कैथल: हरियाणा सरकार के लाख दावे करने के बावजूद प्रदेश में बुजुर्गों की पेंशन काटे जाने का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. हैरान करने वाली बात ये है कि ये पेंशन जिंदा बुजुर्गों को सरकारी कागजों में मृत दिखाकर काटी जा रही है. खुद को जिंदा साबित करने के लिए कहीं ये बुजुर्ग अपनी बारात निकालकर प्रमाण पत्र (Old man Procession for pension) दे रहे हैं तो कहीं दरबार लगाकर अपनी व्यथा बताने में लगे हुए हैं.
फरीदाबाद, रोहतक के बाद ऐसा ही एक और मामला कैथल जिले से सामने आया है. कैथल में आयोजित कष्ट निवारण समिति की बैठक (Kashta Nivaran Committee meeting in Kaithal) में पहुंचे एक 83 साल के बुजुर्ग का वृद्धा पेंशन मृत बताकर काट दिया गया. अब खुद को जिंदा साबित करने के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है.
ये भी पढ़ें- कागजों में मरा बताकर सरकार ने बंद कर दी पेंशन, 102 साल के बुजुर्ग ने बैंड बाजे के साथ निकाली बारात
बता दें कि कैथल सभागार में जिला कष्ट निवारण समिति का आयोजन किया गया. जिसकी अध्यक्षता हरियाणा के परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने की. जब मंत्री शिकायतों की सुनवाई कर रहे थे तब उसी बीच पेंशन विभाग का एक अचंभित कर देने वाला मामला सामने आया. एक 83 साल के बुजुर्ग को मृतक दिखाकर उसकी वृद्धा पेंशन काट दी गई. जब यह मामला मीटिंग में रखा गया तो सभी अधिकारी यह बात सुनकर दंग रह गए.
पेंशन विभाग के जिला समाज कल्याण अधिकारी कुलदीप शर्मा ने कहा कि टेक्निकल प्रॉब्लम की वजह से बुजुर्गों की पेंशन कट गई थी, जिसको अब ठीक करवाने के लिए उच्च अधिकारियों को पत्र लिख दिया गया है. उन्होंने कहा कि जल्द ही बुजुर्गों की पेंशन सही होकर मिल जाएगी. वहीं बुजुर्गों का कहना है कि उनकी पेंशन को बंद हुए 7 महीने से ज्यादा का समय हो गया है. पेंशन विभाग के अधिकारियों (Haryana Old Age Pension) ने उन्हें खुद से ही घोषित करके उनकी पेंशन काट दी है.
ये भी पढ़ें- हरियाणा में दिनदहाड़े सड़क पर घूमता है सरकारी भूत, मामला जान चकरा जायेगा दिमाग