कैथल: दक्षिण भारतीय राज्यों में कथित तौर पर हिंदी भाषा थोपने को लेकर जारी विरोध पर जावड़ेकर ने कहा कि ऐसी कोई भी योजना नहीं है. उन्होंने कहा कि किसी पर कोई भाषा थोपने का विचार नहीं है. हम देश की सभी भाषाओं को प्रमोट करना चाहते हैं.
उन्होंने त्रिभाषा व्यवस्था को लेकर कहा कि अभी कमिटी ने इस पर प्रस्ताव ही तैयार किया है, इसे पब्लिक के फीडबैक के बाद सरकार की ओर से लागू करने का फैसला लिया जाएगा. इसी को लेकरETV BHARAT की टीम ने कैथल के लोगों से उनकी प्रतिक्रिया ली.