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झज्जर जिले में सुधरा लिंगानुपात, 755 से पहुंचा 895, अब 900 पार पहुंचने की उम्मीद - झज्जर जिले में सुधरा लिंगानुपात

झज्जर जिले से अच्छी खबर सामने आई है. झज्जर जिला हमेशा से ही लिंगानुपात में बाकी हरियाणा से पीछे रहता है, लेकिन इस बार जुलाई के आंकड़ों में झज्जर जिले के लिंगानुपात में काफी बढ़ोतरी हुई है. देखिये हमारी स्पेशल रिपोर्ट और समझिए झज्जर जिले में कब कितना रहा है लिंगानुपात.

प्रतीकात्मक तस्वीर
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Published : Aug 31, 2019, 11:32 PM IST

झज्जर: गिरते लिंगानुपात के मामले में कभी देशभर में चर्चित रहने वाले झज्जर जिले का लिंगानुपात भी अब साल दर साल सुधरता जा रहा है. अच्छी खबर ये है कि झज्जर जिले का लिंगानुपात 2018 में 878 था, जो 2019 के जुलाई माह में बढ़कर 895 हो चुका है. इस साल जिले का लिंगानुपात 900 के भी पार होने की उम्मीद है.

झज्जर में सुधरा लिंगानुपात, देखें ये स्पेशल रिपोर्ट

लिंगानुपात 755 से पहुंचा 895
आपको बता दें कि वर्ष 2013 में झज्जर जिले का अनुपात हजार बेटों के मुकाबले सिर्फ 755 बेटियों का रह गया था, लेकिन साल दर साल इसमें सबसे ज्यादा सुधार होता गया.

वर्ष 2017 में इस दशक का सबसे ज्यादा लिंगानुपात 920 दर्ज किया गया. हालांकि साल 2018 में ये घटकर 878 हो गया था, लेकिन साल 2019 के जुलाई महीने तक ये एक बार फिर से बढ़ गया है.

प्रशासन की है बड़ी पहल
झज्जर जिले के सीएमओ डॉ आर.एस. पुनिया का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग की ए.एन.एम, आशा वर्कर और आंगनवाड़ी वर्करों ने इसमें बहुत बड़ी भूमिका निभाई है. उन्होंने घर-घर जाकर लोगों को जागरुक किया है.

नुक्कड़ नाटक, पौधारोपण, बेटियों के जन्म पर कुआं पूजन, बेटियों को जन्म देने वाली माताओं को सम्मानित करना, घर पर नेम प्लेट लगाकर प्रोत्साहित करना और जागरूकता लाने का काम किया गया है.

वहीं स्वास्थ्य विभाग ने सरकार की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पीएनडीटी एक्ट कठोरता से लागू करवाने और एमटीपी के जरिए लिंग जांच करने वालों की धरपकड़ के लिए भी लगातार कार्रवाई की जा रही है.

हाल ही में बहादुरगढ़ में भी एक अवैध रूप से चल रहे अल्ट्रासाउंड सेंटर पर गर्भ में लिंग जांच का खुलासा हुआ था. जिसके दोषियों को स्वास्थ्य विभाग की ओर से रंगे हाथों पकड़ा गया और उन्हें जेल भेज दिया गया.

झज्जर: गिरते लिंगानुपात के मामले में कभी देशभर में चर्चित रहने वाले झज्जर जिले का लिंगानुपात भी अब साल दर साल सुधरता जा रहा है. अच्छी खबर ये है कि झज्जर जिले का लिंगानुपात 2018 में 878 था, जो 2019 के जुलाई माह में बढ़कर 895 हो चुका है. इस साल जिले का लिंगानुपात 900 के भी पार होने की उम्मीद है.

झज्जर में सुधरा लिंगानुपात, देखें ये स्पेशल रिपोर्ट

लिंगानुपात 755 से पहुंचा 895
आपको बता दें कि वर्ष 2013 में झज्जर जिले का अनुपात हजार बेटों के मुकाबले सिर्फ 755 बेटियों का रह गया था, लेकिन साल दर साल इसमें सबसे ज्यादा सुधार होता गया.

वर्ष 2017 में इस दशक का सबसे ज्यादा लिंगानुपात 920 दर्ज किया गया. हालांकि साल 2018 में ये घटकर 878 हो गया था, लेकिन साल 2019 के जुलाई महीने तक ये एक बार फिर से बढ़ गया है.

प्रशासन की है बड़ी पहल
झज्जर जिले के सीएमओ डॉ आर.एस. पुनिया का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग की ए.एन.एम, आशा वर्कर और आंगनवाड़ी वर्करों ने इसमें बहुत बड़ी भूमिका निभाई है. उन्होंने घर-घर जाकर लोगों को जागरुक किया है.

नुक्कड़ नाटक, पौधारोपण, बेटियों के जन्म पर कुआं पूजन, बेटियों को जन्म देने वाली माताओं को सम्मानित करना, घर पर नेम प्लेट लगाकर प्रोत्साहित करना और जागरूकता लाने का काम किया गया है.

