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कैथलः गेहूं काटने के बाद भी किसान चिंतित, कहीं बारिश न बर्बाद कर दे मेहनत

किसान खेतों में खड़ी अपनी गेहूं की फसल को काटने के बाद अब उसकी सुरक्षा और उसे सही सलामत बेच पाने की चिंता में पडे़ हैं. क्योंकि सरकार 20 अप्रैल से खरीद शुरू करने की तैयारी में है. वहीं इस बार जिस तरीके से सरकार खरीद करने वाली है. उसने भी किसानों की चिंता बढ़ा दी है.

Kaithal Farmers worried about selling wheat after cutting
Kaithal Farmers worried about selling wheat after cutting
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Published : Apr 19, 2020, 5:58 PM IST

कैथलः किसानों ने गेहूं की कटाई शुरू कर दी है और कई किसानों ने कटाई कर भी ली है. लेकिन इसके बावजूद किसानों की समस्याएं खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं और किसान 6 महीने की अपनी खून पसीने की कमाई लेकर फंसा हुआ है. हालांकि हरियाणा सरकार ने 20 अप्रैल से गेहूं खरीद की घोषणा की है. लेकिन किसानों का कहना है कि सरकार ने गेहूं खरीद की जो योजना बनाई है वह ठीक नहीं है.

किसानों को नहीं भा रही खरीद प्रणाली

किसान आधे से ज्यादा अपनी गेहूं की फसल काट चुके हैं और खरीद 20 तारीख के बाद ही शुरू होगी. उस पर भी तुर्रा ये कि किसानों को गेहूं बेचने के लिए फोन पर एक मैसेज आएगा. जिसमें किसान के फसल की बिक्री का दिन और समय के साथ-साथ फसल की मात्रा भी तय रहेगी. ऐसे में किसानों का कहना है कि इस प्रणाली के जरिए तो उनकी फसल 2 महीने भी नहीं बिक पाएगी.

कैथलः गेहूं काटने के बाद उसे बेचने की चिंता में पड़े किसान

फसल कटने के बाद भी खतरा कम नहीं

किसानों का कहना है कि उन्होंने अपनी गेहूं की फसल काटकर खेतों में रखी है. कटाई के बाद भी उनकी गेहूं पर संकट के बादल मंडराते रहते हैं. रात भी तेज आंधी के साथ बारिश और ओलावृष्टि हुई. इतनी तेज हवा में आग भी कहीं से आ सकती है. जिससे कुछ ही मिनटों में किसानों की 6 महीने की कमाई खाक हो सकती है. ऐसे में किसान 24 घंटे चिंता में पड़े हुए हैं.

खुद को फंसा हुआ पा रहे किसान

किसानों का कहना है कि अगर 2 एकड़ खेत कट भी जाए तो वह दूसरी फसल वह कैसे कटवाएंगे. क्योंकि दो तीन व्यक्तियों को उसके बाड़े पर रहना पड़ता है कि कोई चोरी ना कर ले, अचानक आग ना लग जाए.

किसानों का कहना है कि जिले में 234 खरीद सेंटर बनाए गए हैं. लेकिन फिर भी प्रणाली सही नहीं है. वहीं जिन किसानों ने पट्टे पर जमीन ले रखी है, उनको पैसे की चिंता सता रही है.

ये भी पढ़ेंः- सिरसाः लॉकडाउन में फसल की कटाई के साथ खेत में पढ़ाई कर रहे छात्र

कैथलः किसानों ने गेहूं की कटाई शुरू कर दी है और कई किसानों ने कटाई कर भी ली है. लेकिन इसके बावजूद किसानों की समस्याएं खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं और किसान 6 महीने की अपनी खून पसीने की कमाई लेकर फंसा हुआ है. हालांकि हरियाणा सरकार ने 20 अप्रैल से गेहूं खरीद की घोषणा की है. लेकिन किसानों का कहना है कि सरकार ने गेहूं खरीद की जो योजना बनाई है वह ठीक नहीं है.

किसानों को नहीं भा रही खरीद प्रणाली

किसान आधे से ज्यादा अपनी गेहूं की फसल काट चुके हैं और खरीद 20 तारीख के बाद ही शुरू होगी. उस पर भी तुर्रा ये कि किसानों को गेहूं बेचने के लिए फोन पर एक मैसेज आएगा. जिसमें किसान के फसल की बिक्री का दिन और समय के साथ-साथ फसल की मात्रा भी तय रहेगी. ऐसे में किसानों का कहना है कि इस प्रणाली के जरिए तो उनकी फसल 2 महीने भी नहीं बिक पाएगी.

कैथलः गेहूं काटने के बाद उसे बेचने की चिंता में पड़े किसान

फसल कटने के बाद भी खतरा कम नहीं

किसानों का कहना है कि उन्होंने अपनी गेहूं की फसल काटकर खेतों में रखी है. कटाई के बाद भी उनकी गेहूं पर संकट के बादल मंडराते रहते हैं. रात भी तेज आंधी के साथ बारिश और ओलावृष्टि हुई. इतनी तेज हवा में आग भी कहीं से आ सकती है. जिससे कुछ ही मिनटों में किसानों की 6 महीने की कमाई खाक हो सकती है. ऐसे में किसान 24 घंटे चिंता में पड़े हुए हैं.

खुद को फंसा हुआ पा रहे किसान

किसानों का कहना है कि अगर 2 एकड़ खेत कट भी जाए तो वह दूसरी फसल वह कैसे कटवाएंगे. क्योंकि दो तीन व्यक्तियों को उसके बाड़े पर रहना पड़ता है कि कोई चोरी ना कर ले, अचानक आग ना लग जाए.

किसानों का कहना है कि जिले में 234 खरीद सेंटर बनाए गए हैं. लेकिन फिर भी प्रणाली सही नहीं है. वहीं जिन किसानों ने पट्टे पर जमीन ले रखी है, उनको पैसे की चिंता सता रही है.

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