करनाल: हरियाणा में पिछले दिनों बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की ज्यादातर गेहूं की फसल बर्बाद हो चुकी है. इससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है. वहीं, किसान शुरू से ही मुआवजे की मांग कर रहे हैं, जिसके चलते आज भी भारतीय किसान यूनियन टिकैत ग्रुप ने करनाल की सड़कों पर उतर कर मुआवजा लेने के लिए सरकार के खिलाफ थाली बजाकर प्रदर्शन किया. किसानों ने करनाल की जाट धर्मशाला से प्रदर्शन शुरू करते हुए लघु सचिवालय तक किया, जिसमें सैकड़ों किसानों ने भाग लिया. प्रदर्शन भारतीय किसान यूनियन टिकैत ग्रुप के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष रतन मान की अध्यक्षता में किया गया.
किसानों की मांग है कि खराब फसल की गिरदावरी करा कर उनको मुआवजा दिया जाए. भारतीय किसान यूनियन टिकैत ग्रुप के प्रदेश अध्यक्ष रतन मान ने कहा कि बेमौसम बरसात व ओलावृष्टि से किसानों की अकेले करनाल में लाखो एकड़ गेहूं की फसल तबाह हो चुकी है, ऐसे में किसान 25000 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि 'मेरा फसल मेरा ब्यौरा' पर जो सिस्टम सरकार ने पंजीकरण का चलाया हुआ है वह सही नहीं है. वहीं, अगर दूसरे पड़ोसी राज्यों की बात करें किसी भी राज्य में ऐसा सिस्टम नहीं है. अन्य प्रदेश की सरकारें सीधी गिरदावरी कराकर मुआवजा देने की बात कहती है तो हरियाणा सरकार ऐसा क्यों नहीं कर सकती.
रतन मान ने कहा कि, हरियाणा सरकार को चाहिए कि प्रत्येक गांव में गांव का एक नंबरदार, उस गांव का पटवारी और उसी गांव से संबंधित कृषि विकास अधिकारी इन तीन लोगों को लेकर एक कमेटी बनाए और धरातल पर जाकर उनकी गिरदावरी कराकर किसानों का जितना नुकसान हुआ है उस आधार पर सीधा मुआवजा दें. उन्होंने कहा कि पोर्टल के जरिए गिरदावरी करवाना सरकार अपने चहेते लोगों को ही फायदा पहुंचाती है. उन्होंने कहा कि, पहले से भी पोर्टल के तहत किसानों को मुआवजा दिया जाता रहा है वह वही किसान होते हैं जो मुआवजे के हकदार नहीं होते और प्रशासनिक और सरकार के लोगों के जानकार होते हैं. पोर्टल के जरिए मुआवजा देना सही तरीका नहीं है. इसलिए उसको सीधा गिरदावरी कराकर किसानों को मुआवजा दिया जाए.
बता दें कि बरसात के दिनों में करनाल में खराब हुई गेहूं की फसल का दौरा करने के लिए राकेश टिकैत भी पहुंचे थे जिन्होंने सरकार के द्वारा किसानों को मुआवजा देने की बात कही थी. उन्होंने कहा कि अगर सरकार सही तरीके से मुआवजा नहीं देती तो भारतीय किसान यूनियन टिकैत ग्रुप सड़कों पर उतर कर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेगा और इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी. किसानों ने सरकार को चेतावनी देते हुए आज प्रदर्शन किया है, जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन जिला उपायुक्त को सौंपा है.
किसानों की मांग की है कि किसानों को जो नुकसान बरसात की वजह से हुआ है, उसकी सीधी गिरदावरी की जानी चाहिए ना कि पोर्टल के जरिए से उनका पंजीकरण करवाकर मुआवजा देने की प्रक्रिया अपनाई जाए. क्योंकि इस प्रक्रिया में समय ज्यादा लग जाएगा. क्योंकि गेहूं की कटाई शुरू हो चुकी है. ऐसे में किसानों को मुआवजा कैसे मिल पाएगा, जब उनकी फसल ही कट जाएगी. सरकार को चाहिए कि ज्यादा कर्मचारी और अधिकारियों को लगाकर जल्द से जल्द सीधी गिरदावरी कराकर मुआवजा दिया जाए.