वहीं स्वास्थ्य विभाग ने सरकार की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पीएनडीटी एक्ट कठोरता से लागू करवाने और एमटीपी के जरिए लिंग जांच करने वालों की धरपकड़ के लिए भी लगातार कार्रवाई की जा रही है.

हाल ही में बहादुरगढ़ में भी एक अवैध रूप से चल रहे अल्ट्रासाउंड सेंटर पर गर्भ में लिंग जांच का खुलासा हुआ था. जिसके दोषियों को स्वास्थ्य विभाग की ओर से रंगे हाथों पकड़ा गया और उन्हें जेल भेज दिया गया.

Intro:झज्जर में लगातार लिंगानुपात में हो रहा सुधार।।
2017- इस दशक के सबसे ज्यादा रहा
जहां2017 में एक हजार लड़को पर 920 लड़कियां पैदा हुई।

2018 में यह घट कर 878 हो गया था।
लेकिन इस साल जुलाई महीने तक झज्जर जिले का लिंगानुपात हुआ 895
इस साल का आंकड़ा 900 पार होने की उम्मीद।
वर्ष 2013 में लिंगानुपात 755 होने के कारण देश भर में झज्जर जिले की देश भर में हुई थी खूब किरकिरी।Body:गिरते लिंगानुपात के मामले में कभी देश भर में चर्चित रहने वाले झज्जर जिले का लिंगानुपात भी अब साल दर साल सुधरता जा रहा है। अच्छी खबर यह है की झज्जर जिले का लिंगानुपात 2018 में 878 था। जो 2019 के जुलाई महा में बढ़कर 895 हो चुका है। इस साल जिले का लिंंगानुपात 900 के भी पार होने की उम्मीद है।

हम आपको बता दें कि वर्ष 2013 में झज्जर जिले का अनुपात हजार बेटों के मुकाबले सिर्फ 755 बेटियों का रह गया था। लेकिन साल दर साल इसमें सबसे ज्यादा सुधार होता गया। वर्ष 2017 में इस दशक का सबसे ज्यादा लिंगानुपात 920 दर्ज किया गया। हालांकि वर्ष 2018 में यह घटकर 878 हो गया था लेकिन वर्ष 2019 के जुलाई माह तक यह एक बार फिर सेे बढ़ गया है। जुलाई महीने तक की अगर बात करें तो यह आंकड़ा 895 दर्ज किया गया है। इस साल यह आंकड़ा 900 से भी पार होने की उम्मीद बनी हुई है। झज्जर जिले के सीएमओ डॉ आर.एस. पुनिया का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग की ए.एन.एम,, आशा वर्कर और आंगनवाड़ी वर्करों ने इसमें बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उन्होंने घर-घर जाकर लोगों को जागरुक किया है। नुक्कड़ नाटक, पौधारोपण, बेटियों के जन्म पर कुआं पूजन, बेटियों को जन्म देने वाली माताओं को सम्मानित करना, घर पर नेम प्लेट लगाकर प्रोत्साहित करना और जागरूकता लाने का काम किया गया है। इतना ही नहीं पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों मैं भी इस अभियान में बढ़-चढ़कर भाग लिया है। इसी का नतीजा है कि झज्जर जिले का लिंगानुपात अब एक बार फिर से बढ़ने लगा है।
वहीं स्वास्थ्य विभाग ने सरकार की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पीएनडीटी एक्ट कठोरता से लागू करवाने और एमटीपी के जरिए लिंग जांच करने वालों की धरपकड़ के लिए भी लगातार कार्रवाई की जा रही है। हाल ही में बहादुरगढ़ में भी एक अवैध रूप से चल रहे अल्ट्रासाउंड सेंटर पर गर्भ में लिंग जांच का खुलासा हुआ था। जिसके दोषियों को स्वास्थ्य विभाग की ओर से रंगे हाथों पकड़ा गया और उन्हें जेल भेज दिया गया।

इस दशक के झज्जर जिले के लिंगानुपात के आंकड़े इस प्रकार हैं।
वर्ष लिंगानुपात
जुलाई 2019 तक 895
2018 878
2017 920
2016 885
2015 849
2014 825
2013 755
2012 779
2011 815
2010 802

प्रदीप धनखड़
झज्जर Conclusion:वर्ष 2013 में झज्जर जिले का अनुपात हजार बेटों के मुकाबले सिर्फ 755 बेटियों का रह गया था। लेकिन साल दर साल इसमें सबसे ज्यादा सुधार होता गया। वर्ष 2017 में इस दशक का सबसे ज्यादा लिंगानुपात 920 दर्ज किया गया। हालांकि वर्ष 2018 में यह घटकर 878 हो गया था लेकिन वर्ष 2019 के जुलाई माह तक यह एक बार फिर सेे बढ़ गया है। जुलाई महीने तक की अगर बात करें तो यह आंकड़ा 895 दर्ज किया गया है। इस साल यह आंकड़ा 900 से भी पार होने की उम्मीद बनी हुई है।
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