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एक मंच ऐसा, जहां हुनरमंदों को मिलती है पहचान - कला प्रदर्शन

कैथल जिले के कुछ बच्चों ने मंसूबे नाम से एक ओपन मंच बनाया है. इस मंच के माध्यम से छात्र अपनी कला को जनता के बीच पहुंचाते हैं.

प्रतिभानों के लिए खुला मंच
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Published : Jul 8, 2019, 7:40 PM IST

Updated : Jul 8, 2019, 9:00 PM IST

कैथल: युवाओं के जोश ने शहर की छिपी प्रतिभाओं को एक मंच पर लाकर खड़ा कर दिया है. ऐसे इवेंट जो बड़े शहरों की पहचान बनकर रह गए थे. जो छोटे शहरों के लिए सिर्फ सपना भर थे, उस सपने को कैथल के ही 8 युवाओं की इच्छा शक्ति ने एक मंच दिया है. इस मंच के जरिए छात्र कविता, डांस, नाटक, फोटोग्राफी, संगीत, गायन आदि कलाओं कलाओं का प्रदर्शन कर सकते हैं.

क्लिक कर देखें वीडियो

छात्र इस मंच के लिए सोशल मीडिया का भी बखूबी प्रयोग कर रहे हैं. मंसूबे मंच की आवाज को ज्यादा लोगों के बीच पहुंचाने के लिए बच्चों ने यू-ट्यूब चैनल भी बनाया है. साथ ही इस मंच पर परफॉर्म करने वाले कलाकार और दर्शकों के लिए एक रजिस्ट्रेशन पोर्टल भी बनाया गया है.

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लाइव प्रोग्राम को देखने के लिए इस पोर्टल पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. इस मंच के जरिए कैथल के हर छोटे-बड़े गांव से लेकर शहर तक के सभी बच्चे अपने हुनर को दिखा रहे हैं. मंसूबे मंच इसके लिए हुनरमंद को पुरस्कृत भी करता है.

कैथल: युवाओं के जोश ने शहर की छिपी प्रतिभाओं को एक मंच पर लाकर खड़ा कर दिया है. ऐसे इवेंट जो बड़े शहरों की पहचान बनकर रह गए थे. जो छोटे शहरों के लिए सिर्फ सपना भर थे, उस सपने को कैथल के ही 8 युवाओं की इच्छा शक्ति ने एक मंच दिया है. इस मंच के जरिए छात्र कविता, डांस, नाटक, फोटोग्राफी, संगीत, गायन आदि कलाओं कलाओं का प्रदर्शन कर सकते हैं.

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छात्र इस मंच के लिए सोशल मीडिया का भी बखूबी प्रयोग कर रहे हैं. मंसूबे मंच की आवाज को ज्यादा लोगों के बीच पहुंचाने के लिए बच्चों ने यू-ट्यूब चैनल भी बनाया है. साथ ही इस मंच पर परफॉर्म करने वाले कलाकार और दर्शकों के लिए एक रजिस्ट्रेशन पोर्टल भी बनाया गया है.

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लाइव प्रोग्राम को देखने के लिए इस पोर्टल पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. इस मंच के जरिए कैथल के हर छोटे-बड़े गांव से लेकर शहर तक के सभी बच्चे अपने हुनर को दिखा रहे हैं. मंसूबे मंच इसके लिए हुनरमंद को पुरस्कृत भी करता है.

Intro:कैथल के बच्चो ने बनाया एक मंच "मन्सूबे कुछ तुम्हारे कुछ हमारे" जिसमे छुपी हुई प्रतिभाएं जिन्हे मौका नहीं मिलता उन्हें एक मंच दिया जाता है
--टीम मन्सूबे ने किया दूसरे ओपन माइक कार्यक्रम के सफल आयोजनBody:प्रतिभा पहचान की मोहताज नहीं होती ऐसी ही कुछ प्रतिभाएं उभरना चाहती हैं अपनी पहचान देना चाहती है परंतु मंच नहीं मिलता ऐसी ही छुपी प्रतिभाओं ने इकट्ठा होकर बनाया एक मंच मन्सूबे कुछ तुम्हारे कुछ हमारे यह एक ऐसा मंच है जिसमे छुपी हुई प्रतिभाएं जिन्हे मौका नहीं मिलता उन्हें एक मंच देता है और इस मंच के माध्यम से यह प्रतिभाएं लोगों के सामने आती है यह मैच किसी सेलिब्रिटी या किसी बड़े आदमी ने नहीं बनाया कैथल छोटे बच्चे जो प्रतिभावान है उन्होंने यूट्यूब चैनल बनाया मंसूबे और छोटे शहरों में सोशल मीडिया के जरिए ऐसी प्रतिभाओं का अपने पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करते हैं और एक कार्यक्रम करते हैं जिसमें सभी बच्चे अपना टैलेंट दिखाते हैं और उन्हें सम्मानित किया जाता है इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि बच्चे जिनमें कुछ कलाकारी है परंतु दिखाने की जगह और मौका नहीं मिलता उन्हें मौका मिल जाता है सोशल मीडिया के जरिए वह अपनी कलाकारी को लोगों तक पहुंचा पाते हैं

