जींद: जिले के लघु सचिवालय में बुढ़ापा पेंशन बनवाने के लिए मेडिकल कराने आए बुजुर्गों को धक्का-मुक्की का सामना करना पड़ा. जिसके कारण बुजुर्गों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. लघु सचिवालय में फैली अव्यवस्था के कारण बीमार बुजुर्ग दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं.
उम्र सत्यापन के लिए हर महीने होता है मेडिकल जांच
जिला सचिवालय में बुजुर्गों की उम्र सत्यापन के लिए हर महीने मेडिकल जांच होती है तभी जाकर बुजुर्गों की बुढ़ापा पेंशन बनती है. लेकिन सचिवालय में फैली अव्यवस्था के कारण बुजुर्गों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
कर्मचारियों के बहानों से मायूस हो लौट रहें बुजुर्ग
मेडिकल करवाने आई बुजुर्ग महिलाओं ने बताया कि वो पेंशन के फार्म कई बार भर चुकी हैं लेकिन पेंशन नहीं बनी. कभी कागज न पूरे होने का हवाला दिया जाता है तो कभी कम्युटर में रिकॉर्ड न होने का हवाला दिया जाता है जिसके कारण वो दफ्तरों के चक्कर काट-काट कर थक गई हैं.
घर जाकर बुढ़ापा पेंशन पहुंचाने का सरकार का दावा फेल
एक तरफ तो सरकार बुजुर्गों को बैंक द्वारा घर जाकर पेंशन पहुंचाने का दावा कर रही है वहीं दूसरी तरफ पेंशन बनवाने के लिए उन्हें दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही है.