जींद: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) किसान आंदोलन में फंडिंग की जांच कर रही है. इससे खफा किसान संगठनों का कहना है कि सरकार उनपर झूठे आरोप लगा रही है. किसान आंदोलन में फंडिंग मामले को लेकर जींद में किसानों की महापंचायत हुई. जिसमें उचाना हल्के के गांव छातर, करसिंधू और घोघड़िया गांव के किसान शामिल हुए. किसानों ने इस दौरान कहा कि आंदोलन और ट्रैक्टर परेड के लिए वो चंदा इकट्ठा कर रहे हैं.
महापंचायत में आए किसानों ने कहा कि हमारे चंदे को सरकार फंडिंग का नाम दे रही है. सरकार को किसानों के बीच जाकर देखना चाहिए कि किसान कैसे आंदोलन के लिए फंडिंग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि न हम उग्रवादी हैं और न हम खालिस्तानी हैं.
ये भी पढ़िए: पानीपत: क्लर्क ने चाय वाले से ठगे 1.75 लाख रुपये, बेटे की नौकरी लगवाने का दिया था झांसा
किसानों ने कहा कि अगर एनआईए किसानों को गिरफ्तार करती है तो इसका विरोध किया जाएगा. अभी तो एक दिन में लाखों रुपये इकट्ठा किए गए हैं, जरूरत पड़ी तो करोड़ों भी इकट्ठे कर लिए जाएंगे.
लाखों रुपये किसानों ने किए जमा
वहीं एक दूसरे किसान ने बताया कि छातर गांवों से आंदोलन के लिए 20 लाख, करसिन्धु गांव ने 10 लाख और घोगरिया गांव ने 5 लाख रुपये इकट्ठा किए गए हैं, ताकि दिल्ली कूच करने वाले किसानों को कोई दिक्कत नUR आने दी जाए.