कैथल: कोरोना वायरस का कहर देश में लगातार जारी है जिसके मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं और मौतों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ता जा रहा है. कोरोना वायरस के लगे लॉक डाउन के कारण हरियाणा सरकार ने गेहूं खरीद का समय 20 अप्रैल निर्धारित किया था.
सरकार ने फसल खरीद को लेकर जिला प्रशासन को विशेष हिदायतें दी थी कि गेहूं खरीद के समय किसानों के सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखेंगे और जिस साधन पर वह अपनी फसल लेकर आएंगे अनाज मंडी के मुख्य द्वार पर उसको सैनिटाइज किया जाएगा.
आज जब ईटीवी भारत की टीम ग्राउंड रिपोर्टिंग करते हुए अनाज मंडी के मुख्य द्वार पर पहुंची तो वहां पर सैनिटाइज करने के लिए कोई भी कर्मचारी नहीं था. इस मामले पर जब अनाज मंडी के सेक्रेटरी दीपक से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जो भी किसान अपनी फसल किसी भी साधन पर लेकर आ रहा है तो उसको हम सैनिटाइज कर रहे हैं. अभी पानी का दवाई खत्म हो गई होगी उसको भरवाने के लिए वह लोग यहां से गए होंगे.
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हालांकि सेक्रेटरी का दावा गलत साबित हुआ क्योंकि हमारे कमरे में है कैद हो गया कि वहां पर कोई भी कर्मचारी सैनिटाइज करने के लिए तैनात नहीं था. कहीं ना कहीं कैथल प्रशासन की पूरी लापरवाही यहां देखने पर मिल रही है कि इतनी महामारी के समय भी प्रशासन कोरोना वायरस को लेकर गंभीरता नहीं दिखा रहा. यह एक बड़ी लापरवाही कैथल अनाज मंडी में देखने को मिली.
प्रशासन को जब यह पता था कि 20 तारीख को गेहूं की खरीद शुरू होनी है तो उन्होंने अपनी पूरी तैयारी क्यों नहीं की. इस तरह की लापरवाही कैथल प्रशासन और हरियाणा सरकार पर सवालिया निशान खड़ा करती है.
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