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जींद की 38 पंचायतें हुई डिजिटल, हर विकास राशि का डिजिटल सिग्नेचर से ही होगा भुगतान

जुलाना ब्लॉक में 38 पंचायत हैं, जिनमें डिजिटल सिग्नेचर का काम शुरू हो चुका है. इसके अलावा अभी तक पूरे हरियाणा में 52 प्रतिशत डिजिटल सिग्नेचर कार्य प्रणाली का काम पूरा हो चूका है.

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Published : Feb 27, 2020, 8:07 PM IST

38 panchayats of julana went digital
जींद की 38 पंचायतें हुई डिजिटल

जींद: जुलाना ब्लॉक की सभी ग्राम पंचायतों में अब डिजिटल सिग्नेचर व्यवस्था लागू हो गई है. ऐसा होने के बाद अब केंद्र सरकार की तरफ से आने वाली विकास कार्यों की राशि का भुगतान सीधे वेंडर के बैंक खातों में होगा. जुलाना में किसी भी गांव में किए गए विकास कार्यों की राशि का भुगतान ग्राम सचिव और सरपंच मिलकर ऑनलाइन तरीके से ही करेंगे.

जुलाना की सभी 38 पंचायतों में व्यवस्था की लागू

डीडीपीओ धर्मवीर ने बताया कि इस प्रणाली के बाद पंचायतों में गबन के मामलों पर रोक लगेगी. उन्होंने बताया कि जुलाना ब्लॉक में 38 पंचायत हैं, जिनमें डिजिटल सिग्नेचर का काम शुरू हो चुका है. इसके अलावा अभीतक पूरे हरियाणा में 52 प्रतिशत डिजिटल सिग्नेचर कार्य प्रणाली का काम पूरा हो चूका है. इसका संचालन पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम के तहत किया जा रहा.

जींद की 38 पंचायतें हुई डिजिटल

ये भी पढ़िए: हरियाणा बजट: सूबे के सबसे पिछड़े इलाके नूंह के शिक्षक और छात्रों की क्या है मांग?

डीडीपीओ ने कहा कि अब कोई भी सरपंच ये नहीं बोल पाएगा की सिग्नेचर किए है या फिर नहीं. पहले सरपंचों को प्रस्ताव लेकर बैंकों में जाना पड़ता था, जिसमे समय भी बहुत लगता था, लेकिन अब रियल टाइम भुगतान जैसे RTGS होता है. ऐसा करने से समय की बचत होगी और पारदर्शिता भी आएगी.

जींद: जुलाना ब्लॉक की सभी ग्राम पंचायतों में अब डिजिटल सिग्नेचर व्यवस्था लागू हो गई है. ऐसा होने के बाद अब केंद्र सरकार की तरफ से आने वाली विकास कार्यों की राशि का भुगतान सीधे वेंडर के बैंक खातों में होगा. जुलाना में किसी भी गांव में किए गए विकास कार्यों की राशि का भुगतान ग्राम सचिव और सरपंच मिलकर ऑनलाइन तरीके से ही करेंगे.

जुलाना की सभी 38 पंचायतों में व्यवस्था की लागू

डीडीपीओ धर्मवीर ने बताया कि इस प्रणाली के बाद पंचायतों में गबन के मामलों पर रोक लगेगी. उन्होंने बताया कि जुलाना ब्लॉक में 38 पंचायत हैं, जिनमें डिजिटल सिग्नेचर का काम शुरू हो चुका है. इसके अलावा अभीतक पूरे हरियाणा में 52 प्रतिशत डिजिटल सिग्नेचर कार्य प्रणाली का काम पूरा हो चूका है. इसका संचालन पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम के तहत किया जा रहा.

जींद की 38 पंचायतें हुई डिजिटल

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डीडीपीओ ने कहा कि अब कोई भी सरपंच ये नहीं बोल पाएगा की सिग्नेचर किए है या फिर नहीं. पहले सरपंचों को प्रस्ताव लेकर बैंकों में जाना पड़ता था, जिसमे समय भी बहुत लगता था, लेकिन अब रियल टाइम भुगतान जैसे RTGS होता है. ऐसा करने से समय की बचत होगी और पारदर्शिता भी आएगी.

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