कैथल: गुहला चीका नगर पालिका की लापरवाही से तीन साल की बच्ची की नाले में गिरने से मौत हो गई. बताया जा रहा है कि नगर पालिका के चेयरपर्सन और पाषर्द के बीच मतभेद हैं. जिसकी वजह से वार्ड-1 में नाले को बंद नहीं किया गया.
पार्षद और चेयरपर्सन का विवाद
वार्ड-1 के पार्षद ने चेयरपर्सन पर विकास कार्य रोकने का आरोप लगाया है. पार्षद के मुताबिक टेंडर होने के 6 महीने बाद भी खुले नाले को बंद नहीं किया गया. जिसकी वजह से बच्ची की मौत हुई है. पार्षद के मुताबिक वार्ड-1 में गंदगी के ढेर लगे हैं.
5 फुट गहरे नाले में गिरी बच्ची
बच्ची के पिता प्रवीण कुमार के मुताबिक नैंसी अपने दोस्तों के साथ खेल रही थी. खेलते-खेलते वो 5 फुट गहरे नाले में जा गिरी. जबतक नैंसी का रेस्कयू किया गया वो अंतिम सांस ले चुकी थी. इसके बाद भी अधिकारियों ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया.
विवाद की वजह से रुके विकास कार्य
वार्ड नंबर 1 के पार्षद राजेश ने बताया कि चेयरपर्सन और उनका मतभेद है. जिसकी वजह से उनके वार्ड के विकास कार्य रुके हुए हैं. यही वजह है कि टेंडर लगने के 6 महीने बीत जाने के बाद भी नाले खुले पड़े हैं. जिसका खामियाजा बच्ची को भुगतना पड़ा
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पार्षद और स्थानीयों के चेयरपर्सन पर आरोप
पार्षद राजेश ने कहा कि उनके वार्ड में गंदगी के ढेर लगे हुए हैं जो नगरपालिका के स्वच्छ भारत स्वच्छ अभियान के दावों की पोल खोल रहे हैं. वहीं वार्ड वासियों का कहना है कि उनके पार्षद राजेश ने नगरपालिका चीका में नाले को बंद करवाने के लिए टेंडर लगवाया हुआ है, लेकिन चेयर पर्सन अमनदीप पार्षद के निजी मतभेद के कारण उनके वार्ड के विकास कार्य रोक रही है.