आज टीम मन्सूबे द्वारा आयोजित दूसरे ओपन माइक कार्यक्रम के सफल आयोजन और नयी प्रतिभाओं के उत्साहवर्धन के लिए मंच देने के लिए टीम मंसूबे को बधाई। युवाओं के जोश ने शहर की छिपी प्रतिभाओं को एक मंच पर लाकर खडा कर दिया। ऐसे इवेंट बडे शहरों की ही पहचान बनकर रह गए थे और छोटे शहरों के लिए सपना भर थे, उस सपने को कैथल के ही 8 युवाओं की दृढ इच्छाशक्ति ने कैथल के युवाओं की आँखों में भर पूरा कर दिया।ये युवा जोश है जो एकबार ठान ले तो मुमकिन करके ही दम लेता है।कैथल के ही चाहत गोयल, मनीष मुखीजा, गज़ल खुरानिया, ओशिया गर्ग, लक्ष्य सेठ, मयंक गुलाटी, ईशान और जसरीत इन 8 युवाओं ने मिलकर एक शुरूआत की है जिसे शहरवासियों का सहयोग मिला, इनका प्रयास है कि आगे भी ऐसे मंच दबी प्रतिभाओं को मुहैया कराते रहेंगे।इससे नयी प्रतिभाओं को सामने आने का मौका मिलेगा, यह आयोजन शहर के जिमखाना क्लब में आयोजित हुआ, जिसमें युवाओं ने बढ चढकर हिस्सा लिया, जहाँ भाँति-भाँति की कविताओं और शायरी से समाँ बांधा गया वहीं चित्रकला प्रदर्शनी और तरह तरह की फोटोग्राफी की प्रदर्शनी अपने आप में कला का अद्भुत संगम थी।एक ही मंच पर जैसे विभिन्न कलाओं का मेला देखते ही बनता था।ये एक प्रतियोगिता नहीं थी प्रतिभा को सामने लाने का प्रयास था,इसलिए कोई विजेता नहीं, सभी को मंसूबे की ओर से सर्टिफिकेट दिया गया। इस आयोजन के विडियोज़ यूट्यूब पर अपलोड कर लोगों तक पहुंचाया जाएगा जिससे युवाओं की प्रतिभा दुनिया के सामने हो

Conclusion:आज गीतकार और शायरा सोनिया खुरानिया की पुस्तक 'लफ़्ज़ दर लफ़्ज़' मैं पुस्तक का विमोचन किया गया पुस्तक के माध्यम से समाज की कुरीतियों और समस्याओं को अपने कलम के माध्यम से दर्शाया है उन्होंने स्पष्ट किया आज भी महिलाओं को पूरी तरह आजादी नहीं मिली है आज भी कवित्री होना या लेखिका होना या मुशायरा में जाना बड़े परिवारों की महिलाओं के बारे में उनकी घर वाले भी अच्छा नहीं समझते यह सोच बदलने में समय लगेगा हमने मंसूबे की टीम से बात है तो बड़े खुश नजर आए क्योंकि यह उनका तीसरा प्रयास था जिसे वह कामयाब मान रहे हैं उनका कहना है कि हम छोटे शहर से परंतु जल्दी हम ऊंचाइयों को छुए गे और उन लोगों को मौका देंगे जो प्रतिभावान है परंतु उन्हें मंच नहीं मिलता

बाइट : सोनिया खुरानिया ( लेखिका )
बाइट : चाहत और मनीष ( टीम मन्सूबे )
Last Updated : Jul 8, 2019, 9:00 PM IST
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