झज्जर: मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा एक बार फिर टिकरी बॉर्डर पर धरनारत किसानों के बीच पहुंचे. यहां उन्होंने आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि अर्पित की. साथ ही उन्होंने आंदोलनरत किसानों से चर्चा की. उन्होंने यहां किसानों के समर्थन में आयोजित कबड्डी प्रतियोगिता में भी शिरकत की.
'शांतिपूर्ण चल रहा किसान आंदोलन'
मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए हुड्डा ने कहा कि देश का अन्नदाता डेढ़ महीने से अपना घर छोड़कर सड़कों पर बैठा है, लेकिन सरकार उसकी मांगें मानने की बजाए, उसे तारीखों के फेर में उलझा रही है. किसान पूरी तरह शांतिपूर्ण और अनुशासित तरीके से इतने बड़े आंदोलन को चला रहे हैं, जो अपने आप में भारत में ही नहीं दुनिया में एक मिसाल है.
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किसानी, कबड्डी व कुश्ती हमेशा से आपस में जुड़ी रही है। आज टीकरी बॉर्डर पर शहीद किसानों को श्रद्धांजलि अर्पित की व अन्नदाता के सम्मान में आयोजित कबड्डी प्रतियोगिता में शिरकत की। यहाँ खिलाड़ियों में जबरदस्त उत्साह व किसानों का जज़्बा शानदार रहा।
— Bhupinder S Hooda (@BhupinderSHooda) January 12, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
आयोजकों को ढेरों शुभकामनाएं व आभार। pic.twitter.com/11MP10I12q
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आयोजकों को ढेरों शुभकामनाएं व आभार। pic.twitter.com/11MP10I12qकिसानी, कबड्डी व कुश्ती हमेशा से आपस में जुड़ी रही है। आज टीकरी बॉर्डर पर शहीद किसानों को श्रद्धांजलि अर्पित की व अन्नदाता के सम्मान में आयोजित कबड्डी प्रतियोगिता में शिरकत की। यहाँ खिलाड़ियों में जबरदस्त उत्साह व किसानों का जज़्बा शानदार रहा।
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'किसान सरकार से टकराव नहीं चाहते'
उन्होंने कहा कि किसानों के संयम की इससे बड़ी मिसाल और क्या होगी कि 60 से ज्यादा किसानों की शहादत के बावजूद आंदोलनकारी किसानों ने अपना धैर्य नहीं छोड़ा. हुड्डा ने कहा कि वो लगातार टिकरी बॉर्डर समेत प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में धरने पर बैठे किसानों के बीच गए हैं. उनसे बातचीत से स्पष्ट है कि वो सरकार से किसी तरह का टकराव नहीं चाहते.
'मांगों को मान लेना चाहिए'
इसके उलट सरकार समाधान की बजाए टकराव के रास्ते पर चल रही है. सरकार इसको नाक की लड़ाई ना बनाए. जनता की जायज मांगों को स्वीकार करना सरकार का फर्ज है. सरकार इसको जीत-हार के नजरिए से ना देखे. सरकार का पहला फर्ज है कि जनता खुश और प्रसन्न रहे.
किसान महापंचायत पर क्या बोले हुड्डा?
हुड्डा ने मुख्यमंत्री की तरफ से आयोजित की गई किसान महापंचायत के बारे में कहा कि ऐसे आयोजनों का मकसद सिर्फ टकराव की स्थिति पैदा करना है. मुख्यमंत्री को ऐसे आयोजन करने की बजाए केंद्र सरकार से बात करनी चाहिए और तीनों कृषि कानून वापस लेने के लिए मनाना चाहिए. मुख्यमंत्री जनता के प्रतिनिधि हैं और उन्हें अपनी ज़िम्मेदारी निभाते हुए किसानों का साथ देना चाहिए.
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