झज्जर: गिरते लिंगानुपात के मामले में कभी देशभर में चर्चित रहने वाले झज्जर जिले का लिंगानुपात भी अब साल दर साल सुधरता जा रहा है. अच्छी खबर ये है कि झज्जर जिले का लिंगानुपात 2018 में 878 था, जो 2019 के जुलाई माह में बढ़कर 895 हो चुका है. इस साल जिले का लिंगानुपात 900 के भी पार होने की उम्मीद है.
लिंगानुपात 755 से पहुंचा 895
आपको बता दें कि वर्ष 2013 में झज्जर जिले का अनुपात हजार बेटों के मुकाबले सिर्फ 755 बेटियों का रह गया था, लेकिन साल दर साल इसमें सबसे ज्यादा सुधार होता गया.
वर्ष 2017 में इस दशक का सबसे ज्यादा लिंगानुपात 920 दर्ज किया गया. हालांकि साल 2018 में ये घटकर 878 हो गया था, लेकिन साल 2019 के जुलाई महीने तक ये एक बार फिर से बढ़ गया है.
प्रशासन की है बड़ी पहल
झज्जर जिले के सीएमओ डॉ आर.एस. पुनिया का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग की ए.एन.एम, आशा वर्कर और आंगनवाड़ी वर्करों ने इसमें बहुत बड़ी भूमिका निभाई है. उन्होंने घर-घर जाकर लोगों को जागरुक किया है.
नुक्कड़ नाटक, पौधारोपण, बेटियों के जन्म पर कुआं पूजन, बेटियों को जन्म देने वाली माताओं को सम्मानित करना, घर पर नेम प्लेट लगाकर प्रोत्साहित करना और जागरूकता लाने का काम किया गया है.
वहीं स्वास्थ्य विभाग ने सरकार की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पीएनडीटी एक्ट कठोरता से लागू करवाने और एमटीपी के जरिए लिंग जांच करने वालों की धरपकड़ के लिए भी लगातार कार्रवाई की जा रही है.
हाल ही में बहादुरगढ़ में भी एक अवैध रूप से चल रहे अल्ट्रासाउंड सेंटर पर गर्भ में लिंग जांच का खुलासा हुआ था. जिसके दोषियों को स्वास्थ्य विभाग की ओर से रंगे हाथों पकड़ा गया और उन्हें जेल भेज दिया गया.