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काउंटडाउन शुरू! बुधवार के बाद रेल रोकने की तैयारी में किसान - राष्ट्रीय राजमार्ग

एनएच 152-डी में जमीन के उचित मुआवजे की मांग को लेकर रमेश दलाल के नेतृत्व में आंदोलन जारी है. नाराज किसानों ने 27 जून को ट्रेन रोकने का लिया अहम फैसला.

किसानों में प्रदर्शन जारी
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Published : Jun 22, 2019, 5:45 PM IST

जींदः राष्ट्रीय राजमार्ग 152-डी के जमीन अधिग्रहण में कम मुआवजे को लेकर 10 अप्रैल से चल रहा किसानों का प्रदर्शन अब तूल पकड़ता जा रहा है. जुलाना के 7 और दादरी के 17 गांव के किसानों ने 27 जून को ट्रेन रोकने का अहम फैसला लिया है.

किसानों में दी सरकार को चेतावनी, देखें वीडियो

किसानों में और बढ़ी रोष की आग
किसान नेता रमेश दलाल का कहना है कि 12 जून को केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ हुई किसानों के प्रतिनिधि मंडल की बैठक में अवार्ड में संशोधन करने पर सहमति बन गई थी. उसके बाद भी 9 दिन गुजर चुके हैं और अभी तक कोई घोषणा नहीं की गई. जिससे अब किसानों में रोष की आग और बढ़ गई है.

बुधवार तक का समय
धरना स्थल पर बैठे किसानों का कहना है कि उन्होंने मिलकर आर-पार की लड़ाई का फैसला लिया है. इसके लिए किसानों ने प्रशासन को बुधवार तक का वक्त देते हुए बड़ी चेतावनी दी है. किसानों के मुताबिक अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो किसान अपनी रेल रोकने वाली चेतवानी को अमल में लाएंगे.

हरियाणा बंद का ऐलान
किसानों ने बुधवार के बाद, पंजाब जाने वाली सभी रेल, दिल्ली और गुरुग्राम जाने वाली नहर को रोकने का फैसला किया है. साथ ही अनिश्चितकालीन हरियाणा बंद की भी घोषणा की है.

किसानों की मांग
किसानों की शिकायत है कि उनका अवार्ड तय करने में अधिकारियों ने कानूनी प्रावधानों का पालन नहीं किया, जिसके कारण उन्हें उचित मुआवजा नहीं मिल रहा है. ऐसे में अब किसान मार्केट मूल्य के हिसाब से अवार्ड में संशोधन की मांग कर रहे हैं.

जींदः राष्ट्रीय राजमार्ग 152-डी के जमीन अधिग्रहण में कम मुआवजे को लेकर 10 अप्रैल से चल रहा किसानों का प्रदर्शन अब तूल पकड़ता जा रहा है. जुलाना के 7 और दादरी के 17 गांव के किसानों ने 27 जून को ट्रेन रोकने का अहम फैसला लिया है.

किसानों में दी सरकार को चेतावनी, देखें वीडियो

किसानों में और बढ़ी रोष की आग
किसान नेता रमेश दलाल का कहना है कि 12 जून को केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ हुई किसानों के प्रतिनिधि मंडल की बैठक में अवार्ड में संशोधन करने पर सहमति बन गई थी. उसके बाद भी 9 दिन गुजर चुके हैं और अभी तक कोई घोषणा नहीं की गई. जिससे अब किसानों में रोष की आग और बढ़ गई है.

बुधवार तक का समय
धरना स्थल पर बैठे किसानों का कहना है कि उन्होंने मिलकर आर-पार की लड़ाई का फैसला लिया है. इसके लिए किसानों ने प्रशासन को बुधवार तक का वक्त देते हुए बड़ी चेतावनी दी है. किसानों के मुताबिक अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो किसान अपनी रेल रोकने वाली चेतवानी को अमल में लाएंगे.

