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कैथल में लॉकडाउन के दौरान होमगार्ड चालान का डर दिखाकर ऐंठ रहा पैसे

कैथल में लॉकडाउन के दौरान एक होमगार्ड आने जाने वालों से चालान का डर दिखा कर पैसे ऐंठ रहा है. होमगार्ड की ये करतूत मीडिया के कैमरे में कैद हो गई है.

kaithal lockdown bribe
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Published : Mar 29, 2020, 2:28 PM IST

कैथल: कोरोना महामारी के कारण जहां देशभर में लॉकडाउन है और लोग अपने घरों में बैठने पर मजबूर हैं. वहीं कुछ लोग लॉकडाउन का फायदा उठाने से भी नहीं चूक रहे. एक ऐसा ही मामला हरियाणा के कैथल जिले से सामने आया है. जहां पर एक होमगार्ड आने-जाने वाले वाहन चालकों से पैसे वसूल रहा था.

इसकी सूचना एक वाहन चालक ने मीडिया कर्मियों को दी. जब हम मौके पर पहुंचे तो होमगार्ड महिपाल वाहन चालकों से रोककर उनके कागजात ले रहा था और जिस पर हेलमेट नहीं था या अन्य कागजात नहीं थे, तो उन्हें मोटा चालान का डर दिखाकर कुछ रुपए लेकर छोड़ रहा था.

कैथल में होमगार्ड वसूल रहा रिश्वत

एक स्कूटी चालक गगन बंसल ने बताया कि वह बजरंग दल के साथ जुड़ा हुआ और उनकी संस्था इस आपदा में गरीबों को खाना उपलब्ध करवा रही है. आज वह बाजार में कुछ सामान लेने के लिए आया था. उसे भी कबूतर चौक के पास एक होमगार्ड ने रूकवा लिया और उससे कहा कि आपका हैलमेट का चालान होगा.

यह बोलते हुए उसने मेरे से स्कूटी की आरसी ले ली. इसके बाद होमगार्ड ने कहा कि हैलमेट का चालान 1000 रुपए का होगा और अगर बचना है तो 200 रुपए दे दे. होमगार्ड सीधे स्वयं पैसे नहीं ले रहा था और उसने एक रेहड़ी वाले को वहां खड़ा किया हुआ था.

ये भी पढ़ें- LOCKDOWN: हरियाणा के किस जिले में किस नंबर पर मिलेगी मदद, यहां लीजिए पूरी जानकारी

होमगार्ड महिपाल ने स्कूटी की आरसी रेहड़ी चालक सोहन निवासी गांव जमालपुर को देते हुए कहा कि अगर ये स्कूटी वाला 200 रुपए दे दे तो उसे आरसी दे देना. स्कूटी चालक गगन बंसल ने मीडिया को फोन करके मामले की सूचना दी.

मीडियाकर्मी मौके पर पहुंचे और स्कूटी चालक को फोन करके पैसे देकर आरसी लेने को कहा. इस बीच मीडियाकर्मी गाड़ी में ही बैठकर अपने कैमरे से रिकार्डिंग कर रहे थे. इसके बाद स्कूटी चालक रेहड़ी चालक को 200 रुपए देता है तो उसे आरसी वापस मिल जाती है.

इसके बाद रेहड़ी चालक सोहन से बातचीत की तो उसने कहा कि उसे तो होमगार्ड महिपाल ने 200 रुपए लेने के लिए बोला था. अगर वह मना करता तो उसकी रेहड़ी नहीं लगने देगा. इन रिश्वत के पैसों में रेहड़ी चालक को कुछ नहीं मिल रहा था.

स्कूटी वाले के चले जाने के बाद बार-बार फोन करके होमगार्ड महिपाल रेहड़ी वाले से पैसे मिलने की बात पूछता है. रेहड़ी चालक व होमगार्ड महिपाल के बीच हुई फोन पर बातचीत की कॉल रिकार्डिंग भी हमारे पास है. इसके बाद रेहड़ी चालक ने होमगार्ड को 200 रुपए भी दे दिए.

ये भी पढ़ें- पलायन कर रहे मजदूरों को रोहतक प्रशासन ने रोका, खाना भी खिलाया

रुपए लेने के बाद जब हमने होमगार्ड को रोकना चाहा तो वह कैमरे को देखकर भागता रहा और मीडिया कर्मियों से हाथापाई की कोशिश भी की. बार-बार वह कैमरे पर हाथ मार रहा था.. वहीं कुछ दुकानदार होमगार्ड की इस हरकत पर मीडिया का साथ देने की बजाय होमगार्ड की नौकरी व पैसों का लालच देकर मामले को छोड़ने की बात भी करते दिखे लेकिन होमगार्ड की इस करतूत को उजागर करना जरूरी था, ताकि इस प्रकार का काम करने वाले भी कई बार सोचे.

