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अभिभावकों के गले की फांस बना 134-A! अब प्राइवेट स्कूलों ने जारी किया नए फरमान - हरियाणा सरकार

प्राइवेट स्कूल संघ ने आज लिखित में एफिडेविट लेते हुए कहा कि अगर 134-ए के तहत सरकार बच्चों की फीस नहीं भरती तो अभिभावकों को उनकी फीस भरनी होगी.

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Published : May 30, 2019, 10:47 PM IST

कैथलः हरियाणा में 134-ए के तहत गरीब बच्चों का दाखिला करवाना सरकार के गले की फांस बनती जा रही है. 2 दिन पहले शिक्षा मंत्री का बयान आया था कि 134-ए के तहत सभी को दाखिला दिया जाएगा. वहीं आज प्राइवेट स्कूल के द्वारा 134-ए के तहत दाखिला लेने वाले बच्चों के अभिभावकों से एक लिखित में एफिडेविट लिया जा रहा है कि अगर सरकार हमारा पैसा नहीं देती तो वो पैसा आप लोगों को देना पड़ेगा.

बच्चों के एडमिशन के लिए अभिभावक हुए परेशान

प्राइवेट स्कूल संघ के महासचिव का कहना है कि अगर सरकार ने पैसे नहीं दिए तो अभिभावकों को पैसा देना पड़ेगा. जब जिला शिक्षा अधिकारी से इस मामले पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमारे पास किसी भी अभिभावक की कोई शिकायत नहीं आई है. उन्होंने कहा कि अगर उनके पास कोई शिकायत आती है तो उस स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

कैथलः हरियाणा में 134-ए के तहत गरीब बच्चों का दाखिला करवाना सरकार के गले की फांस बनती जा रही है. 2 दिन पहले शिक्षा मंत्री का बयान आया था कि 134-ए के तहत सभी को दाखिला दिया जाएगा. वहीं आज प्राइवेट स्कूल के द्वारा 134-ए के तहत दाखिला लेने वाले बच्चों के अभिभावकों से एक लिखित में एफिडेविट लिया जा रहा है कि अगर सरकार हमारा पैसा नहीं देती तो वो पैसा आप लोगों को देना पड़ेगा.

बच्चों के एडमिशन के लिए अभिभावक हुए परेशान

प्राइवेट स्कूल संघ के महासचिव का कहना है कि अगर सरकार ने पैसे नहीं दिए तो अभिभावकों को पैसा देना पड़ेगा. जब जिला शिक्षा अधिकारी से इस मामले पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमारे पास किसी भी अभिभावक की कोई शिकायत नहीं आई है. उन्होंने कहा कि अगर उनके पास कोई शिकायत आती है तो उस स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

Intro:134a के तहत बच्चों के अभिभावकों से लिए जा रहे हैं एफिडेविट ।
अगर सरकार उनको पैसा नहीं देती तो अभिभावकों को चुकाने पड़ेंगे सभी तरह फीस - वरुण जैन महासचिव स्टेट स्कूल ऑफ फंडेशनBody: हरियाणा में हरियाणा सरकार के लिए 134 ए के तहत गरीब बच्चों का दाखिला करवाना सरकार के गले की फांस बनती जा रही है 2 दिन पहले शिक्षा मंत्री का बयान आया था कि 134a के तहत सभी को दाखिला दिया जाएगा। वहीं पर आज प्राइवेट स्कूल के द्वारा 134a के तहत दाखिला लेने वाले बच्चों के अभिभावकों से एक लिखित में एफिडेविट लिया जा रहा है। कि अगर सरकार हमारा पैसा नहीं देती तो वह पैसा आप लोगों को देना पड़ेगा । अगर वह लोग यह पैसा देने की हालत में होते तो 134a के तहत अपने बच्चों का दाखिला ही क्यों करवाते। जहां पर सरकार सख्ती में है वहीं पर प्राइवेट स्कूल के मालिक भी सरकार के आगे घुटने टेकने को तैयार नहीं। प्राइवेट स्कूल संघ के महासचिव का कहना है कि सरकार ने नहीं दिया तो अभिभावकों को पैसा देना पड़ेगा । जब जिला शिक्षा अधिकारी से इस मामले पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमारे पास किसी भी अभिभावक की कोई शिकायत नहीं आई । अगर शिकायत आती है तो उस स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। लेकिन जब प्राइवेट स्कूल संघ के महासचिव खुद ही मीडिया के सामने है बात कर रहे हैं कि हम ले रहे हैं तो कहीं ना कहीं जो जिला शिक्षा अधिकारी है उनका प्राइवेट स्कूल संघ से मिले होने का संदेह पैदा करती है क्योंकि वह शिकायत आने की इंतजार में बैठी है क्या जिला शिक्षा अधिकारी प्राइवेट स्कूल के दबाव के नीचे काम करती है या कोई और निजी कारण है जिसमें जिला शिक्षा अधिकारी प्राइवेट स्कूलों पर कोई भी कार्रवाई करने से बचते नजर आते हैं। हालांकि कोई भी सरकारी अधिकारी होते हैं उनका अपने विभाग से संबंधित प्राइवेट संस्थानों पर लेने देने की बात अक्सर सामने आती है क्या यहां भी वही स्थिति तो नहीं। देखना यह होगा 134a के तहत सरकार इन बच्चों को दाखिला दिला पाती है या नही । या इन बच्चों को पैसे ना होने के कारण बीच में ही स्कूल छोड़ने पड़ेंगे । क्योंकि अगर वह अभिभावक पैसे देने की स्थिति में होते तो इन स्कूलों में 134 ए के तहत अपने बच्चों का दाखिला करवाते।Conclusion:Kaithal
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