हरियाणा बंद का ऐलान
किसानों ने बुधवार के बाद, पंजाब जाने वाली सभी रेल, दिल्ली और गुरुग्राम जाने वाली नहर को रोकने का फैसला किया है. साथ ही अनिश्चितकालीन हरियाणा बंद की भी घोषणा की है.

किसानों की मांग
किसानों की शिकायत है कि उनका अवार्ड तय करने में अधिकारियों ने कानूनी प्रावधानों का पालन नहीं किया, जिसके कारण उन्हें उचित मुआवजा नहीं मिल रहा है. ऐसे में अब किसान मार्केट मूल्य के हिसाब से अवार्ड में संशोधन की मांग कर रहे हैं.

Intro:
किसान करेंगे बुधवार तक इंतज़ार, न्याय नही मिला तो रोक देंगे रेल


किला ज़फरगढ़ गांव व दादरी ज़िले में चल रहा किसानों के सब्र का बांध अब टूट चुका है किसान अब आर पार की लड़ाई के मूड में है । राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी के निर्माण में हो रहे ज़मीन अधिग्रहण में जुलाना क्षेत्र के 7 गांव व दादरी के 17 गांव के किसान अपनी ज़मीन के उचित मुआवज़े की मांग को लेकर रमेश दलाल के नेतृत्व में आंदोलन कर रहे है। किसानों की शिकायत है कि उनका अवार्ड तय करने में अधिकारियों ने कानूनी प्रावधानों का पालन नही किया जिसके कारण उन्हें उचित मुआवजा नही मिल रहा है। ऐसे में अब किसान मार्किट मूल्य के हिसाब से अवार्ड में संशोधन की मांग कर रहे है। 


Body:किसान नेता रमेश दलाल का कहना है कि सरकार के साथ सभी बातों पर सहमति बन चुकी है लेकिन फिर भी लगातार मामले को लटकाया जा रहा है। रमेश दलाल ने बताया कि 12 जून को केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ हुई किसानो के प्रतिनिधि मंडल की वार्ता में अवार्ड में संशोधन करने पर सहमति बन गई थी। लेकिन उसके बाद 9 दिन गुज़र चुके है लेकिन सरकार ने अभी तक कोई घोषणा नही की है। सरकार की इसी गैर-जिम्मेदाराना रवैये को देखते हुए धरने पर बैठे किसानों ने फिर से कमर कस ली है।

 

धरनास्थल पर किसान ने चर्चा कर फिर से आरपार की लड़ाई का फैसला लिया है।रमेश दलाल ने किसानों के फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि सरकार के पास बुधवार तक का समय है, अगर तब तक सरकार ने कोई सकारात्मक घोषणा नही की तो किसान अपनी रेल रोकने वाली चेतवानी को अमल में लाएंगे। किसानो ने बुधवार के बाद, पंजाब जाने वाली सभी रेल, दिल्ली व गुरुग्राम जाने वाली नहर को रोकने का फैसला किया है। साथ ही अनिश्चितकालीन हरियाणा बंद भी किया जाएगा।


रमेश दलाल का कहना है किसान कानून का पालन करना चाहते है लेकिन सरकार उन्हें रेल व नहर रोकने पर विवश कर रही है। अभी दो दिन पहले ही किसानों ने परेशान हो कर राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री को सामूहिक आत्महत्या की अनुमति के लिए पत्र लिखा था। आत्महत्या के पत्र की खबर आने के बाद बड़ी संख्या में सामाजिक व किसान संगठन तथा खाप पंचायतें किसानों के समर्थन में आ खड़ी हुई है। संगठनों व पंचायतों का कहना है कि वह किसी भी सूरत में किसानों को आत्महत्या का कदम नही उठाने देंगे तथा अगर  किसानों को नुकसान ही उठाना है तो वह आत्महत्या करने की बजाय रेल व नहर रोक कर सरकार को जगाने का काम करेंगे। किसानों का कहना है कि ना चाहते हुए भी उन्हें कोई सख्त कदम उठाना पड़ेगा। 


बाईट  _ किसान नेता रमेश दलाल।

Conclusion:
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