करनाल: जिला उपायुक्त ने शुक्रवार को विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में उन्होंने कहा कि केंद्रीय पूल में जिले के 288 मिलर्स धान की फसल दी गई. जिनमें 66 मिलर्स ने नॉमर्स अनुसार मिलिंग नहीं की. उपायुक्त ने कहा कि जिन्होंने नॉर्मस का पालन नहीं किया उनके खिलाफ जांच होगी. इसके लिए उन्होंने बैठक में मौजूद अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए.
करनाल उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने कहा कि राइस मिलों को मिलिंग के लिए केन्द्रीय पूल में दी जाने वाली धान का अब फिजिकल वेरिफिकेशन किया जाएगा. जिले के जिन मिलों को मिलिंग के लिए धान दिया गया है. उन्हें मिलिंग के रूप में नॉर्मस के अनुसार केन्द्रीय पूल में चावल वापस दी जाती है.
कुछ मिलर्स समय पर मिलिंग नहीं करते, जिसके कारण वह समय पर केन्द्रीय पूल में चावल नहीं जमा करते, इसकी जांच के लिए जिले में 9 टीमें बनाई जाएंगी. यह टीमें मिलों में जाकर गहनता से जांच करेगी. उपायुक्त शुक्रवार को लघु सचिवालय के सभागार में अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि जिला में करीब 288 सेलर हैं.
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इन सेलरों में केन्द्रीय पूल की धान मिलिंग के लिए दी गई थी. नॉमर्स के अनुसार मास दिसम्बर में कुल धान का मिलिंग करके 30 प्रतिशत, जनवरी में 20 प्रतिशत, फरवरी में 20 प्रतिशत, मार्च में 10 प्रतिशत व अप्रैल में 20 प्रतिशत देना होता है, लेकिन अभी तक जिले में ऐसे 66 राईस मिल हैं जिन्होंने नॉमर्स के अनुसार 50 प्रतिशत जमा नहीं करवाया है.
नॉमर्स के अनुसार 100 किलोग्राम धान मिलर्स को केन्द्रीय पुल में 67 किलोग्राम चावल देना होता है. जिन मिलर्स ने अभी तक अपने नॉमर्स पूरे नहीं किए हैं, उनकी जांच के लिए उच्च अधिकारियों की अध्यक्षता में टीम का गठन किया जा रहा है, जोकि मिल में जाकर फिजिकल वेरिफिकेशन करेंगी.
उपायुक्त ने बताया कि कुछ मिलर्स अच्छी किस्म की धान लेकर पीडीएस के चावल खरीदकर केन्द्रीय पुल में जमा करवाते हैं, जोकि नियम के अनुसार गलत है, इसके लिए भी यह टीमें जांच करेंगी. इन टीमों में कार्यकारी अभियंता व खाद्य आपूर्ति विभाग के दो निरीक्षक भी शामिल रहेंगे. इस टीम को 17 फरवरी तक वेरिफिकेशन करके रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दे दिए गए हैं. यदि कोई मिलर्स वेरिफिकेशन करवाने में सहयोग नहीं करता या आनाकानी करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.