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टिकैत के बयान पर फसलों को कुर्बान कर रहे किसान, सालभर की मेहनत हो रही बर्बाद

राकेश टिकैत ने अपनी हिसार की महापंचायत में एक बयान दिया कि अगर जरूरत पड़ी तो किसान अपनी खड़ी फसल में आग लगा देंगे, लेकिन आंदोलन ऐसे ही चलता रहेगा. इसी बयान के कारण अब हरियाणा में किसानों ने अपनी गेहूं की फसल को नष्ट करना शुरू कर दिया है.

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Published : Feb 25, 2021, 7:58 PM IST

farmers destroying crops by tractors in haryana
farmers destroying crops by tractors in haryana

करनाल: केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ तीन महीने से दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन जारी है. इस बीच भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत के एक बयान के बाद हरियाणा में किसान अपनी फसल बर्बाद करने लगे हैं. किसान अपनी खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चला रहे हैं.

गुरुवार को सोनीपत के गांव सिलाना में एक किसान ने 5 एकड़ गेहूं की लहलहाती फसल पर किसानों ने ट्रैक्टर चला दिया. किसान का कहना है कि वो इस कृषि कानून से बहुत दुखी हैं. वो किसान आंदोलन के समर्थन में कुछ भी कर सकते हैं और अपने नेता राकेश टिकैत के कहने पर अपनी पूरी फसल बर्बाद कर सरकार के खिलाफ विरोध जताना चाहते हैं.

टिकैत के बयान पर फसलों को कुर्बान कर रहे किसान, सालभर की महनत हो रही बर्बाद

खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चला रहे हैं किसान

करनाल के मुण्डीगढ़ी गांव में भी एक किसान ने तीन कृषि कानूनों के विरोध में और किसान आंदोलन के समर्थन में अपनी 4 एकड़ गेहूं की फसल पर ट्रैक्टर चला दिया. इस दौरान कुछ किसानों ने इस दौरान इस किसान को समझाने की बहुत कोशिश की, लेकिन बावजूद इसके किसान ने अपनी 4 एकड़ की फसल को नष्ट कर दिया.

सालभर की मेहनत को किसानों ने कर दिया बर्बाद

वहीं रोहतक के किसान मंदीप ने कहा कि उसने घर खर्च की फसल रखकर बाकी पर ट्रैक्टर चला दिया है. जिससे अगली फसल को हरी खाद भी मिलेगी और प्रदूषण भी नहीं होगा. किसानों ने कहा कि सरकार उनकी सुन नहीं कर रही है, इसलिए उन्होंने मजबूरी में ये कदम उठाया है.

ये भी पढ़ें- राकेश टिकैत ने बोला और किसानों ने माना, गेहूं की फसल को ट्रैक्टर चलाकर किया बर्बाद

बता दें कि किसान नेता राकेश टिकैत ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा था कि मैं आप लोगों से कहना चाहता हूं कि अगर जरूरत पड़ी, तो आपको अपनी एक फसल का बलिदान देने के लिए तैयार रहना चाहिए. हालांकि अब बार-बार राकेश टिकैत किसानों अपील कर रहे हैं कि किसान अपनी फसल को नष्ट ना करें, लेकिन किसान अब फसल को नष्ट करने पर तुले हुए हैं.

गौरतलब है कि हरियाणा, पश्चिमी यूपी और पंजाब में किसानों पर इस आंदोलन का काफी प्रभाव है. वहीं इस क्षेत्र को कृषि प्रधान क्षेत्र भी माना जाता है, ऐसे में किसान नेताओं के प्रभाव में आकर किसान फसलों को बर्बाद करने लगे, तो काफी खाद्यान की बर्बादी हो जाएगी और इसके काफी बुरे परिणाम सामने आ सकते हैं.

ये भी पढे़ं- मंत्रियों की बुद्धि भ्रष्ट हो चुकी है और ये सब पागल हो चुके हैं: राकेश टिकैत

करनाल: केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ तीन महीने से दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन जारी है. इस बीच भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत के एक बयान के बाद हरियाणा में किसान अपनी फसल बर्बाद करने लगे हैं. किसान अपनी खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चला रहे हैं.

गुरुवार को सोनीपत के गांव सिलाना में एक किसान ने 5 एकड़ गेहूं की लहलहाती फसल पर किसानों ने ट्रैक्टर चला दिया. किसान का कहना है कि वो इस कृषि कानून से बहुत दुखी हैं. वो किसान आंदोलन के समर्थन में कुछ भी कर सकते हैं और अपने नेता राकेश टिकैत के कहने पर अपनी पूरी फसल बर्बाद कर सरकार के खिलाफ विरोध जताना चाहते हैं.

टिकैत के बयान पर फसलों को कुर्बान कर रहे किसान, सालभर की महनत हो रही बर्बाद

खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चला रहे हैं किसान

करनाल के मुण्डीगढ़ी गांव में भी एक किसान ने तीन कृषि कानूनों के विरोध में और किसान आंदोलन के समर्थन में अपनी 4 एकड़ गेहूं की फसल पर ट्रैक्टर चला दिया. इस दौरान कुछ किसानों ने इस दौरान इस किसान को समझाने की बहुत कोशिश की, लेकिन बावजूद इसके किसान ने अपनी 4 एकड़ की फसल को नष्ट कर दिया.

सालभर की मेहनत को किसानों ने कर दिया बर्बाद

वहीं रोहतक के किसान मंदीप ने कहा कि उसने घर खर्च की फसल रखकर बाकी पर ट्रैक्टर चला दिया है. जिससे अगली फसल को हरी खाद भी मिलेगी और प्रदूषण भी नहीं होगा. किसानों ने कहा कि सरकार उनकी सुन नहीं कर रही है, इसलिए उन्होंने मजबूरी में ये कदम उठाया है.

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बता दें कि किसान नेता राकेश टिकैत ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा था कि मैं आप लोगों से कहना चाहता हूं कि अगर जरूरत पड़ी, तो आपको अपनी एक फसल का बलिदान देने के लिए तैयार रहना चाहिए. हालांकि अब बार-बार राकेश टिकैत किसानों अपील कर रहे हैं कि किसान अपनी फसल को नष्ट ना करें, लेकिन किसान अब फसल को नष्ट करने पर तुले हुए हैं.

गौरतलब है कि हरियाणा, पश्चिमी यूपी और पंजाब में किसानों पर इस आंदोलन का काफी प्रभाव है. वहीं इस क्षेत्र को कृषि प्रधान क्षेत्र भी माना जाता है, ऐसे में किसान नेताओं के प्रभाव में आकर किसान फसलों को बर्बाद करने लगे, तो काफी खाद्यान की बर्बादी हो जाएगी और इसके काफी बुरे परिणाम सामने आ सकते हैं.

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