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मरीज के पिता को थप्पड़ मारने का आरोपी डॉक्टर आया सामने, बोला- मामला गलत तरीके से पेश हुआ

आरोपी डॉक्टर स्नेह खर्ब ने कहा कि उनके ऊपर गलत आरोप लगाए गए हैं. इस मामले को गलत तरीके से पेश किया गया है. उनसे किसी को थप्पड़ नहीं मारा है.

jind hospital issue
मरीज के पिता को थप्पड़ मारने का आरोपी डॉक्टर आया सामने
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Published : Jan 15, 2020, 11:27 AM IST

जींद: नागरिक अस्पताल में मरीज के पिता को डॉक्टर द्वारा थप्पड़ मारने के मामले में आए बड़े यूटर्न के बाद अब आरोपी डॉक्टर भी कैमरे के सामने आया है. विवाद के बाद पहली बार कैमरे के सामने आरोपी डॉक्टर स्नेह खर्ब ने अपनी बात रखी.

मीडिया के सामने आया आरोपी डॉक्टर
आरोपी डॉक्टर स्नेह खर्ब ने कहा कि उनके ऊपर गलत आरोप लगाए गए हैं. इस मामले को गलत तरीके से पेश किया गया है, जिस समय उचाना निवासी छज्जू राम अपने बेटे विहान को लेकर आया उस समय मैं इमरजेंसी में अपनी सीट पर ही था. बच्चे को खांसी और जुकाम था. बच्चे का तुरंत इलाज किया गया था.

आरोपी डॉक्टर ने कहा कि बच्चा छोटा था इसलिए बच्चे को अस्पताल के एसएनसीयू में भेज दिया गया, लेकिन वहां के स्टाफ ने उसको दाखिल नहीं होने दिया. इसके बाद बच्चे को क्या इंजेक्शन देना था, इसके लिए बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर पिनियां ने डॉक्टर दिनेश दहिया को फोन किया, लेकिन किसी भी डॉक्टर ने फोन नहीं उठाया. उस दौरान बच्चे के पिता छज्जू राम ने बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों के फोन नंबर मांगे जो मैंने दे दिए थे.

क्लिक कर सुने क्या बोला आरोपी डॉक्टर

मामले को गलत तरीके से किया गया पेश- आरोपी डॉक्टर
डॉ. स्नेह खर्ब ने बताया कि इसके बाद उन्होंने बच्चे के पिता को एंबुलेंस से रोहतक पीजीआई ले जाने की बात कही, लेकिन इस पर छज्जू राम आक्रोशित हो गया और मोबाइल से वीडियो बनाने लगा. काफी देर तक आरोपी डॉक्टर ने वीडियो नहीं बनाने का आग्रह किया, लेकिन छज्जू राम नहीं माना. इसी दौरान दूसरे लोग भी उस पर अपना मरीज को देखने का दबाव बनाने लगे. इसके बाद डॉक्टर ने वीडियो को बंद करने के लिए मोबाइल पर हाथ मार दिया, लेकिन मोबाइल को मारे हाथ को मीडिया में गलत तरीके से थप्पड़ के रूप में पेश किया.

ये भी पढ़िए: जींदः थप्पड़ मारने के आरोप में डॉक्टर हु्आ था सस्पेंड, सीसीटीवी से आया नया मोड़

वहीं इस मामले में नागरिक अस्पताल के 3 डॉक्टर की टीम ने जांच के दौरान इमरजेंसी वार्ड की सीसीटीवी फुटेज देखी. जिसमें ये सपष्ट हुआ है की जिस समय बच्चे का पिता छज्जु राम डॉक्टर की वीडियो बना रहा था. उस समय डॉक्टर ने उसको थप्पड़ नहीं मारा बल्कि वीडियो बनाने से रोकने के लिए मोबाइल को हाथ मारकर उसे रोका था.

ये है मामला
सिविल अस्पताल के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. गोपाल ने बताया कि रिपोर्ट तैयार करके मुख्यालय को भेज दी है. इसके बाद ही आगामी फैसला लिया जाएगा. बता दें कि जींद के अस्पताल से एक वीडियो वायरल हो रहा था जिसमें एक चिकित्सक डॉ. रामस्नेह खर्ब ने एक युवक को थप्पड़ जड़ दिया. ये पिता अपने बच्चे के इलाज के लिए अस्पताल आया था. आरोप है कि इस दौरान डॉक्टर ने बच्चे के पिता से गलत व्यवहार किया और थप्पड़ मार दिया.

जींद: नागरिक अस्पताल में मरीज के पिता को डॉक्टर द्वारा थप्पड़ मारने के मामले में आए बड़े यूटर्न के बाद अब आरोपी डॉक्टर भी कैमरे के सामने आया है. विवाद के बाद पहली बार कैमरे के सामने आरोपी डॉक्टर स्नेह खर्ब ने अपनी बात रखी.

मीडिया के सामने आया आरोपी डॉक्टर
आरोपी डॉक्टर स्नेह खर्ब ने कहा कि उनके ऊपर गलत आरोप लगाए गए हैं. इस मामले को गलत तरीके से पेश किया गया है, जिस समय उचाना निवासी छज्जू राम अपने बेटे विहान को लेकर आया उस समय मैं इमरजेंसी में अपनी सीट पर ही था. बच्चे को खांसी और जुकाम था. बच्चे का तुरंत इलाज किया गया था.

