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कैथल में 9 साल का बच्चा कोरोना पॉजिटिव, मदरसे में पढ़ने वाले बच्चे व टीचर्स क्वारंटीन

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Published : Apr 10, 2020, 9:23 AM IST

Updated : Apr 10, 2020, 10:03 AM IST

कैथल में दूसरा कोरोना केस सामने आने के बाद प्रशासन सतर्क हो गया है. दूसरा मामला सामने आने के बाद कैथल में मदरसे में रह रहे बच्चे व टीचर्स को क्वारंटाइन किया गया है.

kaithal corona
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कैथल: जिले में कोरोना वायरस के दो मामले सामने आ चुके हैं. हालांकि जो पहला मामला सामने आया था वह जमात से संबंध रखता है और उस व्यक्ति के घर से लगते ही एक मदरसा बनाया गया है जहां से दूसरा मामला सामने आया है. यह 9 वर्षीय बच्चा है जो तीसरी जमात में पड़ता है और बिहार का रहने वाला है, पढ़ने के लिए मदरसे में कैथल आया हुआ है.

कैथल इंचार्ज आईजी हरदीप सिंह दून ने कहा कि जो पहला मामला सामने आया था वह अपने ही पड़ोस में बने हुए मदरसे में जाता रहता था और वहां पर जो शिक्षा देते हैं उन टीचरों के साथ चाय भी पीता था और बच्चों से बात भी करता था. तो पहला केस मिलने के बाद प्रशासन को मदरसे में पढ़ने वाले बच्चों पर भी संदेह हुआ और उनकी 6 तारीख को ब्लड सैंपल जांच के लिए भेजें जिसमें से एक बच्चा कोरोना वायरस संक्रमित से पाया गया.

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मदरसे में पढ़ने वाले अन्य बच्चों व अध्यापकों को गांव कॉल में बने चरण सिंह विश्वविद्यालय के हॉस्टल में क्वारंटाइन किया गया है. हालांकि उस क्षेत्र को पहले ही सील किया हुआ है लेकिन प्रशासन ने वहां पर और सख्ती कर दी है और उस क्षेत्र को सैनिटाइज भी किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि जो निजामुद्दीन जमात से आए हुए लोग हैं अगर वह अब भी सामने आ जाते हैं तो उनके खिलाफ ज्यादा सख्ती नहीं बरती जाएगी. अगर वह अपने आप सामने नहीं आते और प्रशासन को पता चल जाता है तब उनके खिलाफ मामले दर्ज किए जाएंगे और सख्ती से निपटा जाएगा.

कैथल में जिस तरह से कोरोना का ये दूसरा मामला सामने आया है इसमें कहीं ना कहीं प्रशासन की ढील दिखाई देती है. जब पहले कोरोना संक्रमित व्यक्ति ने शुरू में ही प्रशासन को बता दिया था कि मैं मदरसे में जाता रहता था तो प्रशासन ने पहले ही उन बच्चों के लिए कोई पुख्ता प्रबंध क्यों नहीं किए, ना ही उनको आइसोलेशन में रखा और ना ही उनको क्वारंटाइन किया गया था.

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कैथल: जिले में कोरोना वायरस के दो मामले सामने आ चुके हैं. हालांकि जो पहला मामला सामने आया था वह जमात से संबंध रखता है और उस व्यक्ति के घर से लगते ही एक मदरसा बनाया गया है जहां से दूसरा मामला सामने आया है. यह 9 वर्षीय बच्चा है जो तीसरी जमात में पड़ता है और बिहार का रहने वाला है, पढ़ने के लिए मदरसे में कैथल आया हुआ है.

कैथल इंचार्ज आईजी हरदीप सिंह दून ने कहा कि जो पहला मामला सामने आया था वह अपने ही पड़ोस में बने हुए मदरसे में जाता रहता था और वहां पर जो शिक्षा देते हैं उन टीचरों के साथ चाय भी पीता था और बच्चों से बात भी करता था. तो पहला केस मिलने के बाद प्रशासन को मदरसे में पढ़ने वाले बच्चों पर भी संदेह हुआ और उनकी 6 तारीख को ब्लड सैंपल जांच के लिए भेजें जिसमें से एक बच्चा कोरोना वायरस संक्रमित से पाया गया.

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मदरसे में पढ़ने वाले अन्य बच्चों व अध्यापकों को गांव कॉल में बने चरण सिंह विश्वविद्यालय के हॉस्टल में क्वारंटाइन किया गया है. हालांकि उस क्षेत्र को पहले ही सील किया हुआ है लेकिन प्रशासन ने वहां पर और सख्ती कर दी है और उस क्षेत्र को सैनिटाइज भी किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि जो निजामुद्दीन जमात से आए हुए लोग हैं अगर वह अब भी सामने आ जाते हैं तो उनके खिलाफ ज्यादा सख्ती नहीं बरती जाएगी. अगर वह अपने आप सामने नहीं आते और प्रशासन को पता चल जाता है तब उनके खिलाफ मामले दर्ज किए जाएंगे और सख्ती से निपटा जाएगा.

कैथल में जिस तरह से कोरोना का ये दूसरा मामला सामने आया है इसमें कहीं ना कहीं प्रशासन की ढील दिखाई देती है. जब पहले कोरोना संक्रमित व्यक्ति ने शुरू में ही प्रशासन को बता दिया था कि मैं मदरसे में जाता रहता था तो प्रशासन ने पहले ही उन बच्चों के लिए कोई पुख्ता प्रबंध क्यों नहीं किए, ना ही उनको आइसोलेशन में रखा और ना ही उनको क्वारंटाइन किया गया था.

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Last Updated : Apr 10, 2020, 10:03 AM IST
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