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भारतीय किसान संघ की अपील- किसान गन्ने की बिजाई को कम करें

भारतीय किसान संघ ने किसानों ने अपील की है कि वो गन्ने की बिजाई को कम करें. क्योंकि अभाव में ही भाव है, जब फसल कम होगी तो सरकार और मिल किसानों को पूरा रेट देने को मजबूर होंगे.

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Published : Jan 25, 2020, 6:39 PM IST

Bharatiya Kisan Sangh
रणदीप आर्य, प्रदेश प्रवक्ता, भारतीय किसान संघ

कैथल: भारतीय किसान संघ लगातार गन्ने के रेट में बढ़ोतरी को लेकर आंदोलन कर रहा है, लेकिन हरियाणा की वर्तमान सरकार किसानों की घोर अनदेखी कर रही है और अपने तानाशाही रवैये से किसानों का दमन करने का काम कर रही है. ये बात भारतीय किसान संघ के प्रदेश प्रवक्ता रणदीप आर्य ने कही.

'सरकार पर बात नहीं सुनने का आरोप लगाया'

रणदीप आर्य ने कहा कि पिछले दो महीने से लगातार हरियाणा के गन्ना किसानों ने हर संभव प्रयास किया. सरकार से बातचीत करने का जो हम लोकतांत्रिक तरीके से कर सकते थे, लेकिन सरकार ने किसानों से बात करना तो दूर उनके ऊपर दमनकारी तरीके से किसानों के आंदोलन को दबाने के प्रयास कर रही है और किसानों को आपस मे ही तोड़ने की कोशिश की.

किसान गन्ने की बिजाई को कम करें

'हिंसा में विश्वास नहीं रखते'

उन्होंने कहा कि हम देश और किसानों के हित मे शांतिपूर्ण ढंग से अपनी बात रखने वाले संगठन है. हम किसी भी प्रकार की हिंसा में विश्वास नहीं रखते और सरकार इस गन्ना आंदोलन हिंसा करवाने के प्रयास करके किसानों के ऊपर कार्रवाई करने की साजिस रच रही है.

'मिल बंद करने का निर्णय वापस लेने की अपील'

उन्होंने कहा कि हम हरियाणा के सभी गन्ना किसानों से मिल बंद करने का निर्णय को वापस लेने की अपील करते हैं और इस आंदोलन को गन्ने का रेट बढ़ने तक जारी रखने का एलान करते हैं.

'गन्ने की बिजाई कम करें'

उन्होंने बताया कि भारतीय किसान संघ हरियाणा में गन्ना मिलों के क्षेत्रों में जन संपर्क अभियान चलाएगा और हम सभी गन्ना किसानों से अपील करेंगे कि गन्ने की बिजाई को कम करने का काम किसान करें. क्योंकि अभाव में ही भाव है, जब फसल कम होगी तो सरकार और मिल किसानों को पूरा रेट देने को मजबूर होंगे.

ये भी पढ़ें- SYL पर CM मनोहर लाल का बयान, कहा- सुप्रीम कोर्ट ही न्याय करेगा

कैथल: भारतीय किसान संघ लगातार गन्ने के रेट में बढ़ोतरी को लेकर आंदोलन कर रहा है, लेकिन हरियाणा की वर्तमान सरकार किसानों की घोर अनदेखी कर रही है और अपने तानाशाही रवैये से किसानों का दमन करने का काम कर रही है. ये बात भारतीय किसान संघ के प्रदेश प्रवक्ता रणदीप आर्य ने कही.

'सरकार पर बात नहीं सुनने का आरोप लगाया'

रणदीप आर्य ने कहा कि पिछले दो महीने से लगातार हरियाणा के गन्ना किसानों ने हर संभव प्रयास किया. सरकार से बातचीत करने का जो हम लोकतांत्रिक तरीके से कर सकते थे, लेकिन सरकार ने किसानों से बात करना तो दूर उनके ऊपर दमनकारी तरीके से किसानों के आंदोलन को दबाने के प्रयास कर रही है और किसानों को आपस मे ही तोड़ने की कोशिश की.

किसान गन्ने की बिजाई को कम करें

'हिंसा में विश्वास नहीं रखते'

उन्होंने कहा कि हम देश और किसानों के हित मे शांतिपूर्ण ढंग से अपनी बात रखने वाले संगठन है. हम किसी भी प्रकार की हिंसा में विश्वास नहीं रखते और सरकार इस गन्ना आंदोलन हिंसा करवाने के प्रयास करके किसानों के ऊपर कार्रवाई करने की साजिस रच रही है.

