कैथल: स्वास्थ्य विभाग स्वच्छता बड़े-बड़े दावे करता है और लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के लिए लाखों रुपए के सेमिनार आयोजित करके लोगों को स्वच्छता का पाठ पढ़ाता है. परंतु बात जब खुद की हुई तो स्वास्थ्य विभाग के इन सभी दावों की पोल खुल गई. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ सेसीवरेज का गंदा पानी छोड़ने (bad drainage system in kaithal) पर नागरिक अस्पताल (Kaithal District Hospital) प्रबंधन को नोटिस जारी किया गया है.
प्रदूषण बोर्ड की टीम ने सप्ताहभर पहले करनाल रोड स्थित ग्योंग ड्रेन का निरीक्षण किया था. रिटर्निंग अधिकारी राजेन्द्र शर्मा ने बताया कि इस निरक्षण टीम में स्वास्थ्य विभाग, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण और नगर परिषद के कर्मचारी मौजूद थे. निरक्षण के दौरान पाया गया की कैथल जिला के नागरिक अस्पताल जब से बना है तब से लेकर अब तक हॉस्पिटल किसी भी सीवरेज प्लांट से कनेक्ट नहीं है. जिस वजह से नागरिक अस्पताल से निकलने वाली गंदा पानी (बायोमेडिकल वेस्ट) सीधे ड्रेन में ही छोड़ा जा रहा है. राजेन्द्र शर्मा ने बताया बायोमेडिकल वेस्ट (गंदा पानी) ड्रेन में छोड़ना सीधे एनजीटी नियमों के उल्लंघन कर रही है.
नियम के अनुसार सभी अस्पताल संचालकों को बायोमेडिकल वेस्ट का निपटान करने के लिए निर्धारित एजेंसी से एग्रीमेंट करना होता है. कई अस्पताल ऐसे हैं, जिन्होंने एग्रीमेंट नहीं किया हुआ है. मीडिया में मामला आने के बाद अब जिला पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड एक्शन मोड में आ गया है. पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने कैथल नागरिक अस्पताल के सीएमओ जयंत अहूजा को नोटिस जारी करते हुए उनके हॉस्पिटल द्वारा गलत तरीके से ड्रेन में डाला जा रहा गंदा मेडिकल वेस्ट और सीवरेज को तुरंत प्रभाव से रोकने के आदेश दिया है. वहीं कंट्रोल बोर्ड की तरफ से दिए गए नोटिस में कहा गया है कि जब से जिला नागरिक अस्पताल बना है. तब से लेकर अब तक का जुर्माना भरना पड़ेगा.