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सरकारी एजेंसी के द्वारा किसान नहीं चाहते गेहूं की खरीद, एजेंट हड़ताल पर

प्रदेश में आज से गेहूं की खरीद शुरू हो गई है. वहीं कैथल जिले में गेंहू खरीद को लेकर सरकार और कमीशन एजेंटों के बीच में आपसी सहमति न बनने के कारण उसका खामियाजा किसान को भुगतना पड़ रहा है.

कैथल फसल खरीद
कैथल फसल खरीद
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Published : Apr 20, 2020, 3:28 PM IST

कैथल: गेहूं खरीद आज से पूरे हरियाणा में शुरू हो गई है लेकिन कैथल में उसकी खरीद नहीं हो पा रही. कहीं ना कहीं सरकार और कमीशन एजेंटों के बीच में आपसी सहमति न बनने के कारण उसका खामियाजा किसान को भुगतना पड़ रहा है.

प्रशासन ने कमीशन एजेंटों से कहा कि आप लोग गेहूं की खरीद करें और हड़ताल छोड़ दें लेकिन सभी कमीशन एजेंटों का कहना है कि हम खरीद नहीं करेंगे. हम हड़ताल पर ही रहेंगे जब तक हमारी बात नहीं मानी जाती.

सरकारी एजेंसी के द्वारा किसान नहीं चाहते अपने गेहूं की खरीद

मंडी में अभी तक 4 ट्रॉली किसान लेकर पहुंचे हैं लेकिन कमीशन एजेंट इन को खरीदने से मना कर रहे हैं तो कैथल प्रशासन ने सरकारी एजेंसियों के द्वारा किसान की गेहूं की खरीद करने की बात कही तो किसानों ने उनका विरोध किया.

ये भी पढ़ेंः- लॉकडाउनः चंडीगढ़ में बदहाल प्रवासी मजदूर, सुविधाएं नहीं दे पा रहा प्रशासन !

किसानों का कहना है कि हम अगर अपनी गेहूं बेचेंगे तो वह कमीशन एजेंट के द्वारा ही बेचेंगे क्योंकि कमीशन एजेंट से उनका लेना-देना होता है. अगर रात के 12:00 बजे को पैसे की जरूरत होती है तो कमीशन एजेंट उनको पैसे देते हैं. प्रशासन उनकी सहायता इस मामले में नहीं कर सकता.

किसानों ने प्रशासन से मना कर दिया है कि हम किसान कोई भी सरकारी एजेंसी को अपनी गेहूं की फसल नहीं बेचेंगे. हम लोग अपनी गेहूं तब ही बेचेंगे जब कमीशन एजेंट के द्वारा की गेहूं की खरीद की जाएगी. चाहे उसमें 2 सप्ताह का ही समय क्यों न लग जाए. वह लोग कमीशन एजेंटों के साथ हैं क्योंकि कमीशन एजेंटों के साथ किसानों का लाखों रुपए का लेन-देन होता है.

ये भी पढ़ें- अपना वादा भूले दुष्यंत चौटाला, उचाना की जनता को देना पड़ेगा टोल टैक्स

कैथल: गेहूं खरीद आज से पूरे हरियाणा में शुरू हो गई है लेकिन कैथल में उसकी खरीद नहीं हो पा रही. कहीं ना कहीं सरकार और कमीशन एजेंटों के बीच में आपसी सहमति न बनने के कारण उसका खामियाजा किसान को भुगतना पड़ रहा है.

प्रशासन ने कमीशन एजेंटों से कहा कि आप लोग गेहूं की खरीद करें और हड़ताल छोड़ दें लेकिन सभी कमीशन एजेंटों का कहना है कि हम खरीद नहीं करेंगे. हम हड़ताल पर ही रहेंगे जब तक हमारी बात नहीं मानी जाती.

सरकारी एजेंसी के द्वारा किसान नहीं चाहते अपने गेहूं की खरीद

मंडी में अभी तक 4 ट्रॉली किसान लेकर पहुंचे हैं लेकिन कमीशन एजेंट इन को खरीदने से मना कर रहे हैं तो कैथल प्रशासन ने सरकारी एजेंसियों के द्वारा किसान की गेहूं की खरीद करने की बात कही तो किसानों ने उनका विरोध किया.

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किसानों का कहना है कि हम अगर अपनी गेहूं बेचेंगे तो वह कमीशन एजेंट के द्वारा ही बेचेंगे क्योंकि कमीशन एजेंट से उनका लेना-देना होता है. अगर रात के 12:00 बजे को पैसे की जरूरत होती है तो कमीशन एजेंट उनको पैसे देते हैं. प्रशासन उनकी सहायता इस मामले में नहीं कर सकता.

किसानों ने प्रशासन से मना कर दिया है कि हम किसान कोई भी सरकारी एजेंसी को अपनी गेहूं की फसल नहीं बेचेंगे. हम लोग अपनी गेहूं तब ही बेचेंगे जब कमीशन एजेंट के द्वारा की गेहूं की खरीद की जाएगी. चाहे उसमें 2 सप्ताह का ही समय क्यों न लग जाए. वह लोग कमीशन एजेंटों के साथ हैं क्योंकि कमीशन एजेंटों के साथ किसानों का लाखों रुपए का लेन-देन होता है.

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