'मिल बंद करने का निर्णय वापस लेने की अपील'

उन्होंने कहा कि हम हरियाणा के सभी गन्ना किसानों से मिल बंद करने का निर्णय को वापस लेने की अपील करते हैं और इस आंदोलन को गन्ने का रेट बढ़ने तक जारी रखने का एलान करते हैं.

'गन्ने की बिजाई कम करें'

उन्होंने बताया कि भारतीय किसान संघ हरियाणा में गन्ना मिलों के क्षेत्रों में जन संपर्क अभियान चलाएगा और हम सभी गन्ना किसानों से अपील करेंगे कि गन्ने की बिजाई को कम करने का काम किसान करें. क्योंकि अभाव में ही भाव है, जब फसल कम होगी तो सरकार और मिल किसानों को पूरा रेट देने को मजबूर होंगे.

ये भी पढ़ें- SYL पर CM मनोहर लाल का बयान, कहा- सुप्रीम कोर्ट ही न्याय करेगा

Intro:गन्ने-के रेट को बढ़ाने को लेकर किसान संघ ने की प्रेस वार्ता

-संवेदनहीन सरकार द्वारा किसानों की अनदेखी-किसान संघBody:

भारतीय किसान संघ लगातार गन्ने के रेट में बढ़ोतरी को लेकर आंदोलन कर रहा है, लेकिन हरियाणा की वर्तमान सरकार किसानों की घोर अनदेखी कर रही है और अपने तानाशाही रवैये से किसानों का दमन करने का काम कर रही है। पिछले दो महीने से लगातार हरियाणा के गन्ना किसानो ने हर संभव प्रयास किया सरकार से बातचीत करने का जो हम लोकतांत्रिक तरीके से कर सकते थे लेकिन सरकार ने किसानों से बात करना तो दूर उनके ऊपर दमनकारी तरीके से किसानों के आदोलन को दबाने के प्रयास कर रही है और किसानों को आपस मे ही तोड़ने की कोशिश की। भारतीय किसान संघ सरकार के इस कृत्य की कड़े शब्दो में निंदा करता है। हम देशहित के हित में और किसानों के हित मे शांतिपूर्ण ढंग से अपनी बात रखने वाले संगठन है। हम किसी भी प्रकार की हिंसा में विश्वास नही रखते और सरकार इस गन्ना ऑंदोतन हिसा करवाने के प्रयास करके किसानों के ऊपर कार्यवाही करने की साजिस रच रही है। लेकिन हम इस अहंकारी सरकार को उसके मकसद में कामयाब नही होने देंगे और हमने मिल बंद करके सरकार को दिखा दिया कि हरियाणा का गन्ना किसान सरकार से संघर्ष करने के लिए और अपनी गन्ने की फसल का रेट बढ़वाने के लिए तैयार है अब देखना ये है कि ये किसानों की गुनहगार सरकार अधी गूगी और बहरी सरकार किसानों को कहा तक दवाती है। अब इन सब घटनाओ को देखते हुए हम हरियाणा के सभी गन्ना किसानों से मिल बंद करने का निर्णय को वापिस लेने की अपील करते है और इस आंदोलन को गन्ने का रेट बढ़ने तक जारी रखने का एलान करते है। इस आंदोलन के प्रारूप में तब्दीली जरूर की है लेकिन किसानों में सरकार के प्रति रोष बढ़ा है जितना सरकार किसानों को दबाने का काम करेगी किसान उसके उतना ही खिलाफ होंगे। किसानों की इस आंदोलन में जीत हुई है और हार हुई है निकवमी और किसान विरोधी सरकार की क्योंकि उसने किसानों से किसी भी प्रकार का स्वाद नहीं किया जबकि किसानों ने इसके लिए हर संभव प्रयास किये चाहे वो विधायको से मिलने की बात हो या फिर कृषि मंत्री हरियाणा से मिलने की बात हो ।  Conclusion:भारतीय किसान संघ हरियाणा में गन्ना मिलो के क्षेत्रों में जन संपर्क अभियान चलाएगा और हम सभी गन्ना किसानों से अपीत करेंगे इस गन्ने की बिजाई को कम करने का काम किसान करे क्योंकि अभाव में ही भाव है जब फसल कम होगी तो सरकार और मिल किसानों को पूरा रेट देने को मजबूर होंगे आज हरियाणा का विपक्ष भी किसानों की आवाज को नही उठाने का काम कर रहा है और गठजोड़ में सत्ताधारी दल जे जे पी जो किसानों की राजनीति करते है वो भी इस मुद्दे पर चुप है ये भी उनकी संवेदनहीनता को दिखाता है। आज किसान अपने आप को पीड़ित महसूस कर रहा है और उसका दर्द जानने के लिए कोई भी आगे नही आ रहा है।


बाइट रणदीप आर्य, प्रदेश प्रवक्ता,किसान संघ
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