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गुरुनानक देव जी का 550वां प्रकाशोत्सव, करनाल में अखंड पाठ का आयोजन

सिखों के प्रथम गुरु गुरुनानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव के मौके पर करनाल में खास आयोजन किया गया. निर्मल कुटिया में 52 अखंड पाठ गुरु ग्रंथ साहब जी का आरंभ कर दिया गया है.

गुरुनानक देव जी का 550वां प्रकाशोत्सव
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Published : Nov 11, 2019, 10:36 PM IST

करनाल: विश्वभर में गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व को धूमधाम से मनाया जा रहा है. करनाल में भी प्रकाश पर्व के मौके पर निर्मल कुटिया सेक्टर 12 में भी खास आयोजन किए गए हैं. निर्मल कुटिया में 52 अखंड पाठ गुरु ग्रंथ साहब जी का आरंभ कर दिया गया है. इस दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने हिस्सा लेने आ रहे हैं.

प्रकाश पर्व पर समागम का आयोजन

12 नवंबर को एक विशाल समागम भी किया जाएगा. इस दिन निर्मल कुटिया में कीर्तन और कथा वाचक भी पहुंचेंगे. इसके अलावा लंगर भी लगाया जाएगा.निर्मल कुटिया में पहुंचे श्रद्धालुओं ने कहा कि गुरु नानक देव जी ने 550 साल पहले जो मानवता के लिए किया था वो कोई नहीं कर सकता है. गुरु नानक देव जी किसी एक के संत नहीं बल्कि सारी मानवता के संत थे.

करनाल के प्रकाश पर्व पर अखंड पाठ

ये भी पढ़िए:गुरुनानक देव जी का 550वां प्रकाशोत्सव: कुरुक्षेत्र में धूमधाम से निकाला गया नगर कीर्तन

गुरुनानक देव जी का 550वां प्रकाशोत्सव

सिख धर्म के संस्थापक और सिखों के पहले धर्मगुरु गुरु नानक देव की 550 वीं जयंती के मौके पर देशभर में उत्सव मनाया जा रहा है. गुरुद्वारों को सजाया गया है और लगातार कीर्तन चल रहे हैं. गुरु नानक देव की जी जयंती को प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है, जो कि इस साल 12 नवंबर को है. गुरु नानक का जन्म कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा 1526 ई में हुआ था. यही कारण है हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा को प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है.

करनाल: विश्वभर में गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व को धूमधाम से मनाया जा रहा है. करनाल में भी प्रकाश पर्व के मौके पर निर्मल कुटिया सेक्टर 12 में भी खास आयोजन किए गए हैं. निर्मल कुटिया में 52 अखंड पाठ गुरु ग्रंथ साहब जी का आरंभ कर दिया गया है. इस दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने हिस्सा लेने आ रहे हैं.

प्रकाश पर्व पर समागम का आयोजन

12 नवंबर को एक विशाल समागम भी किया जाएगा. इस दिन निर्मल कुटिया में कीर्तन और कथा वाचक भी पहुंचेंगे. इसके अलावा लंगर भी लगाया जाएगा.निर्मल कुटिया में पहुंचे श्रद्धालुओं ने कहा कि गुरु नानक देव जी ने 550 साल पहले जो मानवता के लिए किया था वो कोई नहीं कर सकता है. गुरु नानक देव जी किसी एक के संत नहीं बल्कि सारी मानवता के संत थे.

करनाल के प्रकाश पर्व पर अखंड पाठ

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गुरुनानक देव जी का 550वां प्रकाशोत्सव

सिख धर्म के संस्थापक और सिखों के पहले धर्मगुरु गुरु नानक देव की 550 वीं जयंती के मौके पर देशभर में उत्सव मनाया जा रहा है. गुरुद्वारों को सजाया गया है और लगातार कीर्तन चल रहे हैं. गुरु नानक देव की जी जयंती को प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है, जो कि इस साल 12 नवंबर को है. गुरु नानक का जन्म कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा 1526 ई में हुआ था. यही कारण है हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा को प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है.

Intro:करनाल में गुरु नानक देव जी के 550 में प्रकाश पूर्व को लेकर निर्मल कुटिया सेक्टर 12 में आज 52 अखंड पाठ गुरु ग्रंथ साहब जी के हुए आरंभ  जिनके भोग 12 नवंबर को गुरु नानक देव जी के 550 में प्रकाश पर्व जो पूरे विश्व भर में मनाया जा रहा है उस दिन डाले जाएंगे और उसी के साथ एक विशाल समागम होगा कीर्तन कथा वाचक पहुंचकर संगत को निहाल करेंगे वही गुरु का लंगर भी अटूट वरताया जा रहा है ! वैसे तो निर्मल कुटिया में 24 घंटे ही लंगर चलता रहता है इसी के साथ ही करनाल  के सभी हॉस्पिटलों में भी मरीजों को यहां से लंगर भेजा जाता है सेवादार खुद जाकर वहां लंगर देकर सेवा करते हैं साथ मरीजों के परिजनों को भी लंगर शकाया जाता है !
 Body:करनाल निर्मल कुटिया में गुरु नानक देव जी का प्रकाश पूर्व विश्व बड़ी धूमधाम से मना रहा है उसी कड़ी में निर्मल कुटिया में गुरु नानक देव जी का गुरपूर्व मनाया जा रहा है हर साल पहले भी यहां और नानक देव जी का गुरु पर्व मनाया जाता है लेकिन अबकी बार कुछ अलग ही है ! करनाल में गुरु नानक देव जी के 550 में प्रकाश पूर्व को लेकर निर्मल कुटिया सेक्टर 12 में आज 52 अखंड पाठ गुरु ग्रंथ साहब जी के  आरंभ हुए जिनके भोग 12 नवंबर को गुरु नानक देव जी के 550 में प्रकाश पर्व जो पूरे विश्व भर में मनाया जा रहा है उस दिन डाले जाएंगे और उसी के साथ एक विशाल समागम होगा कीर्तन कथा वाचक पहुंचकर संगत को निहाल करेंगे वही गुरु का लंगर भी अटूट वरताया जा रहा है ! वैसे तो निर्मल कुटिया में 24 घंटे ही लंगर चलता रहता है इसी के साथ ही करनाल  के सभी हॉस्पिटलों में भी मरीजों को यहां से लंगर भेजा जाता है सेवादार खुद जाकर वहां लंगर देकर सेवा करते हैं साथ मरीजों के परिजनों को भी लंगर शकाया जाता है ! 
 Conclusion:करनाल निर्मल कुटिया में पहुंचे श्रद्धालुओं का कहना था कि गुरु नानक देव जी ने 550 साल पहले जो मानवता के लिए किया था वह कोई नहीं कर सकता और गुरु नानक देव जी किसी एक के संत नहीं थी वह सारी मानवता के संत थे और उन्होंने ही लंगर की शुरुआत की थी ₹20 का लंगर साधुओं को छुपाया था उसी से ही आज तक जितना भी आप देख सकते हैं कि लंगर चल रहे हैं उनका कहना था कि हम सुल्तानपुर लोधी भी जा कर आए हैं वहां के भी दर्शन किए हैं बहुत ही अच्छा लगा और हम गुरु नानक देव जी के प्रकाश पूरब पर पूरे विश्व को बधाई देते हैं  
बाईट - सेवादार !बाईट- श्रद्धालु !
बाईट -राजिंदर सिंह !
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