जींद: छोटूराम किसान कॉलेज में तीन दिवसीय इंटर जोनल फेस्टिवल-2020 का भव्य आगाज हुआ. इस कार्यक्रम के शुभारंभ के मौके पर सीआरएसयू के वाइस चांसलर डॉ. आरबी सोलंकी ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की. फेस्टिवल का आगाज तो बड़ा शानदार हुआ, लेकिन फेस्ट में दर्शकों की भारी कमी देखने को मिली.
छोटूराम कॉलेज का नाकारा प्रबंधन!
इंटर जोनल यूथ फेस्टिवल के आयोजन के लिए चौ. रणबीर सिंह विश्वविद्यालय यानि सीआरएसयू ने भले ही अपनी कोष से लाखों रुपये निकाल दिए हों, लेकिन मेजबान छोटूराम किसान कॉलेज के नकारा प्रबंधन के कारण प्रस्तुति देने वाले छात्रों को तालियों की गड़गड़ाहट की बड़ी कमी खली.
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यूथ फेस्टिवल के मुख्य मंच के सामने बनाया गया पंडाल ही दर्शकों के अभाव में व्यवस्था प्रबंधकों की सोच पर चोट करता हुआ नजर आया. कलाकार, दर्शकों के अभाव में निरुत्साहित नजर आए. वहीं पंडाल में दूर-दराज क्षेत्रों से आए, अनेकों शिक्षक पानी के लिए इधर-उधर ताकते नजर आए.
लड़कियों को छेड़ते नजर आए असमाजिक तत्व
प्रशासन की ओर से भले ही यूथ फेस्टिवल में राष्ट्र, जात-पात और अभद्र भाषा के प्रयोग पर पाबंदी का ऐलान किया हुआ था, लेकिन प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष तौर मंच के माध्यम से 'सेटिंग करो-सेटिंग करो' जैसे शब्दबाणों से लड़कियों पर ऐसे तीर छोड़े गए, जिन्हें सुनकर पंडाल में बैठक शिक्षक और निर्णायक मंडल तक झिझक महसूस कर रहे थे.
दर्शकों की कमी पर प्रिंसिपल ने दिया जवाब
पंडाल में छात्रों के अभाव की जो कमी कलाकारों को खली, उसे लेकर छोटूराम किसान कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. शमशेर मलिक से पत्रकारों ने बातचीत की तो उन्होंने कहा कि छात्रों पर आने की शर्त थोपी नहीं जा सकती. मलिक ने कहा कि आज का जमाना मोबाइल का है. मोबाइल में सब कुछ मिल जाता है, इसलिए छात्रों की ऐसे कार्यक्रमों के प्रति रुचि कम हुई है.