कैथल: आशा वर्कर पिछले काफी समय से अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठी हुई हैं. सोमवार को इस हड़ताल के 18 दिन हो गए हैं. सरकार और प्रशासन के साथ कई बार मीटिंग हुई लेकिन कोई भी परिणाम नहीं निकला.
आशा वर्कर्स 21 अगस्त को गृह मंत्री अनिल विज के आवास पर उनसे मिलने के लिए गए थीं लेकिन विज ने उनको मिलने का समय नहीं दिया. जिससे आशा वर्कर्स में काफी रोष है.
पुंडरी कस्बे की प्रधान सुमन कश्यप ने कहा कि हम पिछले काफी समय से हड़ताल पर बैठे हुए हैं. हमें प्रदर्शन स्थल पर समर्थन देने के लिए आज आंगनबाड़ी वर्कर यूनियन भी पहुंची है. उन्होंने कहा है कि जो भी आशा वर्कर भविष्य में निर्णय लेंगे प्रदर्शन करने के लिए हम उनका साथ देंगे. शहरी कस्बे की प्रधान ज्योति ने कहा कि हमारी मुख्य मांगे है कि जो हमारे मासिक वेतन में से आधे पैसे काटे गए हैं सरकार उनको हमारे खाते में डाले और कोरोना काल में हमने लगातार काम किया है तो हमें जोखिम भत्ता दिया जाए.
आशा वर्करों की मुख्य मांगें-
1. जनता को गुणवत्ता स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने हेतू सरकारी स्वास्थ्य के ढांचे को मजबूत किया जाए और एनएचएम को स्थाई किया जाए.
2. आठ एक्टिविटी का काटा गया 50 प्रतिशत तुरंत वापस लागू किया जाए.
3. कोविड-19 में काम कर रही आशाओं को जोखिम भत्ते के तौर पर 4000 रुपये दिए जाएं.
4. गंभीर रूप से बीमार एवं दुर्घटना के शिकार आशाओं को सरकार के पैनल अस्पतालों में इलाज की सुविधा दी जाए.
5. आशाओं को समुदायिक स्तरीय स्थाई कर्मचारी बनाया जाए. वहीं जब तक पक्का कर्मचारी नहीं बनाया जाता तब तक हरियाणा सरकार का न्यूनतम वेतन दिया जाए.
6. ईएसआई एवं पीएफ की सुविधा दी जाए.
7. आशा वर्कर्स को हेल्थ वर्कर का दर्जा दिया जाए.
8. 21 जुलाई 2018 को जारी किए गए नोटिफिकेशन के सभी बचे हुए निर्णय को लागू किया जाए.
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