झज्जर: किसान आंदोलन के बीच टिकरी बॉर्डर पर पश्चिम बंगाल की रहने वाली किसान नेता की कोरोना से हुई मौत के बाद भी हालात बदलते नजर नहीं आ रहे हैं. टिकरी बॉर्डर पर हर रोज सभाएं आयोजित की जा रही हैं, जिसमें सैकड़ों लोग हिस्सा रहे हैं. इस दौरान ज्यादातर लोग ना तो मास्क पहन रहे हैं और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग नजर आ रही है.
ऐसे में किसान आंदोलन के बीच कोरोना संक्रमण फैलने की संभावना बनी हुई है. इस बीच शनिवार को किसान नेता मोमिता बसु की अस्थियां लेकर उसके पिता आंदोलन के बीच टिकरी बॉर्डर के मंच पर पहुंचे. यहां आंदोलनकारियों ने मोमिता को श्रद्धांजलि दी.
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किसान नेताओं ने कहा कि किसानों को डरने की जरूरत नहीं है. कोरोना की वजह से आंदोलन खत्म नहीं किया जा सकता है. हालांकि उन्होंने ये जरूर कहा कि किसान आंदोलन के दौरान लोगों से मास्त पहनने और दूरी बनाए रखने की अपील की जा रही है. साथ ही किसान अपने घरों से वैक्सीन भी लगा कर आ रहे हैं.
'निराशाजनक है किसानों का सहयोग'
वहीं जब इस बारे में बहादुरगढ़ के एसडीएम हितेंद्र कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि किसान टेस्ट कराने को तैयार नहीं हैं. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि किसान प्रशासन का सहयोग भी नहीं कर रहे हैं. जिस वजह से किसान आंदोलन में कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है.