कैथल: कोरोना महामारी के कारण जहां देशभर में लॉकडाउन है और लोग अपने घरों में बैठने पर मजबूर हैं. वहीं कुछ लोग लॉकडाउन का फायदा उठाने से भी नहीं चूक रहे. एक ऐसा ही मामला हरियाणा के कैथल जिले से सामने आया है. जहां पर एक होमगार्ड आने-जाने वाले वाहन चालकों से पैसे वसूल रहा था.

इसकी सूचना एक वाहन चालक ने मीडिया कर्मियों को दी. जब हम मौके पर पहुंचे तो होमगार्ड महिपाल वाहन चालकों से रोककर उनके कागजात ले रहा था और जिस पर हेलमेट नहीं था या अन्य कागजात नहीं थे, तो उन्हें मोटा चालान का डर दिखाकर कुछ रुपए लेकर छोड़ रहा था.

कैथल में होमगार्ड वसूल रहा रिश्वत

एक स्कूटी चालक गगन बंसल ने बताया कि वह बजरंग दल के साथ जुड़ा हुआ और उनकी संस्था इस आपदा में गरीबों को खाना उपलब्ध करवा रही है. आज वह बाजार में कुछ सामान लेने के लिए आया था. उसे भी कबूतर चौक के पास एक होमगार्ड ने रूकवा लिया और उससे कहा कि आपका हैलमेट का चालान होगा.

यह बोलते हुए उसने मेरे से स्कूटी की आरसी ले ली. इसके बाद होमगार्ड ने कहा कि हैलमेट का चालान 1000 रुपए का होगा और अगर बचना है तो 200 रुपए दे दे. होमगार्ड सीधे स्वयं पैसे नहीं ले रहा था और उसने एक रेहड़ी वाले को वहां खड़ा किया हुआ था.

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होमगार्ड महिपाल ने स्कूटी की आरसी रेहड़ी चालक सोहन निवासी गांव जमालपुर को देते हुए कहा कि अगर ये स्कूटी वाला 200 रुपए दे दे तो उसे आरसी दे देना. स्कूटी चालक गगन बंसल ने मीडिया को फोन करके मामले की सूचना दी.

मीडियाकर्मी मौके पर पहुंचे और स्कूटी चालक को फोन करके पैसे देकर आरसी लेने को कहा. इस बीच मीडियाकर्मी गाड़ी में ही बैठकर अपने कैमरे से रिकार्डिंग कर रहे थे. इसके बाद स्कूटी चालक रेहड़ी चालक को 200 रुपए देता है तो उसे आरसी वापस मिल जाती है.

इसके बाद रेहड़ी चालक सोहन से बातचीत की तो उसने कहा कि उसे तो होमगार्ड महिपाल ने 200 रुपए लेने के लिए बोला था. अगर वह मना करता तो उसकी रेहड़ी नहीं लगने देगा. इन रिश्वत के पैसों में रेहड़ी चालक को कुछ नहीं मिल रहा था.

स्कूटी वाले के चले जाने के बाद बार-बार फोन करके होमगार्ड महिपाल रेहड़ी वाले से पैसे मिलने की बात पूछता है. रेहड़ी चालक व होमगार्ड महिपाल के बीच हुई फोन पर बातचीत की कॉल रिकार्डिंग भी हमारे पास है. इसके बाद रेहड़ी चालक ने होमगार्ड को 200 रुपए भी दे दिए.

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रुपए लेने के बाद जब हमने होमगार्ड को रोकना चाहा तो वह कैमरे को देखकर भागता रहा और मीडिया कर्मियों से हाथापाई की कोशिश भी की. बार-बार वह कैमरे पर हाथ मार रहा था.. वहीं कुछ दुकानदार होमगार्ड की इस हरकत पर मीडिया का साथ देने की बजाय होमगार्ड की नौकरी व पैसों का लालच देकर मामले को छोड़ने की बात भी करते दिखे लेकिन होमगार्ड की इस करतूत को उजागर करना जरूरी था, ताकि इस प्रकार का काम करने वाले भी कई बार सोचे.

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