ETV Bharat / state

पटरी पर लौटी हाउस मेड्स की जिंदगी, अनलॉक के बाद मिल रहा रोजगार

author img

By

Published : Oct 29, 2020, 10:35 PM IST

Updated : Oct 30, 2020, 4:49 PM IST

लॉकडाउन से पहले हाउस मेड काम के मुताबिक 2 से 10 हजार रुपये तक पेमेंट लेती थी. अब लॉकडाउन के बाद इन्होंने भी वेतन की मांग बढ़ा दी है. पहले सिर्फ पोछे और बर्तन साफ करने के मेड 2 हजार रुपये लेती थी. अब वो 5 से 6 हजार रुपये ले रही हैं.

present situation of employment
present situation of employment

कैथल: कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से लाखों लोग बेरोजगार हो गए. कुछ लोगों को जॉब से निकाल दिया गया तो कुछ के सामने स्थिति ऐसी बन गई कि उन्हें मजबूरन रोजगार छोड़ना पड़ा. हाउस मेड के साथ भी लॉकडाउन में कुछ ऐसा ही हुआ. कोरोना के डर से लोगों ने हाउस मेड को काम पर आने से मना कर दिया. क्योंकि उन्हें डर था कि हाउस मेड कई घरों में काम करती है. मेड की वजह से उन्हें कोरोना संक्रमण ना हो जाए.

दूसरा पहलू ये भी था कि लॉकडाउन की वजह से सब कुछ बंद था. कमाई का कोई जरिया नहीं होने की वजह से मेड को वेतन देना मुमकिन नहीं था. इस वजह से भी हाउस मेड को घर बैठना पड़ा.

पटरी पर लौटी हाउस मेड्स की जिंदगी, क्लिक कर देखें वीडियो

पटरी पर लौटी हाउस मेड्स की जिंदगी

घर काम कुछ कम हो सके इसलिए लोग घरों में हाउस मेड रखते हैं. कुछ लोग ऐसे होते हैं जो परमानेंट हाउस मेड को घर पर रखते हैं. इसमें पूरा दिन मेड मकान मालिक के घर पर रहती है और काम करती है. वो बस रात को सोने के लिए अपने घर जाती है. कुछ ऐसे भी होते हैं जो सुबह और शाम दो घंटे के लिए मेड को काम पर बुलाते हैं. लेकिन लॉकडाउन के दौरान कोरोना के डर से लोगों ने मेड को हायर करने से मना कर दिया. अनलॉक के बाद जैसे चीजों में छूट मिली तो लोगों ने हाउस मेड को भी रखना शुरू कर दिया.

रोजगार के रास्ते खुले

लॉकडाउन से पहले हाउस मेड काम के मुताबिक 2 से 10 हजार रुपये तक पेमेंट लेती थी. अब लॉकडाउन के बाद इन्होंने भी वेतन की मांग बढ़ा दी है. पहले सिर्फ पोछे और बर्तन साफ करने के मेड 2 हजार रुपये लेती थी. अब वो 5 से 6 हजार रुपये ले रही हैं. ऐसे ही परमानेंट मेड जहां पहले 10 हजार रुपये लती थी अब वो 12 से 13 हजार रुपये ले रही हैं. अब धीरे-धीरे इनकी जिंदगी पटरी पर लौट रही है.

ये भी पढ़ें- 1 नवंबर से अंबाला में बैन होगा सिंगल यूज़ प्लास्टिक, 25 हजार रुपये तक होगा जुर्माना

अच्छी बात ये रही कि जिस भी घर में हाउसमेड काम करती थी वहां के लोगों ने लॉकडाउन में मेड की सहायता की. खाना हो कपड़े हो या फिर पैसे. इन लोगों ने हाउस मेड की हर संभव सहायता की. कई सामाजिक संस्थाओं ने भी इनके घर कपड़े और खाना पहुंचाया. जिसकी वजह से लॉकडाउन में इन्हें कुछ राहत जरूर मिली. शीला नाम की हाउस मेड ने बताया कि लॉकडाउन के कई महीने उन्होंने बहुत ज्यादा तंगी में कांटे हैं. लेकिन अब लोगों ने उन्हें काम देना शुरू कर दिया है.

कैथल: कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से लाखों लोग बेरोजगार हो गए. कुछ लोगों को जॉब से निकाल दिया गया तो कुछ के सामने स्थिति ऐसी बन गई कि उन्हें मजबूरन रोजगार छोड़ना पड़ा. हाउस मेड के साथ भी लॉकडाउन में कुछ ऐसा ही हुआ. कोरोना के डर से लोगों ने हाउस मेड को काम पर आने से मना कर दिया. क्योंकि उन्हें डर था कि हाउस मेड कई घरों में काम करती है. मेड की वजह से उन्हें कोरोना संक्रमण ना हो जाए.

दूसरा पहलू ये भी था कि लॉकडाउन की वजह से सब कुछ बंद था. कमाई का कोई जरिया नहीं होने की वजह से मेड को वेतन देना मुमकिन नहीं था. इस वजह से भी हाउस मेड को घर बैठना पड़ा.

पटरी पर लौटी हाउस मेड्स की जिंदगी, क्लिक कर देखें वीडियो

पटरी पर लौटी हाउस मेड्स की जिंदगी

घर काम कुछ कम हो सके इसलिए लोग घरों में हाउस मेड रखते हैं. कुछ लोग ऐसे होते हैं जो परमानेंट हाउस मेड को घर पर रखते हैं. इसमें पूरा दिन मेड मकान मालिक के घर पर रहती है और काम करती है. वो बस रात को सोने के लिए अपने घर जाती है. कुछ ऐसे भी होते हैं जो सुबह और शाम दो घंटे के लिए मेड को काम पर बुलाते हैं. लेकिन लॉकडाउन के दौरान कोरोना के डर से लोगों ने मेड को हायर करने से मना कर दिया. अनलॉक के बाद जैसे चीजों में छूट मिली तो लोगों ने हाउस मेड को भी रखना शुरू कर दिया.

रोजगार के रास्ते खुले

लॉकडाउन से पहले हाउस मेड काम के मुताबिक 2 से 10 हजार रुपये तक पेमेंट लेती थी. अब लॉकडाउन के बाद इन्होंने भी वेतन की मांग बढ़ा दी है. पहले सिर्फ पोछे और बर्तन साफ करने के मेड 2 हजार रुपये लेती थी. अब वो 5 से 6 हजार रुपये ले रही हैं. ऐसे ही परमानेंट मेड जहां पहले 10 हजार रुपये लती थी अब वो 12 से 13 हजार रुपये ले रही हैं. अब धीरे-धीरे इनकी जिंदगी पटरी पर लौट रही है.

ये भी पढ़ें- 1 नवंबर से अंबाला में बैन होगा सिंगल यूज़ प्लास्टिक, 25 हजार रुपये तक होगा जुर्माना

अच्छी बात ये रही कि जिस भी घर में हाउसमेड काम करती थी वहां के लोगों ने लॉकडाउन में मेड की सहायता की. खाना हो कपड़े हो या फिर पैसे. इन लोगों ने हाउस मेड की हर संभव सहायता की. कई सामाजिक संस्थाओं ने भी इनके घर कपड़े और खाना पहुंचाया. जिसकी वजह से लॉकडाउन में इन्हें कुछ राहत जरूर मिली. शीला नाम की हाउस मेड ने बताया कि लॉकडाउन के कई महीने उन्होंने बहुत ज्यादा तंगी में कांटे हैं. लेकिन अब लोगों ने उन्हें काम देना शुरू कर दिया है.

Last Updated : Oct 30, 2020, 4:49 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.