आरोपी डॉक्टर ने कहा कि बच्चा छोटा था इसलिए बच्चे को अस्पताल के एसएनसीयू में भेज दिया गया, लेकिन वहां के स्टाफ ने उसको दाखिल नहीं होने दिया. इसके बाद बच्चे को क्या इंजेक्शन देना था, इसके लिए बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर पिनियां ने डॉक्टर दिनेश दहिया को फोन किया, लेकिन किसी भी डॉक्टर ने फोन नहीं उठाया. उस दौरान बच्चे के पिता छज्जू राम ने बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों के फोन नंबर मांगे जो मैंने दे दिए थे.

क्लिक कर सुने क्या बोला आरोपी डॉक्टर

मामले को गलत तरीके से किया गया पेश- आरोपी डॉक्टर
डॉ. स्नेह खर्ब ने बताया कि इसके बाद उन्होंने बच्चे के पिता को एंबुलेंस से रोहतक पीजीआई ले जाने की बात कही, लेकिन इस पर छज्जू राम आक्रोशित हो गया और मोबाइल से वीडियो बनाने लगा. काफी देर तक आरोपी डॉक्टर ने वीडियो नहीं बनाने का आग्रह किया, लेकिन छज्जू राम नहीं माना. इसी दौरान दूसरे लोग भी उस पर अपना मरीज को देखने का दबाव बनाने लगे. इसके बाद डॉक्टर ने वीडियो को बंद करने के लिए मोबाइल पर हाथ मार दिया, लेकिन मोबाइल को मारे हाथ को मीडिया में गलत तरीके से थप्पड़ के रूप में पेश किया.

ये भी पढ़िए: जींदः थप्पड़ मारने के आरोप में डॉक्टर हु्आ था सस्पेंड, सीसीटीवी से आया नया मोड़

वहीं इस मामले में नागरिक अस्पताल के 3 डॉक्टर की टीम ने जांच के दौरान इमरजेंसी वार्ड की सीसीटीवी फुटेज देखी. जिसमें ये सपष्ट हुआ है की जिस समय बच्चे का पिता छज्जु राम डॉक्टर की वीडियो बना रहा था. उस समय डॉक्टर ने उसको थप्पड़ नहीं मारा बल्कि वीडियो बनाने से रोकने के लिए मोबाइल को हाथ मारकर उसे रोका था.

ये है मामला
सिविल अस्पताल के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. गोपाल ने बताया कि रिपोर्ट तैयार करके मुख्यालय को भेज दी है. इसके बाद ही आगामी फैसला लिया जाएगा. बता दें कि जींद के अस्पताल से एक वीडियो वायरल हो रहा था जिसमें एक चिकित्सक डॉ. रामस्नेह खर्ब ने एक युवक को थप्पड़ जड़ दिया. ये पिता अपने बच्चे के इलाज के लिए अस्पताल आया था. आरोप है कि इस दौरान डॉक्टर ने बच्चे के पिता से गलत व्यवहार किया और थप्पड़ मार दिया.

Intro:
Exclusive

जींद नागरिक अस्पताल के एमरजेंसी वार्ड में शिशु के पिता को डॉक्टर द्वारा थप्पड़ मारने के मामले में आये बड़ा यूटर्न के बाद अब आरोपी डॉक्टर भी कैमरे के सामने आया है ,






Body:विवाद के बाद पहली बार कैमरे के सामने आरोपी डॉक्टर स्नेह खर्ब ने कहा कि मेरे ऊपर गलत आरोप लगाए गए हैं इस मामले को गलत तरीके से पेश किया गया है, जिस समय उचाना निवासी छज्जू राम अपने बेटे विहान को लेकर आया उस समय मैं इमरजेंसी में अपनी सीट पर ही थे बच्चे को खांसी व जुकाम था और उसने उसका तुरंत ही इलाज कर दिया था बच्चा छोटा होने के कारण मैंने अस्पताल के एसएनसीयू में भेज दिया लेकिन वहां के स्टाफ ने उसको दाखिल नहीं किया इसके बाद बच्चे को क्या इंजेक्शन देना है इसके लिए बाल रोग विशेषक डॉक्टर पिनियां डॉक्टर दिनेश दहिया को फोन किया लेकिन किसी भी डॉक्टर ने फोन नहीं उठाया उस दौरान बच्चे के पिता छाजू राम ने बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों के फोन नंबर मांगे जो मैंने दे दिए थे


मामले को गलत तरीके से किया गया पेश

डॉ स्नेह खराब ने बताया कि इस इसके बाद मैंने बच्चे के पिता को एंबुलेंस से रोहतक पीजीआई ले जाने की बात कही लेकिन इस पर छज्जू राम आक्रोशित हो गया और मोबाइल से वीडियो बनाने लगा काफी देर तक मैं वीडियो नहीं बनाने का आग्रह करता रहा लेकिन वह नहीं माना , इसी दौरान दूसरे लोग मुझ पर अपने मरीज को देखने का दबाव बनाने लगे इस पर मैंने वीडियो को बंद करने के लिए उसके मोबाइल पर हाथ मार दिया लेकिन मोबाइल को मारे हाथ को मीडिया में गलत तरीके से थप्पड़ के रूप में पेश किया गया



Conclusion:वहीं नागरिक अस्पताल के 3 डॉक्टर की टीम ने जांच के दौरान कमेटी ने घटना के समय एमरजेंसी वार्ड की cctv फुटेज को भी देखा , cctv देखने के बाद यह सपष्ट हुआ की जिस समय बच्चे का पिता छज्जुराम डॉक्टर की वीडियो बना रहा था उस समय डॉक्टर ने उसको थप्पड़ नहीं मारा बल्कि वीडियो बनाने से रोकने के लिए मोबाइल को हाथ मारकर उसे रोका था
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