कैथल: स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए ईवीएम और वीवीपैट की विश्वसनियता को जनता में कायम रखने के मकसद से सोमवार को लघु सचिवालय के सभागार में मीडियाकर्मियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया कर्मियों ने भाग लिया.
वीवीपैट के बारे में जानकारी दी
वीवीपैट के जरिए कोई भी मतदाता अपनी पसंद के उम्मीदवार को वोट करने के बाद उसे एक छोटी स्क्रीन पर 7 सेंकड के लिए एक स्लिप पर आसानी से देख सकता है, जो स्वत: ही मशीन में गिर जाती है. बैलेट यूनिट, कंट्रोल यूनिट और वीवीपैट यानि तीनों डिवाईस से मिलकर ही कम्पलीट ईवीएम बनती है. नगराधीश सुरेश रविश ने कहा कि ईवीएम फुलप्रूफ यानी अभेद्य है, इसे हैक नहीं किया जा सकता. टेंपरिंग या छेड़-छाड़ के बाद इसमें लगी मेमोरी चिप काम ही नहीं करेगी.
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नगराधीश ने ईवीएम और चुनाव में इनके प्रयोग को लेकर मीडिया को कुछ और जानकारी दी और बताया कि चुनाव आयोग की हिदायत के अनुसार मतदान की तिथि से पूर्व, निर्वाचन से जुड़े अधिकारियों को कई तरह की प्रक्रियाएं पूरी करनी होती है.
तीन स्तरीय रैंडमाइजेशन
इनमें तीनस्तरीय रैंडमाइजेशन प्रमुख रूप से होता है. पहले रैंडमाइजेशन में कौन सी मशीन किस निर्वाचन क्षेत्र में जाएगी, दूसरे में किस मशीन के साथ कौन सीबीयू, सीयू, वीवीपैट लगेगी, और तीसरे रैंडमाइजेशन में कौन सी ईवीएम किस बूथ पर जाएगी शामिल है. तीनों के समय राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाता है ताकि पारदर्शिता बनी रहे.
मीडियाकर्मियों मतदाताओं को जागरूक करें
मीडियाकर्मियों का आह्वान किया कि वे मतदाताओं को मतदान करने के लिए जागरूक करें. ताकि लोकतंत्र मजबूत रहे.