ETV Bharat / state

जींदः PM मातृत्व वंदना योजना में गड़बड़ी, कंप्यूटर संचालक ने लगाया 21 लाख का चूना!

जींद में डीबीटी स्कीम के जरिए गड़बड़ी करने का मामला सामने आया है. जींद में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत गर्भवती महिला को उसकी पहली प्रसूति डिलीवरी पर दी जाने वाली आर्थिक मदद में 21 लाख का घोटाला सामने आया है.

Big scam of 21 lakh rupee in PM Maternity Vandana Scheme in Jind
जींदः PM मातृत्व वंदना योजना में बड़ा घोटाला, कंप्यूटर संचालक ने लगाया 21 लाख का चूना!
author img

By

Published : Jul 30, 2020, 10:16 AM IST

जींदः जिले से डीबीटी स्कीम के तहत एक बड़ा घोटाला सामने आया है. जहां प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत गर्भवती महिला को उसकी पहली प्रसूति डिलीवरी पर दी जाने वाली आर्थिक मदद में 21 लाख का बड़ा घोटाला किया गया है. इस घोटाले के पीछे महिला बाल विकास विभाग में तैनात एक कंप्यूटर संचालक का नाम बताया जा रहा है. हालांकि अभी तक इस मामले में कोई ज्यादा जानकारी सामने नहीं आई है.

सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं में किसी भी तरह का घोटाला न हो. इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर योजना की शुरूआत की गई है. लेकिन जींद में डीबीटी स्कीम के जरिए ही एक बड़ा घोटाला किया गया है. दरअसल जींद में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत गर्भवती महिला को उसकी पहली प्रसूति डिलीवरी पर दी जाने वाली आर्थिक मदद में 21 लाख का घोटाला सामने आया है.

जींदः PM मातृत्व वंदना योजना में बड़ा घोटाला, कंप्यूटर संचालक ने लगाया 21 लाख का चूना!

कंप्यूटर प्रशिक्षु ने लगाया चूना!

इस घोटाले में महिला बाल विकास विभाग जींद के कार्यालय में कंप्यूटर प्रशिक्षु अतुल का नाम बताया जा रहा है. आरोप है कि अतुल ने आंगनवाड़ी वर्कर के अलावा लाभार्थियों के आधार और बैंक आईडी पासवर्ड इकट्ठे करके ये राशि गबन की है. इस घोटाले में महिला बाल विकास विभाग द्वारा जींद के सिविल लाइन थाने में प्रशिक्षु के खिलाफ शिकायत भी दी गई है. शिकायत के आधार पर पूरे मामले की जांच गहनता से की जा रही है.

2018 से जारी है घोटाला

इस फर्जीवाड़े को एक साथ नहीं बल्कि 2018 में शुरू किया था. राशि का गबन जुलाई 2020 तक होता रहा. इसमें आरोपी ने फर्जी गर्भवती महिलाओं की लिस्ट तैयार कर साइट पर अपलोड कर दी और इसके लिए जो भी प्रोसेस साइट पर मांगा गया, उसको अपने आप ही पूरा करता चला गया. अभी तक उचाना और जींद में कुल 607 ऐसे फार्म सामने आ चुके हैं, जिनको अतुल ने खुद ही वेरिफाई किया है.

ये भी पढ़ेंः खरखौदा शराब घोटाला: पंजाब में होती थी सस्ती शराब को महंगे ब्रांड की बोतल में डालने की पैकिंग

ऐसे हुआ खुलासा

जींद सीडीपीओ मीना शर्मा ने मामले की शिकायत सिविल लाइन थाना पुलिस को दे दी है. उन्होंने बताया कि दिसंबर 2017 से 18 तक सीडीपीओ कार्यालय जींद में अप्रेंटिस के तौर मिर्चपुर निवासी अतुल कार्यरत था. उसने कार्यालय से आईडी और पासवर्ड चोरी कर फर्जी तरीके से गर्भवती महिलाओं के नाम पर लगभग 21 लाख रुपये की राशि हड़पी है. उन्होंने बताया कि जब सुपरवाइजर ने अपने रिकॉर्ड की जांच की तो मिला की जिन महिलाओं का पंजीकरण उन्होने नहीं किया है उनका भी पंजीकरण हुआ है. केंद्र सरकार की ओर से इन महिलाओं के खाते में पांच हजार रुपये डाले गए थे.

ऑनलाइन है योजना

महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्यक्रम अधिकारी उषा मुआल ने बताया कि प्रधानमंत्री मातृत्व शिशु वंदना योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को तीन किस्तों में सहायता राशि प्रदान की जाती है. जिसमें महिला के पति और महिला का आधार कार्ड बैंक खाता खुलवाया जाता है और उसमें आईडी पासवर्ड गोपनीय होता है और लाभार्थी को दी जाने वाली ये योजना विभाग द्वारा ऑनलाइन की जाती है जिसमें किसी तरह की घालमेल की आशंका नहीं रहती.

क्या है योजना?

