जींद: रोहतक रोड और मिनी बाइपास जो कि नेशनल हाईवे भी कहलाता है इसकी हालत पिछले लंबे समय से ही खस्ता थी, लेकिन पिछले 8 महीने पहले रोहतक रोड को चारों तरफ से खोद दिया गया, लेकिन लेबर नहीं मिलने की वजह से काम पूरा नहीं हो पाया है. लोगों को उम्मीद थी कि सीवरेज और पानी की पाइप डालने के लिए इसे खोदा जा रहा है, जिससे उन्हीं को सुविधा मिलेगी लेकिन ये योजना उनके जी का जंजाल बन जाएगी ये किसी को भी अंदाजा नहीं था.
गौरतलब है कि रोहतक रोड की सड़क की चौड़ाई पहले ही 15 से घटकर 8 रह गई थी. जो अब खोदने के बाद सिर्फ 7 फीट रह गई है. अब खुद ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिस नेशनल हाईवे सड़क की चौड़ाई 7 फीट रह गई हो और उसके चारों तरफ की सड़क को खोदकर काम बंद कर दिया गया हो तो इस रोड पर रहने वाले और आने जाने वाले लोगों की हालत क्या हो रही होगी?
दुकानदारों का कहना है कि इस सड़क को पिछले साल नवंबर में खोदा गया था और तब से यहां बड़े-बड़े गड्ढे बने हुए हैं. प्रशासन का कहना था की 3 महीने में इसे वापस बना दिया जाए,गा लेकिन अब तक तक इसकी हालत चलने लायक भी नहीं बनी है. हालात इस कदर है कि कोई बुजुर्ग व्यक्ति तो इस सड़क पर पैदल भी नहीं जा सकता. वहीं रोजाना बाइक सवार भी इन गड्ढों में गिरते हैं और थोड़ी सी बारिश होते ही यहां पानी इस कदर भर जाता है कि न गड्ढे दिखाई देते हैं और न सड़क. जिसकी वजह से संतुलन बिगड़ते ही लोग गिर जाते हैं.
वहीं सड़क की खस्ता हालत और निर्माण कार्य की धीमी गति को लेकर जींद नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी सुरेश चौहान का कहना है कि काम लगभग पूरा हो चुका है. कुछ हिस्सा बाकी है उसे भी जल्दी ही पूरा किया जा रहा है. लॉकडाउन की वजह से लेबर अपने घर चले गए थे, लेकिन अब लेबर लौट रहे हैं. ऐसे में जल्द ही अधूरे पड़े काम को पूरा किया जाएगा.
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बता दें कि रोहतक रोड के लोग पिछले लंबे समय से रोड को बनवाने की मांग कर रहे है. बदहाल रोड की वजह से दर्जनों हादसे हो चुके है. लोग इसे मौत की सड़क के नाम से पुकारने लगे हैं. पिछले चुनाव में रोहतक रोड के लोगो ने सड़क नहीं तो वोट नहीं का फरमान भी जारी किया था और यहां के लोग मुख्यमंत्री से भी मिले थे. मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि चुनाव खत्म होते ही रोड बनवा दी जाएगी, लेकिन उसके बाद आज तक ये रोड नहीं बन पाई है.