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करनालः हरियाणा का ये पहला सरकारी अस्पताल जो ऑक्सीजन के मामले में बनेगा आत्मनिर्भर - करनाल नागरिक अस्पताल ऑक्सीजन प्लांट

करनाल का सरकारी अस्पताल हरियाणा का पहला ऐसा अस्पताल होगा, जहां ऑक्सीजन प्लांट लगाया जाएगा और 200 बेड एक्स्ट्रा तैयार किए जाएंगे जिन पर ऑक्सीजन उपलब्ध रहेगी. अब तक इस अस्पताल में 100 बेड पर ऑक्सीजन उपलब्ध थी.

200 cylinder beds will be installed in government hospital in Karnal
200 cylinder beds will be installed in government hospital in Karnal
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Published : Jan 2, 2021, 3:23 PM IST

करनाल: कोरोना महामारी ने जहां एक तरफ लोगों को संकट के दौर में डाला तो वहीं इस महामारी ने स्वास्थ्य विभाग की तैयारियों पर प्रश्न चिन्ह खड़े कर दिए. महामारी की शुरूआत में मास्क, सैनिटाइजर की काफी कमी देखने को मिली थी. इसके अलावा सबसे ज्यादा कमी सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर की थी. कोरोना की वजह से अन्य बीमारी से ग्रस्त लोगों को सही इलाज नहीं मिल पा रहा था. अब करनाल का सरकारी अस्पताल ऑक्सीजन सिलेंडर के मामले में आत्मनिर्भर बनने जा रहा है.

अब नहीं होगी ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी

केंद्र सरकार ने फैसला लिया है कि सभी जिलों के सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर लगाए जाएंगे. करनाल का सरकारी अस्पताल हरियाणा का पहला ऐसा अस्पताल होगा, जहां ऑक्सीजन के लिए प्लांट लगाया जाएगा. प्लांट जनवरी के अंत तक बनकर तैयार हो जाएगा.

करनाल के नागरिक हॉस्पिटल में लगाया जा रहा है ऑक्सीजन प्लांट

ऑक्सीजन प्लांट पर चल रहा है काम

पहले करनाल के नागरिक अस्पताल में 100 बेड ऑक्सीजन के थे, लेकिन अब ऑक्सीजन प्लांट बनने के बाद 200 बेड बढ़ जाएंगे. जिससे कुल 300 बेड ऑक्सीजन हो जाएंगे. करनाल के नागरिक हॉस्पिटल में दो लाख रुपये का कमरा तैयार किया गया है. जहां पर वह प्लांट लगाया जा रहा है और लाखों रुपए बजट मशीन पर सरकार सरकार खर्च कर रही है.

जनवरी के अंत तक हो जाएंगे तैयार

बता दें कि करनाल में ये ये बेड जनवरी के अंत तक हो जाएंगे. नागरिक अस्पताल के पीएमओ डॉ. पीयूष शर्मा ने कहा कि कोरोना के दौरान भारत सरकार ने काफी समस्याओं का सामना किया और कुछ अस्पताल में ऑक्सीजन की वजह से लोगों की जान भी गई. क्योंकि ऑक्सीजन की खपत कोरोना संकट के दौरान काफी हुई थी.

कोरोना संकट में बढ़ी थी परेशानी

इससे पहले विभिन्न प्रदेशों के सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी के चलते कई बच्चों की मौत हो चुकी है. इसके अलावा अस्पतालों को प्राइवेट एंजेंसी से इन ऑक्सीजन सिलेंडरों को खरीदना पड़ता था. संकट के दौर में तो इन एंजेंसियों ने दाम भी बढ़ा दिए थे. इतना ही नहीं इन सिलेंडर को बाहर से लाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. जिसके बाद केंद्र सरकार ने सरकारी अस्पतालों को ऑक्सीजन सिलेंडर में आत्मनिर्भर बनाने का फैसला लिया.

