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बिजली विभाग का सबसे बड़ा डिफॉल्टर जिला जींद, 846 करोड़ बकाया - jind electricity department

दर्जनों बिजली बिल माफी योजनाओं को अमलीजामा पहनाने के बावजूद जींद जिले में बकाया बिलों की डिफॉल्टिंग अमाउंट कम होने का नाम नहीं ले रही है. बिजली निगम की ओर से मुख्यालय को भेजी गई रिपोर्ट के अनुसार जिले की डिफॉल्टिंग अमाउंट राशि 8 अरब 46 करोड़ पर पहुंच चुकी है.

बिजली विभाग
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Published : Dec 17, 2019, 7:46 PM IST

जींद: सरकार बकाया बिलों पर ब्याज माफी और बिजली अधिक समय देने जैसी कई योजनाएं ला चुकी है. बावजूद इसके डिफॉल्टिंग अमाउंट लगातार बढ़ रही है. ऐसा भी नहीं है कि ये बकाया बिल हाल-फिलहाल का है. कई उपभोक्ता तो ऐसे हैं जो लंबे समय से ही बिजली बिल नहीं भर रहे हैं.

दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम जींद सर्कल के तहत तीन डिवीजन और 12 सब डिवीजन आती है. इन सभी सब डिवीजनों में 70 हजार 129 उपभोक्ताओं पर 846 करोड़ रुपये बकाया है. इसमें सरकारी विभाग भी शामिल है. जिनके 673 उपभोक्ताओं पर 16 करोड़ 49 लाख 95 हजार रुपये बकाया है.

बिजली विभाग का सबसे बड़ा डिफॉल्टर जिला जींद, देखें वीडियो

ये भी पढ़ें- गुरुग्राम: जेल के अंदर मिल रहा लावारिस फोन, जेल अधिकारियों का नहीं है कोई ध्यान

पब्लिक हेल्थ पर सबसे ज्यादा बकाया
सरकारी विभागों की डिफॉल्टिंग सूची देखें तो सबसे अधिक 13 करोड़ 71 लाख 75 हजार रुपये पब्लिक हेल्थ पर बकाया है. सरकारी विभागों पर कुल 16 करोड़ 49 लाख 95 हजार रुपये बकाया है. इसमें सिंचाई विभाग पर 60 लाख 62 हजार बकाया है.

बिजली विभाग ने सितंबर महीने में 54 गांवों को जगमग योजना के तहत रोशन करने का फैसला लिया था, लेकिन बजट के अभाव में और केबल समाप्त होने के चलते पिछले दो महीने से ये काम रुका हुआ है. आगे भविष्य में इलेक्ट्रॉनिक मीटरों की कमी का सामना भी उपभोक्ताओं को करना पड़ सकता है.

निगम बकाया बिजली बिलों को लेकर काफी गंभीर है और रोजाना डिफॉल्टरों की सूची बनाकर कनेक्शन काटे जा रहे हैं. सरकारी विभागों का भी बकाया बिजली बिल को लेकर नोटिस दिए जा रहे हैं. बता दें कि डिफॉल्टिंग अमाउंट में सबसे अधिक हिस्सा जींद सब अर्बन सब डिवीजन है तो वहीं सबसे कम डिफॉल्टिंग अमाउंट जींद सिटी सब डिवीजन की ओर बकाया है.

जींद: सरकार बकाया बिलों पर ब्याज माफी और बिजली अधिक समय देने जैसी कई योजनाएं ला चुकी है. बावजूद इसके डिफॉल्टिंग अमाउंट लगातार बढ़ रही है. ऐसा भी नहीं है कि ये बकाया बिल हाल-फिलहाल का है. कई उपभोक्ता तो ऐसे हैं जो लंबे समय से ही बिजली बिल नहीं भर रहे हैं.

दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम जींद सर्कल के तहत तीन डिवीजन और 12 सब डिवीजन आती है. इन सभी सब डिवीजनों में 70 हजार 129 उपभोक्ताओं पर 846 करोड़ रुपये बकाया है. इसमें सरकारी विभाग भी शामिल है. जिनके 673 उपभोक्ताओं पर 16 करोड़ 49 लाख 95 हजार रुपये बकाया है.

बिजली विभाग का सबसे बड़ा डिफॉल्टर जिला जींद, देखें वीडियो

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पब्लिक हेल्थ पर सबसे ज्यादा बकाया
सरकारी विभागों की डिफॉल्टिंग सूची देखें तो सबसे अधिक 13 करोड़ 71 लाख 75 हजार रुपये पब्लिक हेल्थ पर बकाया है. सरकारी विभागों पर कुल 16 करोड़ 49 लाख 95 हजार रुपये बकाया है. इसमें सिंचाई विभाग पर 60 लाख 62 हजार बकाया है.

