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लॉकडाउन में सरकार की ढील के बाद रातभर पहरा दे रहे ग्रामीण

हरियाणा के ग्रामीण कोरोना वायरस का खतरा मोल नहीं लेना चाहते. अपने गांव को कोरोना से सुरक्षित रखने के लिए ग्रामीण पूरी रात गांव की सीमा पर पहरा दे रहे हैं. ताकि कोई कोरोना संक्रमित गांव में प्रवेश न करने पाए.

villagers became watchmen jhajjar
लॉकडाउन में सरकार ने ढील लेकिन ग्रामीण सतर्क
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Published : May 21, 2020, 12:46 PM IST

Updated : May 21, 2020, 1:23 PM IST

झज्जर: सरकार ने लॉकडाउन 4.0 में लोगों को रियायतें जरूर दी हैं. लेकिन ग्रामीण कोरोना का खतरा मोल नहीं लेना चाहते. कोई भी कोरोना संक्रमित गांव में प्रवेश ना करे. इसलिए ग्रामीण रात के समय भी गांव की सीमा पर पहरा दे रहे हैं.

रात 2 बजे की रिपोर्टिंग

ईटीवी भारत ने देर रात ग्रामीण आंचल में जाकर ग्रामीणों से सीधा संवाद किया. लोगों से जाना कि कैसे अपने स्तर पर ग्रामीण कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से बचाव कर रहे हैं. ईटीवी भारत रात 2 बजे झज्जर के गांव कबलाना पहुंचा.

लॉकडाउन में सरकार ने दी ढील लेकिन ग्रामीण सतर्क, पूरी रात दे रहे पहरा

रात में ग्रामीण दे रहे पहरा

गांव कबलाना में लोग आधी रात में भी पहरा दे रहे हैं. ताकि कोई भी बाहरी व्यक्ति गांव में प्रवेश न करने पाए. हर रोज गांव के लोग बदल-बदल कर ये ड्यूटी निभा रहे हैं. ग्रामीणों की माने तो लॉकडाउन के चौथे चरण की रियायतों के बाद भी वो किसी तरह का रिस्क नहीं लेना चाह रहे हैं. क्योंकि कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है, पहले से ज्यादा सावधानी बरतने की आवश्यकता है, क्योंकि अब संक्रमण पहले से ज्यादा फैल गया है. इसलिए ग्रामीण अपने स्तर पर अभी भी तैनात हैं.

शिफ्ट में गांव का पहरा

ग्रामीण मानते हैं कि अगर कोई भी संक्रमित व्यक्ति गांव में प्रवेश कर गया तो उसके संपर्क में आने से गांव के लोग भी संक्रमित हो जाएंगे. जिसके कारण आसपास में संक्रमण बहुत ज्यादा फैल जाएगा. इसी के चलते ग्रामीण अपने स्तर पर गांव के अलग-अलग हिस्सों में पहरा दे रहे हैं. ग्रामीणों ने मोहल्ला वाइज ड्यूटी लगाई है. इतना ही नहीं गांव के सरपंच भी ग्रामीणों के साथ मिलकर पहरा दे रहे हैं.

सोशल डिस्टेंसिंग का पालन

कोरोना महामारी से बचाव के लिए ग्रामीण अपनी सुरक्षा में न केवल टिकरी पहरा दे रहे हैं, बल्कि गांव को बार-बार सैनिटाइज भी कर रहे हैं. इतना ही नहीं हर व्यक्ति को मास्क लगाकर ही बाहर निकलने दिया जा रहा है. साथ ही सोशल डिस्टेंस को ध्यान में रखते हुए ही हर कार्य करने की हिदायत दी गई है.

कोरोना के प्रति जागरूक ग्रामीण

ईटीवी भारत की टीम ने देखा कि गांव के लोग कोरोना के प्रति जागरूक हैं. यही कारण है कि शहर के मुकाबले ग्रामीण स्तर पर लोग शहर से कम संक्रमित हैं. ईटीवी भारत ने पाया कि ग्रामीण अभी इस महामारी को लेकर बेहद गंभीर हैं, जो कि अच्छी बात है. सरकार के सारे नियम तो ग्राम पंचायत अपना ही रही है. साथ ही अपने लेवल पर भी इस महामारी से बचाव के लिए अपनी सुरक्षा में खुद ही तैनात हैं.

