कैथल: सरकार के सामने धान कटाई के समय तब बड़ी समस्या खड़ी हो जाती है जब किसान अपनी धान के फानों में आग लगाता है. सरकार पिछले कई साल से इस पर लगातार काम कर रही है और किसानों को जागरूक भी कर रही है कि वह अपनी धान के फानों में आग ना लगाकर उसको मिट्टी में ही खेत में दबा दें. जिससे ये फाने खाद में तब्दील हो जाएं.
कृषि विभाग के द्वारा कुछ ऐसे यंत्र भी बनाए गए हैं जो फसल अवशेष प्रबंधन के लिए काम करते हैं. कृषि उपनिदेशक कैथल डॉ. करमचंद ने बताया कि फसल अवशेष प्रबंधन के लिए कृषि विभाग लगातार काम कर रहा है. इसी कड़ी में किसानों को अनुदान पर ऐसे यंत्र दिए जाते हैं जो फसल अवशेष प्रबंधन के लिए प्रयोग में लाए जाते हैं.
उन्होंने कहा कि जो भी किसान ये कृषि यंत्र लेना चाहता है वह 21 अगस्त तक ऑनलाइन अप्लाई कर सकता है. उसके लिए उसको ट्रैक्टर की आरसी, आधार कार्ड और बैंक खाते की कॉपी, इन 3 दस्तावेज की जरूरत होती है. उसके बाद वह ऑनलाइन वेबसाइट पर जाकर अप्लाई कर सकता है.
ये भी पढ़ें- मानसून सत्र की कवरेज के लिए विधानसभा परिसर से बाहर बनेगा मीडिया सेंटर
डॉक्टर करमचंद ने कहा कि अगर किसान इसको अपने निजी तौर पर लेना चाहता है तो उसको इन कृषि यंत्रों पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है और अगर किसान कई किसानों का समूह बनाकर इन यंत्रों को लेना चाहते हैं तो उनको कृषि विभाग 80 प्रतिशत तक अनुदान पर ये कृषि यंत्र देता है.
उन्होंने कहा कि इन कृषि यंत्रों में मुख्य रूप से फसल अवशेष प्रबंधन के लिए ही कृषि यंत्र होते हैं जो- सुपर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम, हैप्पी सीडर, पैड़ी स्ट्रॉ चॉपर, मल्चर, सर्व मास्टर, रिवर्सिबल एमबी स्लो, सुपर सीडर, जीरो टिलेज ड्रिल मशीन, बेलर और रैक, क्रॉप रीपर स्वचालित रीपर कम बाइंडर हैं. इन सभी यंत्रों पर सरकार विशेष अनुदान दे रही है. किसान 21 अगस्त तक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा कर इन्हें कृषि यंत्रों का लाभ ले सकते हैं.
ये भी पढ़ें- बेरोजगारी और किसानों के मुद्दों को लेकर सरकार पर भड़के दीपेंद्र हुड्डा