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कैथल आयुष विभाग में दवा घोटाला! दोषी पाए जाने के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई - कैथल दवा घोटाला

कैथल आयुष विभाग द्वारा दवा घोटाले में नया मोड़ सामने आया है. आरटीआई कार्यकर्ता जयपाल ने बताया कि आयुष विभाग के अधिकारियों के दोषी पाए जाने के बाद भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

Kaithal Ayush Department Drug Scam
कैथल आयुष विभाग दवा घोटाला
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Published : Oct 18, 2020, 8:57 PM IST

कैथल: फरल गांव के एतिहासिक तीर्थ पर वर्ष 2018 में राष्ट्रीय स्तरीय मेले का आयोजन किया गया था. इस दौरान श्रद्धालुओं के लिए कैथल आयुष विभाग द्वारा 1.50 लाख की दवाईयां अंबाला और कैथल की फर्मों से खरीदी गई थी. मेले के आयोजन के बाद आरटीआई कार्यकर्ता जयपाल रसूलपुर ने दवाईयों के खर्च की जानकारी आरटीआई लगाकर मांगी थी.

बताया जा रहा है कि 106 रुपये मूल्य की एम-टू टोन सिरप 136 रुपये में खरीद कर फर्म को पेमंट की गई थी. जिसको लेकर जयपाल रसूलपुर ने इसकी शिकायत सीएम विंडो में की थी. जिसकी जांच उस समय मौजूदा उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने स्वयं की थी.

कैथल आयुष विभाग दवा घोटाला

जयपाल द्वारा लगाए गए सभी आरोप सही पाए गए थे.ये बात सिद्ध हो गई थी की शिकायतकर्ता द्वारा शिकायत करने के बाद जिला आयुर्वेदिक ने अपने आप को बचाने के लिए संबंधित फर्म से दोबारा बिल बना कर वसूली गई राशि पुनः सरकारी खजाने में जमा करवा दी थी.

उपायुक्त महोदया ने अपनी जांच रिपोर्ट में जिला आयुर्वेदिक अधिकारी और उसके कार्यालय के कर्मचारी को दोषी पाया था.उनके खिलाफ विभागीय अनुशासनिक कार्रवाई करने के लिए आयुष महानिदेशक को लिखा गया था. लेकिन एक साल तक आयुष निदेशालय ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की थी और केवल चेतावनी देकर छोड़ दिया था.

हाल ही में इसकी शिकायत लोकायुक्त हरियाणा को की गई. जिसके बाद लोकायुक्त ने आयुष महानिदेशक को नोटिस भेजा. जिसके बाद आयुष महानिदेशक ने रिटायर्ड जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डॉ. पूनम वालिया और उनके कार्यालय के दो अन्य कर्मचारियों को अपने कर्तव्यों में कौताही और लापरवाही बरतने के आरोप में हरियाणा सिविल सेवा नियमावली की धारा 8 के तहत चार्जशीट किया गया है. जयपाल का कहना है कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.

ये भी पढ़ें: चरखी दादरी: भाकियू ने कृषि मंत्री जेपी दलाल का फूंका पुतला

कैथल: फरल गांव के एतिहासिक तीर्थ पर वर्ष 2018 में राष्ट्रीय स्तरीय मेले का आयोजन किया गया था. इस दौरान श्रद्धालुओं के लिए कैथल आयुष विभाग द्वारा 1.50 लाख की दवाईयां अंबाला और कैथल की फर्मों से खरीदी गई थी. मेले के आयोजन के बाद आरटीआई कार्यकर्ता जयपाल रसूलपुर ने दवाईयों के खर्च की जानकारी आरटीआई लगाकर मांगी थी.

बताया जा रहा है कि 106 रुपये मूल्य की एम-टू टोन सिरप 136 रुपये में खरीद कर फर्म को पेमंट की गई थी. जिसको लेकर जयपाल रसूलपुर ने इसकी शिकायत सीएम विंडो में की थी. जिसकी जांच उस समय मौजूदा उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने स्वयं की थी.

कैथल आयुष विभाग दवा घोटाला

जयपाल द्वारा लगाए गए सभी आरोप सही पाए गए थे.ये बात सिद्ध हो गई थी की शिकायतकर्ता द्वारा शिकायत करने के बाद जिला आयुर्वेदिक ने अपने आप को बचाने के लिए संबंधित फर्म से दोबारा बिल बना कर वसूली गई राशि पुनः सरकारी खजाने में जमा करवा दी थी.

उपायुक्त महोदया ने अपनी जांच रिपोर्ट में जिला आयुर्वेदिक अधिकारी और उसके कार्यालय के कर्मचारी को दोषी पाया था.उनके खिलाफ विभागीय अनुशासनिक कार्रवाई करने के लिए आयुष महानिदेशक को लिखा गया था. लेकिन एक साल तक आयुष निदेशालय ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की थी और केवल चेतावनी देकर छोड़ दिया था.

हाल ही में इसकी शिकायत लोकायुक्त हरियाणा को की गई. जिसके बाद लोकायुक्त ने आयुष महानिदेशक को नोटिस भेजा. जिसके बाद आयुष महानिदेशक ने रिटायर्ड जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डॉ. पूनम वालिया और उनके कार्यालय के दो अन्य कर्मचारियों को अपने कर्तव्यों में कौताही और लापरवाही बरतने के आरोप में हरियाणा सिविल सेवा नियमावली की धारा 8 के तहत चार्जशीट किया गया है. जयपाल का कहना है कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.

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