ETV Bharat / state

कैथल कृषि उपनिदेशक से जानें टिड्डियों के आतंक से कैसे निपटे किसान

author img

By

Published : Jun 27, 2020, 5:55 PM IST

Updated : Jun 27, 2020, 6:53 PM IST

ईटीवी के साथ विशेष बातचीत में कैथल कृषि उप निदेशक डॉक्टर करमचंद्र ने टिड्डियों के बार में बेहद अहम जानकारियां दी. उन्होंने किसानों को भी इन टिड्डियों के हमले से बचने के लिए टिप्स दिए.

Kaithal Agricultural Deputy Director doctor karamchandra on locust swarm
कैथल कृषि उपनिदेशक से जानें टिड्डियों से जुड़ी अहम बातें

कैथल: पाकिस्तान से होते हुए राजस्थान के रास्ते टिड्डी दल हरियाणा में प्रवेश कर चुका है. इस दल ने हरियाणा के कई जिलों के खेतों में भयंकर तबाही मचाई है. इन टिड्डियों को लेकर कई अहम सवालों के साथ ईटीवी भारत की टीम ने कैथल कृषि उपनिदेशक डॉ. करमचंद से खास बातचीत की.

इस बातचीत में कैथल जिले के कृषि उपनिदेशक डॉक्टर करमचंद ने जानकारी दी कि ये टिड्डी दल वनस्पति के लिए बेहद घातक होते हैं. ये जहां भी जाते हैं वहां की फसलों को पूरी तरह से बर्बाद कर देते हैं. हालांकि उन्होंने ये स्पष्ट किया कि टिड्डी दल इंसानों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है.

कैथल कृषि उपनिदेशक से जानें टिड्डियों से जुड़ी अहम बातें, देखिए वीडियो

'इन टिड्डियों की विशेष पहचान होती है'

आम तौर पर खेतों में एक हरे रंग की टिड्डी दिखाई देती है. जिसे हरियाणा में राम का घोड़ा बोला जाता है. ये उन हरे टिड्डों से अलग होते हैं. पाकिस्तान के रास्ते आने वाली टिड्डियां इन हरे टिड्डियों से 3 से 4 गुना बड़े होती हैं. जो भूरे रंग की होती हैं. इनके उड़ने की क्षमता भी काफी ज्यादा होती है और इनकी प्रजनन प्रक्रिया भी काफी तेजी से होती है. ये टिड्डे लाखों की संख्या में 1 दिन में बढ़ते जाते हैं.

कैसे इन टिड्डी झुंड से बचें?

डॉक्टर करमचंद के मुताबिक ये जहां पर भी ये झुंड दिखाई दे, वहां किसानों को ढोल नगाड़े, थाली, पीपी या फिर अन्य माध्यमों से शोर करना चाहिए. जिससे ये झुंड कहीं बैठे ना और लगातार उड़ती रहें. क्योंकि इनकी संख्य इतनी होती है कि ये जहां भी बैठती हैं, एक पौधे पर सौ से दो सौ की संख्या में होती हैं. ये वहां फसलों को पूरी तरह से चट कर जाती हैं.

'रात के वक्त पेस्टिसाइड का स्प्रे करना चाहिए'

रात के समय टिड्डी विश्राम करती हैं. तब इनके ऊपर स्प्रे की जा सकती है जिससे ये मर जाती हैं. जहां से ये टिड्डी गुजर चुकी हैं वहां पर भी सप्रे करना चाहिए, क्योंकि जहां टिड्डी बैठ जाती है वहां अंडे दे देती है. जिससे उसका प्रज्जन बढ़ जाता है.

'प्रभावित क्षेत्र के अलावा भी किसान रहें सचेत'

डॉ. करमचंद के मुताबिक कुछ टिड्डी ऐसे भी होते हैं. जो अपने दल से भटक जाते हैं और दूसरी तरफ किसानों के खेतों में चली जाती हैं. वहां पर काफी नुकसान कर देती हैं. किसानों को भी चाहिए कि अपने खेतों में लगातार घूमते रहें और अगर कोई भी टिड्डी दिखाई दे तो कृषि विभाग को संपर्क करें और सूचित करें.

