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कैथल: 5 फुट गहरे नाले में गिरने से तीन साल की बच्ची की मौत - Councilor and Chairperson dispute in kaithal

वार्ड-1 के पार्षद ने चेयरपर्सन पर विकास कार्य रोकने का आरोप लगाया है. पार्षद के मुताबिक टेंडर होने के 6 महीने बाद भी खुले नाले को बंद नहीं किया गया. जिसकी वजह से बच्ची की मौत हुई है.

3 year old girl dies
पार्षद और चेयरपर्सन का विवाद
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Published : Jan 4, 2020, 10:14 AM IST

कैथल: गुहला चीका नगर पालिका की लापरवाही से तीन साल की बच्ची की नाले में गिरने से मौत हो गई. बताया जा रहा है कि नगर पालिका के चेयरपर्सन और पाषर्द के बीच मतभेद हैं. जिसकी वजह से वार्ड-1 में नाले को बंद नहीं किया गया.

पार्षद और चेयरपर्सन का विवाद
वार्ड-1 के पार्षद ने चेयरपर्सन पर विकास कार्य रोकने का आरोप लगाया है. पार्षद के मुताबिक टेंडर होने के 6 महीने बाद भी खुले नाले को बंद नहीं किया गया. जिसकी वजह से बच्ची की मौत हुई है. पार्षद के मुताबिक वार्ड-1 में गंदगी के ढेर लगे हैं.

5 फुट गहरे नाले में गिरने से तीन साल की बच्ची की मौत

5 फुट गहरे नाले में गिरी बच्ची
बच्ची के पिता प्रवीण कुमार के मुताबिक नैंसी अपने दोस्तों के साथ खेल रही थी. खेलते-खेलते वो 5 फुट गहरे नाले में जा गिरी. जबतक नैंसी का रेस्कयू किया गया वो अंतिम सांस ले चुकी थी. इसके बाद भी अधिकारियों ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया.

विवाद की वजह से रुके विकास कार्य
वार्ड नंबर 1 के पार्षद राजेश ने बताया कि चेयरपर्सन और उनका मतभेद है. जिसकी वजह से उनके वार्ड के विकास कार्य रुके हुए हैं. यही वजह है कि टेंडर लगने के 6 महीने बीत जाने के बाद भी नाले खुले पड़े हैं. जिसका खामियाजा बच्ची को भुगतना पड़ा

ये भी पढ़ें- सर्व कर्मचारी संघ ने की हड़ताल की तैयारी, 6 को मशाल जुलूस, 7 और 8 को रोडवेज का चक्का जाम

पार्षद और स्थानीयों के चेयरपर्सन पर आरोप
पार्षद राजेश ने कहा कि उनके वार्ड में गंदगी के ढेर लगे हुए हैं जो नगरपालिका के स्वच्छ भारत स्वच्छ अभियान के दावों की पोल खोल रहे हैं. वहीं वार्ड वासियों का कहना है कि उनके पार्षद राजेश ने नगरपालिका चीका में नाले को बंद करवाने के लिए टेंडर लगवाया हुआ है, लेकिन चेयर पर्सन अमनदीप पार्षद के निजी मतभेद के कारण उनके वार्ड के विकास कार्य रोक रही है.

कैथल: गुहला चीका नगर पालिका की लापरवाही से तीन साल की बच्ची की नाले में गिरने से मौत हो गई. बताया जा रहा है कि नगर पालिका के चेयरपर्सन और पाषर्द के बीच मतभेद हैं. जिसकी वजह से वार्ड-1 में नाले को बंद नहीं किया गया.

पार्षद और चेयरपर्सन का विवाद
वार्ड-1 के पार्षद ने चेयरपर्सन पर विकास कार्य रोकने का आरोप लगाया है. पार्षद के मुताबिक टेंडर होने के 6 महीने बाद भी खुले नाले को बंद नहीं किया गया. जिसकी वजह से बच्ची की मौत हुई है. पार्षद के मुताबिक वार्ड-1 में गंदगी के ढेर लगे हैं.

5 फुट गहरे नाले में गिरने से तीन साल की बच्ची की मौत

5 फुट गहरे नाले में गिरी बच्ची
बच्ची के पिता प्रवीण कुमार के मुताबिक नैंसी अपने दोस्तों के साथ खेल रही थी. खेलते-खेलते वो 5 फुट गहरे नाले में जा गिरी. जबतक नैंसी का रेस्कयू किया गया वो अंतिम सांस ले चुकी थी. इसके बाद भी अधिकारियों ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया.

