा. वाहन किस एरिया में घूम रहा है या अपने एरिया से बाहर है, उसका आसानी से पता चल सकेगा यानि उसकी मॉनिटरिंग हो सकेगी. ऑन रोड कितने वाहन हैं, कितने रूके हुए हैं, कितने खड़े हैं और कितनी दूरी तय कर रहे हैं, इस बात का अंदाजा लगाना आसान होगा. इन उपायों से वाहन की दैनिक मूवमेंट की रिपोर्ट मिलेगी और महीने में गाडियों ने कितना सफर किया, उसकी मासिक रिपोर्ट तैयार हो सकेगा.

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क्या है जीपीएस

जीपीएस एक ग्लोबल नेविगेशन सेटेलाईट सिस्टम है. जो किसी भी चीज की लोकेशन पता करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. शुरू में ये सिस्टम सेनाओं के इस्तेमाल के लिए बनाया गया था, लेकिन अब सभी के लिए है. आज ये हमारे मोबाइल में भी देखने को मिलता है. इस टेक्नोलॉजी का सबसे ज्यादा इस्तेमाल नेविगेशन यानि रास्ता ढूढने के लिए किया जाता है. ये सिस्टम ट्रांसपोर्ट में ज्यादा इस्तेमाल होता है.

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