ये भी पढ़िए: आखिर क्यों खतरनाक है टिड्डी दल? जानिए टिड्डियों का पूरा जीवन चक्र

कैथल: पाकिस्तान से होते हुए राजस्थान के रास्ते टिड्डी दल हरियाणा में प्रवेश कर चुका है. इस दल ने हरियाणा के कई जिलों के खेतों में भयंकर तबाही मचाई है. इन टिड्डियों को लेकर कई अहम सवालों के साथ ईटीवी भारत की टीम ने कैथल कृषि उपनिदेशक डॉ. करमचंद से खास बातचीत की.

इस बातचीत में कैथल जिले के कृषि उपनिदेशक डॉक्टर करमचंद ने जानकारी दी कि ये टिड्डी दल वनस्पति के लिए बेहद घातक होते हैं. ये जहां भी जाते हैं वहां की फसलों को पूरी तरह से बर्बाद कर देते हैं. हालांकि उन्होंने ये स्पष्ट किया कि टिड्डी दल इंसानों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है.

कैथल कृषि उपनिदेशक से जानें टिड्डियों से जुड़ी अहम बातें, देखिए वीडियो

'इन टिड्डियों की विशेष पहचान होती है'

आम तौर पर खेतों में एक हरे रंग की टिड्डी दिखाई देती है. जिसे हरियाणा में राम का घोड़ा बोला जाता है. ये उन हरे टिड्डों से अलग होते हैं. पाकिस्तान के रास्ते आने वाली टिड्डियां इन हरे टिड्डियों से 3 से 4 गुना बड़े होती हैं. जो भूरे रंग की होती हैं. इनके उड़ने की क्षमता भी काफी ज्यादा होती है और इनकी प्रजनन प्रक्रिया भी काफी तेजी से होती है. ये टिड्डे लाखों की संख्या में 1 दिन में बढ़ते जाते हैं.

कैसे इन टिड्डी झुंड से बचें?

डॉक्टर करमचंद के मुताबिक ये जहां पर भी ये झुंड दिखाई दे, वहां किसानों को ढोल नगाड़े, थाली, पीपी या फिर अन्य माध्यमों से शोर करना चाहिए. जिससे ये झुंड कहीं बैठे ना और लगातार उड़ती रहें. क्योंकि इनकी संख्य इतनी होती है कि ये जहां भी बैठती हैं, एक पौधे पर सौ से दो सौ की संख्या में होती हैं. ये वहां फसलों को पूरी तरह से चट कर जाती हैं.

'रात के वक्त पेस्टिसाइड का स्प्रे करना चाहिए'

रात के समय टिड्डी विश्राम करती हैं. तब इनके ऊपर स्प्रे की जा सकती है जिससे ये मर जाती हैं. जहां से ये टिड्डी गुजर चुकी हैं वहां पर भी सप्रे करना चाहिए, क्योंकि जहां टिड्डी बैठ जाती है वहां अंडे दे देती है. जिससे उसका प्रज्जन बढ़ जाता है.

'प्रभावित क्षेत्र के अलावा भी किसान रहें सचेत'

डॉ. करमचंद के मुताबिक कुछ टिड्डी ऐसे भी होते हैं. जो अपने दल से भटक जाते हैं और दूसरी तरफ किसानों के खेतों में चली जाती हैं. वहां पर काफी नुकसान कर देती हैं. किसानों को भी चाहिए कि अपने खेतों में लगातार घूमते रहें और अगर कोई भी टिड्डी दिखाई दे तो कृषि विभाग को संपर्क करें और सूचित करें.

ये भी पढ़िए: आखिर क्यों खतरनाक है टिड्डी दल? जानिए टिड्डियों का पूरा जीवन चक्र

Last Updated : Jun 27, 2020, 6:53 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.