विवाद की वजह से रुके विकास कार्य
वार्ड नंबर 1 के पार्षद राजेश ने बताया कि चेयरपर्सन और उनका मतभेद है. जिसकी वजह से उनके वार्ड के विकास कार्य रुके हुए हैं. यही वजह है कि टेंडर लगने के 6 महीने बीत जाने के बाद भी नाले खुले पड़े हैं. जिसका खामियाजा बच्ची को भुगतना पड़ा

ये भी पढ़ें- सर्व कर्मचारी संघ ने की हड़ताल की तैयारी, 6 को मशाल जुलूस, 7 और 8 को रोडवेज का चक्का जाम

पार्षद और स्थानीयों के चेयरपर्सन पर आरोप
पार्षद राजेश ने कहा कि उनके वार्ड में गंदगी के ढेर लगे हुए हैं जो नगरपालिका के स्वच्छ भारत स्वच्छ अभियान के दावों की पोल खोल रहे हैं. वहीं वार्ड वासियों का कहना है कि उनके पार्षद राजेश ने नगरपालिका चीका में नाले को बंद करवाने के लिए टेंडर लगवाया हुआ है, लेकिन चेयर पर्सन अमनदीप पार्षद के निजी मतभेद के कारण उनके वार्ड के विकास कार्य रोक रही है.

Intro:
3 वर्षीय बच्ची की नाले में गिरने से मौत।

चेयरपर्सन और पार्षद के आपसी मतभेद की बलि चढ़ी बच्ची।

पार्षद ने चेयरपर्सन पर लगाए 1 वार्ड में विकास कार्य रोकने के आरोप।

टेंडर होने के 6 महीने बाद भी नहीं बन्द किया गया नाला।

वार्ड में लगे गंदगी के ढेर।

मामले पर किसी भी अधिकारी ने नहीं लिया संज्ञान।Body: गुहला चीका की नगर पालिका की लापरवाही के चलते 3 वर्षीय नैंसी को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। 3 वर्षीय
नैंसी आपने साथियों के साथ खेल रही थी और अचानक पैर फिसलने से नैंसी घर के पास से गुजर रहे 5 फुट गहरे नाले में गिर गई । नैंसी के साथ खेल रहे बच्चों ने जैसे ही शोर मचाया तो लोग इकट्ठा हुए तब तक नैंसी नाले के पानी के बहाव में बह कर आगे जा चुकी थी और दम तोड़ चुकी थी। 3 वर्षीय मासूम नैंसी की मौत के बाद प्रशासन के किसी भी अधिकारी ने घटना पर कोई संज्ञान नहीं लिया। जानकारी देते हुए वार्ड नंबर 1 के पार्षद राजेश ने बताया कि चेयरपर्सन और उनकी आपसी मतभेद के कारण नैंसी लापरवाही की भेंट चढ़ गई। चेयर पर्सन द्वारा उनसे निजी मतभेद के कारण उनके वार्ड के विकास कार्य रुके हुए हैं जिस कारण उनके वार्ड में सभी जगह नाले खुले पड़े हुए हैं जबकि इन नालों का टेंडर लगे हुए 6 महीने बीत चुके हैं परंतु इस पर कार्य शुरू नहीं हुआ है और ना ही संबंधित ठेकेदार को किसी प्रकार का कोई नोटिस जारी हुआ है और ना ही ठेकेदार का टेंडर रद्द हुआ है। इसके साथ ही पार्षद राजेश ने कहा कि उनके वार्ड में गंदगी के ढेर लगे हुए हैं जो नगरपालिका के स्वच्छ भारत स्वच्छ अभियान के दावों की पोल खोल रहे हैं। वहीं वार्ड वासियों का कहना है कि उनके पार्षद राजेश ने नगरपालिका चीका में नाले को बंद करवाने के लिए टेंडर लगवाया हुआ है परंतु चेयर पर्सन अमनदीप पार्षद के निजी मतभेद के कारण उनके वार्ड के विकास कार्य रोक रही है जिस कारण उनके वार्ड में गंदगी का ढेर लगे हुए है।

जब इस बारे नगरपालिका सचिव सुशील भुक्कल और चेयर पर्सन अमनदीप शर्मा से बात करना चाही तो उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।

Conclusion:नैंसी के पिता प्रवीण कुमार ने बताया कि उनके पास 3 बेटियां थी जिसमें से नैंसी सबसे छोटी बेटी थी और उनकी पत्नी अभी गर्भवती है और उनकी पत्नी को सदमा लगा है । नगरपालिका की लापरवाही के कारण उनकी बच्ची की मौत हुई है
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