करनाल: संयुक्त किसान मोर्चा एक बार फिर से राष्ट्रीय स्तर का आंदोलन करने जा रहा है. ये आंदोलन 26 नवंबर से 28 नवंबर तक चलेगा. इस दौरान देश के हर राज्यों में वहां के किसान अपने अलग-अलग मुद्दों को लेकर राजभवन और राजधानी की तरफ कूच करेंगे. इसी को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने सौकड़ा गांव करनाल में रणनीति बनाई. दरअसल करनाल के सौकड़ा गांव में कबड्डी टूर्नामेंट का आयोजन किया था. जिसमें किसान नेता बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए.
इस दौरान उन्होंने वहां संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्यों से भी बातचीत की. 23 नवंबर को कुरुक्षेत्र के पीपली में किसान नेता गुरनाम चढूनी रैली करने जा रहे हैं. इस रैली में न्योता मिलने के सवाल पर राकेश टिकैत ने कहा कि मुझे इस रैली के लिए कोई न्योता नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि अब इलेक्शन का दौर शुरू हो गया है. किसान नेता ने कहा कि मैं राजनीतिक आदमी नहीं हूं. इसलिए राजनीति से दूर रहता हूं.
एक तरह से राकेश टिकैत ने गुरनाम चढूनी की रैली को इलेक्शन की रैली बता डाला. एमसपी गारंटी कानून पर राकेश टिकैत ने कहा कि राजस्थान चुनाव में एमएसपी गारंटी कानून लागू करने की बात हो रही है. जो अच्छी बात हैं. राजस्थान के मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि वो अपने स्टेट में स्टेट एमएसपी लागू करेंगे, ऐसे में एक स्टेट से शुरुआत हो जाएगी, लेकिन ये केंद्र सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वो पूरे देश में एमएसपी गारंटी कानून लागू करें.
राकेश टिकैत ने कहा कि अभी 40 प्रतिशत एमएसपी पर किसान से फसल खरीदी जा रही है. 60 प्रतिशत हिस्सा व्यापारी पर जा रहा है. अगर पूरे देश का आंकलन किया जाए तो 6 प्रतिशत फसल ही एमएसपी पर खरीदी जा रही है. गन्ने के बढ़े भाव पर राकेश टिकैत ने कहा कि देश के अंदर जहां भी किसानों के द्वारा आंदोलन मजबूत रूप से किया जाएगा. वहां पर सरकार के द्वारा हर काम किए जाएंगे.
आईसीसी वर्ल्ड कप के फाइनल मैच में ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय टीम को हराकर ट्रॉफी जीती है. जिस पर राहुल गांधी ने कहा कि अच्छी खासी भारतीय टीम जीत जाती, लेकिन पनौती की वजह से टीम हार गई. इस सवाल पर राकेश टिकैत ने कहा कि इस देश में कोई भी किसी को कुछ भी कह सकता है. पूरा देश चाहता था कि पीएम मोदी मैच ना देखें, लेकिन फिर भी वो मैच देखने गए. क्योंकि वो खिलाड़ियों में भी राजनीति लाना चाहते हैं, जबकि उनको चाहिए कि खिलाड़ियों को खिलाड़ी ही रहने दें, ताकि वो अपना अच्छा प्रदर्शन कर सकें. फाइनल मैच के दौरान खिलाड़ियों पर काफी दबाव आ गया था और उस दबाव के कारण ही वो हार गए.