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कैथल में सरकार की नीतियों के खिलाफ हड़ताल पर आढ़ती

कैथल में आढ़तियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. आढ़तियों का कहना है कि सरकार ने जो नीति बनाई है वो उससे खफा हैं. जब तक सरकार इस नीति को वापस नहीं लेती, तब तक वो गेहूं और अन्य फसलों की खरीद नहीं करेंगे.

strike against government in kaithal
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Published : Apr 15, 2020, 6:49 PM IST

कैथल: किसानों की गेहूं की फसल की कटाई शुरू हो चुकी है लेकिन किसानों को उनकी फसल को बेचने के लिए आढ़ती नहीं मिल रहे हैं. कैथल जिले के सभी आढ़ती हड़ताल पर चले गए हैं. आढ़तियों के हड़ताल पर जाने का मुख्य कारण सरकार की गेहूं खरीद के लिए बनाई गई नीतियां हैंं.

आढ़तियों का कहना है कि सरकार अपनी मनमानी कर रही है. जिसकी वजह से हमारे ऊपर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. हम शुरू से ही हड़ताल पर गए हुए हैं. अगर सरकार हमारी बात नहीं मानती तो हम लगातार हड़ताल पर ही बने रहेंगे.

कैथल में सरकार की नीतियों के खिलाफ हड़ताल पर आढ़ती

इस दौरान मीडिया से बात करते हुए कैथल के आढ़ती मुनीष ने कहा कि सरकार ने गेहूं खरीद के लिए जो पर्चेज सेंटर बनाए हैं. उसमें उन्होंने कहा है कि जिस क्षेत्र का किसान होगा उस क्षेत्र में जो आढ़ती रजिस्टर हैं वही वहां से गेहूं खरीद सकेगा .

इससे इनका मानना है कि जो हमने किसानों को पैसे दे रखे हैं, उसका भुगतान हम कैसे करवा पाएंगे? किसानों के सामने भी एक बड़ी समस्या ये है कि किसान भी किसी अनजान आढ़ती पर कैसे विश्वास करेगा? किसान लाखों की फसल किसी अनजान व्यक्ति को कैसे बेच सकता है?

ये भी पढ़ें:- पड़ताल: लॉकडाउन में चारे की कमी ने तोड़ी डेयरी उद्योग की कमर, आधा दूध दे रहे पशु

उन्होंने ये भी कहा कि जो किसी आढ़ती के पास आता है तो आढ़ती उस किसान की फसल का जे फार्म जमा कराए. जिससे वो सभी पैसे सीधे ही किसान के खाते में जमा हो सकें. अगर ऐसे हुआ तो जो पैसे किसानों ने आढ़ती से लिए थे. उनका भुगतान कैसे होगा. हम सरकार से अपील करते हैं कि जो यह नीति बनाई है, इसको खत्म करें और पुराने तरीके से ही गेहूं की खरीद की जाए.

कैथल: किसानों की गेहूं की फसल की कटाई शुरू हो चुकी है लेकिन किसानों को उनकी फसल को बेचने के लिए आढ़ती नहीं मिल रहे हैं. कैथल जिले के सभी आढ़ती हड़ताल पर चले गए हैं. आढ़तियों के हड़ताल पर जाने का मुख्य कारण सरकार की गेहूं खरीद के लिए बनाई गई नीतियां हैंं.

आढ़तियों का कहना है कि सरकार अपनी मनमानी कर रही है. जिसकी वजह से हमारे ऊपर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. हम शुरू से ही हड़ताल पर गए हुए हैं. अगर सरकार हमारी बात नहीं मानती तो हम लगातार हड़ताल पर ही बने रहेंगे.

कैथल में सरकार की नीतियों के खिलाफ हड़ताल पर आढ़ती

इस दौरान मीडिया से बात करते हुए कैथल के आढ़ती मुनीष ने कहा कि सरकार ने गेहूं खरीद के लिए जो पर्चेज सेंटर बनाए हैं. उसमें उन्होंने कहा है कि जिस क्षेत्र का किसान होगा उस क्षेत्र में जो आढ़ती रजिस्टर हैं वही वहां से गेहूं खरीद सकेगा .

इससे इनका मानना है कि जो हमने किसानों को पैसे दे रखे हैं, उसका भुगतान हम कैसे करवा पाएंगे? किसानों के सामने भी एक बड़ी समस्या ये है कि किसान भी किसी अनजान आढ़ती पर कैसे विश्वास करेगा? किसान लाखों की फसल किसी अनजान व्यक्ति को कैसे बेच सकता है?

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उन्होंने ये भी कहा कि जो किसी आढ़ती के पास आता है तो आढ़ती उस किसान की फसल का जे फार्म जमा कराए. जिससे वो सभी पैसे सीधे ही किसान के खाते में जमा हो सकें. अगर ऐसे हुआ तो जो पैसे किसानों ने आढ़ती से लिए थे. उनका भुगतान कैसे होगा. हम सरकार से अपील करते हैं कि जो यह नीति बनाई है, इसको खत्म करें और पुराने तरीके से ही गेहूं की खरीद की जाए.

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