बिजली विभाग ने सितंबर महीने में 54 गांवों को जगमग योजना के तहत रोशन करने का फैसला लिया था, लेकिन बजट के अभाव में और केबल समाप्त होने के चलते पिछले दो महीने से ये काम रुका हुआ है. आगे भविष्य में इलेक्ट्रॉनिक मीटरों की कमी का सामना भी उपभोक्ताओं को करना पड़ सकता है.

निगम बकाया बिजली बिलों को लेकर काफी गंभीर है और रोजाना डिफॉल्टरों की सूची बनाकर कनेक्शन काटे जा रहे हैं. सरकारी विभागों का भी बकाया बिजली बिल को लेकर नोटिस दिए जा रहे हैं. बता दें कि डिफॉल्टिंग अमाउंट में सबसे अधिक हिस्सा जींद सब अर्बन सब डिवीजन है तो वहीं सबसे कम डिफॉल्टिंग अमाउंट जींद सिटी सब डिवीजन की ओर बकाया है.

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दर्जनों बिजली बिल माफी योजनाओं को अमलीजामा पहनाने के बावजूद जींद जिले में बकाया बिलों की डिफॉल्टिंग अमाउंट कम होने का नाम नहीं ले रही है। बिजली निगम की ओर से मुख्यालय को भेजी गई रिपोर्ट के अनुसार जिले की डिफॉल्टिंग अमाउंट राशि 8 अरब 46 करोड़ पर पहुंच चुकी है। इसमें सबसे ज्यादा जींद सब अर्बन का 2 अरब 17 करोड़ से अधिक का बकाया है। पूरे हरियाणा के डिफॉल्टिंग अमाउंट को देखे तो जींद जिले पर सबसे ज्यादा बकाया है ।

सरकार की ओर से बकाया बिलों पर ब्याज माफी और बिजली अधिक समय देने जैसे कई योजनाएं ला चुकी है। बावजूद इसके डिफॉल्टिंग अमाउंट लगातार बढ़ रही है। ऐसा भी नहीं है यह बकाया बिल हाल-फिलहाल का है। कई उपभोक्ता तो ऐसे हैं जो लंबे समय से ही बिजली बिल नहीं भर रहे हैं।


दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम जींद सर्कल के तहत तीन डिवीजन और 12 सब डिवीजन आती है। इन सभी सब डिवीजनों में 70 हजार 129 उपभोक्ताओं पर 8 अरब 46 करोड़ 52 लाख 6 हजार रुपए बकाया है। इसमें सरकारी विभाग भी शामिल हैं। जिनके 673 उपभोक्ताओं पर 16 करोड़ 49 लाख 95 हजार रुपए बकाया है। डिफॉल्टिंग अमाउंट में सबसे अधिक हिस्सा जींद सब अर्बन सब डिवीजन है तो वहीं सबसे कम डिफॉल्टिंग अमाउंट जींद सिटी सब डिवीजन की ओर बकाया है।

सरकारी विभागों में सबसे अधिक पब्लिक हेल्थ पर बकाया
सरकारी विभागों की डिफॉल्टिंग सूची देखे तो सबसे अधिक 13 करोड़ 71 लाख 75 हजार रुपए पब्लिक हेल्थ पर बकाया है। सरकारी विभागों पर कुल 16 करोड़ 49 लाख 95 हजार रुपए बकाया है। इसमें सिंचाई विभाग पर 60 लाख 62 हजार बकाया है।


बिजली विभाग ने सितंबर माह में बिजली निगम ने 54 गांवों को जगमग योजना के तहत रोशन करने का फैसला लिया था। परंतु बजट के अभाव में और केबल समाप्त होने के चलते पिछले दो माह से यह काम रुका हुआ है। आगे भविष्य में इलेक्ट्रॉनिक मीटरों की कमी का सामना भी उपभोक्ताओं को करना पड़ सकता है।



निगम बकाया बिजली बिलों को लेकर काफी गंभीर है और रोजाना डिफॉल्टरों की सूची बनाकर कनेक्शन काटे जा रहे है। सरकारी विभागों का भी बकाया बिजली बिल को लेकर नोटिस दिए जा रहे हैं। हमारा सरकारी विभागों में सबसे ज्यादा पीडब्ल्यूडी विभाग पर करीब 14 करोड रुपए बकाया है जिसको लेकर अधिकारियों से कई बार मीटिंग की जा चुकी है

बाइट -श्यामबीर सैनी, एसई ,जींद।Conclusion:
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