जींद: कई दिनों से जिला परिषद की राजनीति में उठापठक जारी है. सोमवार को बजट आवंटन के लिए बुलाई गई सामान्य बैठक भी नहीं हो सकी. फिलहाल इसको स्थगित कर दिया गया है. इस मीटिंग से पहले ही जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बिजेंद्र सिंह ने जिला भर के विकास कार्यों पर रोक लगा दी थी. ऐसे में मीटिंग हंगामेदार रहने की उम्मीद थी.
बता दें कि जिला परिषद की बैठक सोमवार को होनी थी. इसमें हिस्सा लेने के लिए 4 विधायक, 6 ब्लॉक समिति चेयरमैन, सभी जिला पार्षद पहुंचे, लेकिन बैठक इसके बाद भी नहीं हो पाई. चेयरपर्सन ने कहा कि बैठक डिप्टी सीएम ने कैंसिल करवाई है, जबकि विरोधी खेमे का कहना है कि चेयरपर्सन के पास प्रस्ताव पास करवाने के लिए बहुमत ही नहीं था. इसलिए उन्होंने राजनीतिक पहुंच का इस्तेमाल करते हुए बैठक रद्द करवा दी.
गौरतलब है कि जेजेपी के जिला प्रधान कृष्ण राठी ने डिप्टी सीएम को शिकायत की थी कि जिला परिषद के चेयरमैन ग्रांट का दुरुपयोग कर रहे हैं. ऐसी जगहों पर ग्रांट खर्च कर रहे हैं, जिसकी कोई जरूरत नहीं है. उनका कहना था कि उनके खेत की तरफ से ज्यादा खर्च करके नाला बनवाया जा रहा है, जबकि इससे कम में पाइप लाइन दबाई जा सकती है. आधे से ज्यादा ग्रांट चेयरपर्सन ने खुद रख ली और बाकी अपने चहेतों के वार्डों को दे दी. 12 पार्षदों को कुछ नहीं मिला.
शिकायत मिलने के बाद पंचायत विभाग ने 1 हफ्ते पहले जिले भर में चल रहे जिला परिषद के विकास कार्यों पर रोक लगा दी. पार्षदों ने भी आरोप लगाया कि चेयरपर्सन ने ग्रांट का समान बंटवारा न करके अधिकांश ग्रांट अपने और अपने चहेतों के वार्ड में लगा दी है.
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वहीं बैठक स्थगित होने पर नपा चेयरपर्सन प्रवीण देवी ने डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला पर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि डिप्टी सीएम पद का दुरुपयोग करते हुए जींद जिले को टारगेट कर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि डिप्टी सीएम ने जानबूझकर जिला परिषद की बैठक नहीं होने दी.