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कैथल के किसान का बेटा बना न्यूक्लियर साइंटिस्ट, बताया सफलता का राज - कैथल साहिल भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर

कैथल के साहिल का चयन भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर के लिए हुआ है. साहिल के पिता शशि देव शर्मा छोटे से किसान हैं, जिनके पास केवल मात्र डेढ़ एकड़ जमीन है.

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कैथल के किसान का बेटा बना न्यूक्लियर साइंटिस्ट
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Published : Jan 12, 2021, 2:12 PM IST

कैथल: कलायत उपमंडल के गांव कमालपुर में एक साधारण किसान के घर जन्मे बेटे ने कमाल की उपलब्धि हासिल की है. परिवार की सामान्य स्थितियों के बावजूद ये युवा न्यूक्लियर साइंटिस्ट बन गया है. बता दें कि साहिल नाम के इस युवा का चयन भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर के लिए हुआ है.

साहिल ने मार्च में भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर रिक्रूटमेंट की परीक्षा दी थी. गांव के बेटे साहिल की इस विशेष कामयाबी से गांव कमालपुर ही नहीं बल्कि पूरे उपमंडल कलायत में खुशी का माहौल बना हुआ है.

कैथल के किसान का बेटा बना न्यूक्लियर साइंटिस्ट

साहिल ने सरकारी विद्यालय कमालपुर से पांचवी की परीक्षा कर नवोदय विद्यालय से पढ़ाई की. इसके बाद साहिल ने दिल्ली के रामजस कॉलेज से स्नातक ही नहीं किया बल्कि अपने बैच के टॉपर भी रहे. साहिल का बाबा एटॉमिक रिसर्च सेंटर में साइंटिफिक ऑफिसर के रूप में चयन हुआ है.

मार्च में परीक्षा, दिसंबर में साक्षात्कार और जनवरी में परिणाम जारी

मार्च में प्रवेश परीक्षा लिए जाने के बाद जब साहिल ने उस में सफलता हासिल की तो उन्हें साक्षात्कार के लिए बुलाया गया. दिसंबर महीने में साक्षात्कार के बाद ओवरऑल परिणाम जारी किया गया, जिसमें साहिल की ऑल इंडिया में चौथी रैंक आई.

ये भी पढ़िए: हिसार: डिप्टी स्पीकर पर भड़के किसानों ने बीजेपी नेताओं के विरोध का किया ऐलान

छोटे से किसान के बेटे हैं साहिल

साहिल ने बताया कि पूरे देश से उनका चौथा स्थान आया है. वो अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार के देते हैं. साहिल के पिता शशि देव शर्मा छोटे से किसान हैं, जिनके पास केवल मात्र डेढ़ एकड़ जमीन है. इसी मामूली जमीन पर खेती बाड़ी कर के उन्होंने अपने परिवार का पेट पाला है.

कैथल: कलायत उपमंडल के गांव कमालपुर में एक साधारण किसान के घर जन्मे बेटे ने कमाल की उपलब्धि हासिल की है. परिवार की सामान्य स्थितियों के बावजूद ये युवा न्यूक्लियर साइंटिस्ट बन गया है. बता दें कि साहिल नाम के इस युवा का चयन भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर के लिए हुआ है.

साहिल ने मार्च में भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर रिक्रूटमेंट की परीक्षा दी थी. गांव के बेटे साहिल की इस विशेष कामयाबी से गांव कमालपुर ही नहीं बल्कि पूरे उपमंडल कलायत में खुशी का माहौल बना हुआ है.

कैथल के किसान का बेटा बना न्यूक्लियर साइंटिस्ट

साहिल ने सरकारी विद्यालय कमालपुर से पांचवी की परीक्षा कर नवोदय विद्यालय से पढ़ाई की. इसके बाद साहिल ने दिल्ली के रामजस कॉलेज से स्नातक ही नहीं किया बल्कि अपने बैच के टॉपर भी रहे. साहिल का बाबा एटॉमिक रिसर्च सेंटर में साइंटिफिक ऑफिसर के रूप में चयन हुआ है.

मार्च में परीक्षा, दिसंबर में साक्षात्कार और जनवरी में परिणाम जारी

मार्च में प्रवेश परीक्षा लिए जाने के बाद जब साहिल ने उस में सफलता हासिल की तो उन्हें साक्षात्कार के लिए बुलाया गया. दिसंबर महीने में साक्षात्कार के बाद ओवरऑल परिणाम जारी किया गया, जिसमें साहिल की ऑल इंडिया में चौथी रैंक आई.

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छोटे से किसान के बेटे हैं साहिल

साहिल ने बताया कि पूरे देश से उनका चौथा स्थान आया है. वो अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार के देते हैं. साहिल के पिता शशि देव शर्मा छोटे से किसान हैं, जिनके पास केवल मात्र डेढ़ एकड़ जमीन है. इसी मामूली जमीन पर खेती बाड़ी कर के उन्होंने अपने परिवार का पेट पाला है.

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