जींदः राष्ट्रीय राजमार्ग 152-डी के जमीन अधिग्रहण में कम मुआवजे को लेकर 10 अप्रैल से चल रहा किसानों का प्रदर्शन अब तूल पकड़ता जा रहा है. जुलाना के 7 और दादरी के 17 गांव के किसानों ने 27 जून को ट्रेन रोकने का अहम फैसला लिया है.
किसानों में और बढ़ी रोष की आग
किसान नेता रमेश दलाल का कहना है कि 12 जून को केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ हुई किसानों के प्रतिनिधि मंडल की बैठक में अवार्ड में संशोधन करने पर सहमति बन गई थी. उसके बाद भी 9 दिन गुजर चुके हैं और अभी तक कोई घोषणा नहीं की गई. जिससे अब किसानों में रोष की आग और बढ़ गई है.
बुधवार तक का समय
धरना स्थल पर बैठे किसानों का कहना है कि उन्होंने मिलकर आर-पार की लड़ाई का फैसला लिया है. इसके लिए किसानों ने प्रशासन को बुधवार तक का वक्त देते हुए बड़ी चेतावनी दी है. किसानों के मुताबिक अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो किसान अपनी रेल रोकने वाली चेतवानी को अमल में लाएंगे.
हरियाणा बंद का ऐलान
किसानों ने बुधवार के बाद, पंजाब जाने वाली सभी रेल, दिल्ली और गुरुग्राम जाने वाली नहर को रोकने का फैसला किया है. साथ ही अनिश्चितकालीन हरियाणा बंद की भी घोषणा की है.
किसानों की मांग
किसानों की शिकायत है कि उनका अवार्ड तय करने में अधिकारियों ने कानूनी प्रावधानों का पालन नहीं किया, जिसके कारण उन्हें उचित मुआवजा नहीं मिल रहा है. ऐसे में अब किसान मार्केट मूल्य के हिसाब से अवार्ड में संशोधन की मांग कर रहे हैं.