करनाल: हरियाणा में गन्ने के रेट बढ़ाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों (Haryana farmers demand to increase sugarcane rate) ने सरकार पर दबाव बनाने के लिए रणनीति तैयार की है. करनाल में मंगलवार को हुई महापंचायत में इसकी कार्ययोजना बनाई गई. जिसके तहत किसान 29 दिसंबर को सत्ताधारी पार्टियों के विधायकों के घर धरना देंगे, वहीं 10 जनवरी को करनाल में दोबारा किसान महापंचायत होगी, जिसमें प्रदेश भर के किसान आगामी रणनीति बनाने के लिए जुटेंगे.
भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) गुट के आह्वान पर प्रदेश के किसान गन्ने के भाव बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. किसानों (Farmers protest in Karnal) ने इसको लेकर गन्ना मिलों पर भी धरना दिया था. इसी कड़ी में करनाल के सेक्टर 12 स्थित जाट धर्मशाला में मंगलवार को चढूनी गुट के किसान व गन्ना शुगर मिल से जुड़े किसानों के प्रतिनिधियों सहित कई किसान पहुंचे. गुरनाम सिंह चढूनी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इन किसानों से जुड़े और प्रदेश में गन्ने के रेट को लेकर आंदोलन की रूपरेखा तैयार की.
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प्रदेश में सरकार ने गन्ने का भाव 362 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया है, जबकि किसान इसे बढ़ाकर 450 रुपए प्रति क्विंटल करने की मांग कर रहे हैं. वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए जुड़े किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने किसानों से 29 दिसंबर को सत्ता पक्ष के सभी विधायकों के घरों पर धरना देने की घोषणा की. इसके बाद 5 जनवरी को दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक सांकेतिक रूप में सभी शुगर मिलों के तुलाई काटे बंद रखने का निर्णय लिया गया. इस दौरान शुगर मिलों के बाहर धरना भी दिया जाएगा. 10 जनवरी को अनाज मंडी करनाल में किसान महापंचायत बुलाई गई है, जिसमें गन्ने की रेट को लेकर सरकार के खिलाफ रणनीति को अंतिम रूप दिया जाएगा.
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