ये भी पढे़ं- जानें हरियाणा में वैक्सीनेशन के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कितनी तैयारियां की हैं

आम लोगों ने भी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. लोगों ने बताया कि कई बार देखने को मिलता है कि महिला की डिलीवरी होने के दौरान और गंभीर बीमारी से ग्रस्त मरीज को ऑक्सीजन की काफी आवश्यकता होती है, लेकिन मिल नहीं पाता है. अब केंद्र सरकार के इस पहल के बाद मरीजों को अब ऑक्सीजन की कमी से नहीं जूझना पड़ेगा.

करनाल: कोरोना महामारी ने जहां एक तरफ लोगों को संकट के दौर में डाला तो वहीं इस महामारी ने स्वास्थ्य विभाग की तैयारियों पर प्रश्न चिन्ह खड़े कर दिए. महामारी की शुरूआत में मास्क, सैनिटाइजर की काफी कमी देखने को मिली थी. इसके अलावा सबसे ज्यादा कमी सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर की थी. कोरोना की वजह से अन्य बीमारी से ग्रस्त लोगों को सही इलाज नहीं मिल पा रहा था. अब करनाल का सरकारी अस्पताल ऑक्सीजन सिलेंडर के मामले में आत्मनिर्भर बनने जा रहा है.

अब नहीं होगी ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी

केंद्र सरकार ने फैसला लिया है कि सभी जिलों के सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर लगाए जाएंगे. करनाल का सरकारी अस्पताल हरियाणा का पहला ऐसा अस्पताल होगा, जहां ऑक्सीजन के लिए प्लांट लगाया जाएगा. प्लांट जनवरी के अंत तक बनकर तैयार हो जाएगा.

करनाल के नागरिक हॉस्पिटल में लगाया जा रहा है ऑक्सीजन प्लांट

ऑक्सीजन प्लांट पर चल रहा है काम

पहले करनाल के नागरिक अस्पताल में 100 बेड ऑक्सीजन के थे, लेकिन अब ऑक्सीजन प्लांट बनने के बाद 200 बेड बढ़ जाएंगे. जिससे कुल 300 बेड ऑक्सीजन हो जाएंगे. करनाल के नागरिक हॉस्पिटल में दो लाख रुपये का कमरा तैयार किया गया है. जहां पर वह प्लांट लगाया जा रहा है और लाखों रुपए बजट मशीन पर सरकार सरकार खर्च कर रही है.

जनवरी के अंत तक हो जाएंगे तैयार

बता दें कि करनाल में ये ये बेड जनवरी के अंत तक हो जाएंगे. नागरिक अस्पताल के पीएमओ डॉ. पीयूष शर्मा ने कहा कि कोरोना के दौरान भारत सरकार ने काफी समस्याओं का सामना किया और कुछ अस्पताल में ऑक्सीजन की वजह से लोगों की जान भी गई. क्योंकि ऑक्सीजन की खपत कोरोना संकट के दौरान काफी हुई थी.

कोरोना संकट में बढ़ी थी परेशानी

इससे पहले विभिन्न प्रदेशों के सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी के चलते कई बच्चों की मौत हो चुकी है. इसके अलावा अस्पतालों को प्राइवेट एंजेंसी से इन ऑक्सीजन सिलेंडरों को खरीदना पड़ता था. संकट के दौर में तो इन एंजेंसियों ने दाम भी बढ़ा दिए थे. इतना ही नहीं इन सिलेंडर को बाहर से लाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. जिसके बाद केंद्र सरकार ने सरकारी अस्पतालों को ऑक्सीजन सिलेंडर में आत्मनिर्भर बनाने का फैसला लिया.

ये भी पढे़ं- जानें हरियाणा में वैक्सीनेशन के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कितनी तैयारियां की हैं

आम लोगों ने भी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. लोगों ने बताया कि कई बार देखने को मिलता है कि महिला की डिलीवरी होने के दौरान और गंभीर बीमारी से ग्रस्त मरीज को ऑक्सीजन की काफी आवश्यकता होती है, लेकिन मिल नहीं पाता है. अब केंद्र सरकार के इस पहल के बाद मरीजों को अब ऑक्सीजन की कमी से नहीं जूझना पड़ेगा.

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