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Diwali 2022: धनतेरस से शुरु होकर भैया दूज तक मनाई जाती है दिवाली, नरक चतुर्दशी से जुड़ी है ये कथा

दीपावली 2022 का त्योहार (diwali 2022) धनतेरस से शुरु होकर भैया दूज तक चलता है. धर्मशास्त्रों में दीपावली को लेकर कई सारी मान्यताएं बताई गई हैं. पंडित विश्वनाथ ने धनतेरस के बाद नरक चतुर्दशी से जुड़ी कथा के बारे में बताया.

दीपावली 2022 का त्योहार
दीपावली 2022 का त्योहार
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Published : Oct 23, 2022, 10:43 AM IST

करनाल: हिंदू धर्मशास्त्रों के अनुसार प्रत्येक वर्ष कार्तिक माह की अमावस्या को दीपावली 2022 का त्योहार (festival of diwali 2022) मनाया जाता है. इस दिन मां लक्ष्मी और श्रीगणेश की पूजा अर्चना की जाती है. बता दें कि दीपावली का त्योहार एक दिन नहीं बल्कि पूरे पांच दिनों का होता है. धनतेरस से दीपावली की शुरुआत होती है और भैया दूज के साथ इसका समापन होता है.



पंडित विश्वनाथ बताते हैं कि (Diwali festival in karnal) धनतेरस का त्योहार कार्तिक मास के त्रयोदशी को मनाया जाता है. धनतेरस को धन त्रयोदशी के नाम से भी जानते हैं. इस दिन देवताओं के वैद्य भगवान धन्वंतरी की जयंती भी मनाई जाती है. इस दिन सोना, चांदी और अन्य वस्तुओं की खरीदारी करना लाभकारी माना गया है. कार्तिक मास की कृष्ण त्रयोदशी का प्रारंभ 22 अक्टूबर को शनिवार शाम 6 बजकर 2 मिनट से हुआ और यह रविवार के दिन 23 अक्टूबर की शाम 6 बजकर 3 मिनट तक रहेगा.

यह भी पढ़ें-दीपावली 2022: सिर्फ इतना सा है ग्रीन और सामान्य पटाखों में अंतर, जानिए

पंडित विश्वनाथ ने आगे बताया कि नरक चतुर्दशी या काली चौदस कार्तिक मास के कृष्ण चतुर्दशी ति​थि को होता (diwali 2022 in karnal) है. काली चौदस पश्चिम बंगाल में मनाते हैं. नरक चतुर्दशी को छोटी दीपावली भी कहते हैं. कार्तिक मास के कृष्ण चतुर्दशी को श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध किया था. इसलिए इस दिन नरक चतुर्दशी मनाते हैं. हालांकि इस साल काली चौदस की पूजा 23 अक्टूबर की रात को होगी, लेकिन नरक चतुर्दशी यानी छोटी दीपावली (diwali 2022) 24 अक्टूबर को दीपावली के साथ ही मनाई (diwali 2022 celebration in karnal) जाएगी.

करनाल: हिंदू धर्मशास्त्रों के अनुसार प्रत्येक वर्ष कार्तिक माह की अमावस्या को दीपावली 2022 का त्योहार (festival of diwali 2022) मनाया जाता है. इस दिन मां लक्ष्मी और श्रीगणेश की पूजा अर्चना की जाती है. बता दें कि दीपावली का त्योहार एक दिन नहीं बल्कि पूरे पांच दिनों का होता है. धनतेरस से दीपावली की शुरुआत होती है और भैया दूज के साथ इसका समापन होता है.



पंडित विश्वनाथ बताते हैं कि (Diwali festival in karnal) धनतेरस का त्योहार कार्तिक मास के त्रयोदशी को मनाया जाता है. धनतेरस को धन त्रयोदशी के नाम से भी जानते हैं. इस दिन देवताओं के वैद्य भगवान धन्वंतरी की जयंती भी मनाई जाती है. इस दिन सोना, चांदी और अन्य वस्तुओं की खरीदारी करना लाभकारी माना गया है. कार्तिक मास की कृष्ण त्रयोदशी का प्रारंभ 22 अक्टूबर को शनिवार शाम 6 बजकर 2 मिनट से हुआ और यह रविवार के दिन 23 अक्टूबर की शाम 6 बजकर 3 मिनट तक रहेगा.

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पंडित विश्वनाथ ने आगे बताया कि नरक चतुर्दशी या काली चौदस कार्तिक मास के कृष्ण चतुर्दशी ति​थि को होता (diwali 2022 in karnal) है. काली चौदस पश्चिम बंगाल में मनाते हैं. नरक चतुर्दशी को छोटी दीपावली भी कहते हैं. कार्तिक मास के कृष्ण चतुर्दशी को श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध किया था. इसलिए इस दिन नरक चतुर्दशी मनाते हैं. हालांकि इस साल काली चौदस की पूजा 23 अक्टूबर की रात को होगी, लेकिन नरक चतुर्दशी यानी छोटी दीपावली (diwali 2022) 24 अक्टूबर को दीपावली के साथ ही मनाई (diwali 2022 celebration in karnal) जाएगी.

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