ये भी पढ़ें- ना बैंड, ना बाजा, ना बाराती, लॉकडाउन से हुआ कारोबार चौपट

झज्जर: सरकार ने लॉकडाउन 4.0 में लोगों को रियायतें जरूर दी हैं. लेकिन ग्रामीण कोरोना का खतरा मोल नहीं लेना चाहते. कोई भी कोरोना संक्रमित गांव में प्रवेश ना करे. इसलिए ग्रामीण रात के समय भी गांव की सीमा पर पहरा दे रहे हैं.

रात 2 बजे की रिपोर्टिंग

ईटीवी भारत ने देर रात ग्रामीण आंचल में जाकर ग्रामीणों से सीधा संवाद किया. लोगों से जाना कि कैसे अपने स्तर पर ग्रामीण कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से बचाव कर रहे हैं. ईटीवी भारत रात 2 बजे झज्जर के गांव कबलाना पहुंचा.

लॉकडाउन में सरकार ने दी ढील लेकिन ग्रामीण सतर्क, पूरी रात दे रहे पहरा

रात में ग्रामीण दे रहे पहरा

गांव कबलाना में लोग आधी रात में भी पहरा दे रहे हैं. ताकि कोई भी बाहरी व्यक्ति गांव में प्रवेश न करने पाए. हर रोज गांव के लोग बदल-बदल कर ये ड्यूटी निभा रहे हैं. ग्रामीणों की माने तो लॉकडाउन के चौथे चरण की रियायतों के बाद भी वो किसी तरह का रिस्क नहीं लेना चाह रहे हैं. क्योंकि कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है, पहले से ज्यादा सावधानी बरतने की आवश्यकता है, क्योंकि अब संक्रमण पहले से ज्यादा फैल गया है. इसलिए ग्रामीण अपने स्तर पर अभी भी तैनात हैं.

शिफ्ट में गांव का पहरा

ग्रामीण मानते हैं कि अगर कोई भी संक्रमित व्यक्ति गांव में प्रवेश कर गया तो उसके संपर्क में आने से गांव के लोग भी संक्रमित हो जाएंगे. जिसके कारण आसपास में संक्रमण बहुत ज्यादा फैल जाएगा. इसी के चलते ग्रामीण अपने स्तर पर गांव के अलग-अलग हिस्सों में पहरा दे रहे हैं. ग्रामीणों ने मोहल्ला वाइज ड्यूटी लगाई है. इतना ही नहीं गांव के सरपंच भी ग्रामीणों के साथ मिलकर पहरा दे रहे हैं.

सोशल डिस्टेंसिंग का पालन

कोरोना महामारी से बचाव के लिए ग्रामीण अपनी सुरक्षा में न केवल टिकरी पहरा दे रहे हैं, बल्कि गांव को बार-बार सैनिटाइज भी कर रहे हैं. इतना ही नहीं हर व्यक्ति को मास्क लगाकर ही बाहर निकलने दिया जा रहा है. साथ ही सोशल डिस्टेंस को ध्यान में रखते हुए ही हर कार्य करने की हिदायत दी गई है.

कोरोना के प्रति जागरूक ग्रामीण

ईटीवी भारत की टीम ने देखा कि गांव के लोग कोरोना के प्रति जागरूक हैं. यही कारण है कि शहर के मुकाबले ग्रामीण स्तर पर लोग शहर से कम संक्रमित हैं. ईटीवी भारत ने पाया कि ग्रामीण अभी इस महामारी को लेकर बेहद गंभीर हैं, जो कि अच्छी बात है. सरकार के सारे नियम तो ग्राम पंचायत अपना ही रही है. साथ ही अपने लेवल पर भी इस महामारी से बचाव के लिए अपनी सुरक्षा में खुद ही तैनात हैं.

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Last Updated : May 21, 2020, 1:23 PM IST
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