कैथल: ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर आज राष्ट्रव्यापी हड़ताल का ऐलान किया गया है. गुहला चीका में आज राष्ट्रव्यापी हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिला. हड़ताल के दौरान सभी सरकारी विभाग लगभग खाली दिखे. कर्मचारी सरकार की नीतियों के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. इस रोष प्रदर्शन की अध्यक्षता सर्व कर्मचारी संघ के प्रधान बलजिंद्र सीड़ा ने किया.
गुहला चीका में राष्ट्रव्यापी हड़ताल का ज्यादा असर
ठेकेदारी प्रथा को खत्म करने, पुराने पेंशन स्कीम को लागू करने, निजीकरण पर रोक लगाने के लिए और पंजाब के समान वेतन लागू करने की मांग की गई. उन्होंने कहा कि जो कच्चे कर्मचारी लंबे समय से कार्यरत है और जो इंतजार कर रहे हैं कि उन्हें हरियाणा सरकार कब नियमित करेगी और कब उनका रोजगार सुरक्षित होगा. इसका जवाब हरियाणा सरकार नहीं दे रही है.
हड़ताल से जनता को हुई परेशान
माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद समान काम समान वेतन को आज तक लागू नहीं किया गया. ठेकेदारी प्रथा को आज तक समाप्त नहीं किया गया है. हरियाणा सरकार आंदोलन को खत्म करवाने के लिए यूनियन को बातचीत के लिए बुला तो लेती है और बातचीत में कर्मचारियों की मांगों को मान लिया जाता है लेकिन बाद में उन्हें लागू नहीं किया जाता है. आपको बता दें कि राष्ट्रव्यापी हड़ताल के दौरान तमाम सरकारी कार्यालय खाली रहे और जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.
आशा वर्कर भी हुई थी शामिल
आपको बता दें गुहला चीका में राष्ट्रव्यापी हड़ताल का ज्यादा असर देखने को मिला. वही प्रदर्शन कर रही महिलाओं में से प्रदर्शनकारी कर्मचारी नेता चरणजीत कौर ने बताया आंगनवाड़ी आशा वर्करों की सरकार सुन ही नहीं रही है.
ज्यादा असर गुहला चीका में ही देखने को मिला
अगर गुहला चीका को छोड़ दिया जाए तो कर्मचारियों का देशव्यापी हड़ताल का असर मिलाजुला देखने को मिला. करनाल में इस हड़ताल को लेकर धारा 144 लगा दिया गया था. तो वहीं रोहतक के इस हड़ताल में बैंक कर्मी शामिल नहीं हुए. वहीं जींद में इस हड़ताल को कोई खास असर देखने को नहीं मिला. वहां बसे सामान्य रूप से चलती रही. लेकिन गुहला चीका में सरकारी विभाग से लेकर हर विभाग को कर्मचारी इस देशव्यापी हड़ताल में शामिल हुए.