प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत आंगनवाड़ी वर्करों के माध्यम से पहली बार गर्भवती महिला का पंजीकरण किया जाता है. पंजीकरण के समय इस योजना के तहत उस महिला को पहली किस्त हजारों रुपए और डिलीवरी के बाद 2000 की कुल राशि 5000 बनती है दी जाती है. लाभार्थी की प्रक्रिया पूरी करने के बाद लाभार्थी को जिसमें महिला एवं उसका पति शामिल है का आईडी पासवर्ड और कोड नंबर गोपनीय रखा जाता है ताकि लाभार्थी को सीधी राशि उसके खाते में दी जा सके.

जींदः जिले से डीबीटी स्कीम के तहत एक बड़ा घोटाला सामने आया है. जहां प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत गर्भवती महिला को उसकी पहली प्रसूति डिलीवरी पर दी जाने वाली आर्थिक मदद में 21 लाख का बड़ा घोटाला किया गया है. इस घोटाले के पीछे महिला बाल विकास विभाग में तैनात एक कंप्यूटर संचालक का नाम बताया जा रहा है. हालांकि अभी तक इस मामले में कोई ज्यादा जानकारी सामने नहीं आई है.

सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं में किसी भी तरह का घोटाला न हो. इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर योजना की शुरूआत की गई है. लेकिन जींद में डीबीटी स्कीम के जरिए ही एक बड़ा घोटाला किया गया है. दरअसल जींद में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत गर्भवती महिला को उसकी पहली प्रसूति डिलीवरी पर दी जाने वाली आर्थिक मदद में 21 लाख का घोटाला सामने आया है.

जींदः PM मातृत्व वंदना योजना में बड़ा घोटाला, कंप्यूटर संचालक ने लगाया 21 लाख का चूना!

कंप्यूटर प्रशिक्षु ने लगाया चूना!

इस घोटाले में महिला बाल विकास विभाग जींद के कार्यालय में कंप्यूटर प्रशिक्षु अतुल का नाम बताया जा रहा है. आरोप है कि अतुल ने आंगनवाड़ी वर्कर के अलावा लाभार्थियों के आधार और बैंक आईडी पासवर्ड इकट्ठे करके ये राशि गबन की है. इस घोटाले में महिला बाल विकास विभाग द्वारा जींद के सिविल लाइन थाने में प्रशिक्षु के खिलाफ शिकायत भी दी गई है. शिकायत के आधार पर पूरे मामले की जांच गहनता से की जा रही है.

2018 से जारी है घोटाला

इस फर्जीवाड़े को एक साथ नहीं बल्कि 2018 में शुरू किया था. राशि का गबन जुलाई 2020 तक होता रहा. इसमें आरोपी ने फर्जी गर्भवती महिलाओं की लिस्ट तैयार कर साइट पर अपलोड कर दी और इसके लिए जो भी प्रोसेस साइट पर मांगा गया, उसको अपने आप ही पूरा करता चला गया. अभी तक उचाना और जींद में कुल 607 ऐसे फार्म सामने आ चुके हैं, जिनको अतुल ने खुद ही वेरिफाई किया है.

ये भी पढ़ेंः खरखौदा शराब घोटाला: पंजाब में होती थी सस्ती शराब को महंगे ब्रांड की बोतल में डालने की पैकिंग

ऐसे हुआ खुलासा

जींद सीडीपीओ मीना शर्मा ने मामले की शिकायत सिविल लाइन थाना पुलिस को दे दी है. उन्होंने बताया कि दिसंबर 2017 से 18 तक सीडीपीओ कार्यालय जींद में अप्रेंटिस के तौर मिर्चपुर निवासी अतुल कार्यरत था. उसने कार्यालय से आईडी और पासवर्ड चोरी कर फर्जी तरीके से गर्भवती महिलाओं के नाम पर लगभग 21 लाख रुपये की राशि हड़पी है. उन्होंने बताया कि जब सुपरवाइजर ने अपने रिकॉर्ड की जांच की तो मिला की जिन महिलाओं का पंजीकरण उन्होने नहीं किया है उनका भी पंजीकरण हुआ है. केंद्र सरकार की ओर से इन महिलाओं के खाते में पांच हजार रुपये डाले गए थे.

ऑनलाइन है योजना

महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्यक्रम अधिकारी उषा मुआल ने बताया कि प्रधानमंत्री मातृत्व शिशु वंदना योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को तीन किस्तों में सहायता राशि प्रदान की जाती है. जिसमें महिला के पति और महिला का आधार कार्ड बैंक खाता खुलवाया जाता है और उसमें आईडी पासवर्ड गोपनीय होता है और लाभार्थी को दी जाने वाली ये योजना विभाग द्वारा ऑनलाइन की जाती है जिसमें किसी तरह की घालमेल की आशंका नहीं रहती.

क्या है योजना?

प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत आंगनवाड़ी वर्करों के माध्यम से पहली बार गर्भवती महिला का पंजीकरण किया जाता है. पंजीकरण के समय इस योजना के तहत उस महिला को पहली किस्त हजारों रुपए और डिलीवरी के बाद 2000 की कुल राशि 5000 बनती है दी जाती है. लाभार्थी की प्रक्रिया पूरी करने के बाद लाभार्थी को जिसमें महिला एवं उसका पति शामिल है का आईडी पासवर्ड और कोड नंबर गोपनीय रखा जाता है ताकि लाभार्थी को सीधी राशि उसके खाते में दी जा सके.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.