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बीमार किसानों को मुफ्त इलाज देने के लिए अमेरिका से डॉक्टर पहुंचे टीकरी बॉर्डर

किसान आंदोलन को विदेशों में रह रहे भारतीय का भी लगातार समर्थन मिल रहा है. वहीं कई लोग विदेश से भारत आकर किसानों का साथ भी दे रहे हैं. अमेरिका से भी डॉक्टरों की एक टीम बीमार किसानों को आंदोलन के दौरान मुफ्त इलाज मुहैया कराने के लिए टीकरी बॉर्डर पर पहुंची है.

doctors from america tikri border protest
doctors from america tikri border protest
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Published : Dec 17, 2020, 7:39 AM IST

झज्जर: कृषि कानून रद्द कराने को लेकर इन दिनों बॉर्डर पर डटे किसानों में से कई किसानों की जहां ह्रदयघात से मौत हो चुकी है, वहीं कई ऐसे किसान भी हैं जिन्हें आंदोलन स्थल पर ही कई बीमारियों ने जकड़ रखा है और उन्हें उचित उपचार मुहैया नहीं हो पा रहा है.

ऐसे ही किसानों को उनके दर्द से निजात दिलाने के लिए अमेरिका से डॉक्टर यहां टीकरी बॉर्डर स्थित धरनास्थल पर पहुंचे हैं. वे किसानों के घुटने व कमर के अलावा हार्ट से जुड़ी बीमारियों का इलाज कर रहे हैं.

पंजाब से जुड़े डाक्टर स्वायाथ सिंह फिजियोथेरिपी साथी चिकित्सक के साथ अमेरिका से यहां टीकरी बॉर्डर आंदोलन स्थल पर पहुंचकर किसानों का इलाज कर रहे हैं. डॉ. स्वायाथ सिंह के अनुसार ये एक कठिन परिस्थितियों का दौर है.

बीमार किसानों को मुफ्त इलाज देने के लिए अमेरिका से डॉक्टर पहुंचे टीकरी बॉर्डर

कोरोना की बीमारी विश्व भर में गंभीर रूप ले चुकी है, लेकिन इसके बावजूद भी हमारे किसान, जिसके बलबूते हमने देश की अनेकों लड़ाई जीती है वे सड़क पर अपनी मांगों के लिए बैठे हुए हैं. धरना स्थल पर जमा गंदगी को लेकर भी उन्होंने चिंता व्यक्त की.

ये भी पढ़ें- सोनीपत: सिंघु बॉर्डर पर बढ़ती ठंड और हार्ट अटैक से एक और किसान की मौत

उन्होंने कहा कि यदि धरना स्थल पर गंदगी का यही हाल रहा तो कोरोना के अलावा, डेंगू व साथ-साथ अन्य बीमारियां भी यहां किसानों में फैल सकती है, लेकिन वे जब तक आंदोलन खत्म नहीं हो जाता तब तक यहां डटे रहेंगे और किसानों को इलाज मुहैया कराते रहेंगे.

अपने साथ लाखों रुपये की दवाइयां यहां लेकर पहुंचे डॉ. स्वायाथ सिंह ने आगे कहा कि हम यहां किसानों के लिए आये हैं उनके साथ ही वापस जाएंगे. जब तक किसान यहां डटे रहेंगे हम भी उनके साथ ही रहेंगे.

बता दें कि, किसानों का आंदोलन अब 21वें दिन में प्रवेश कर चुका है. किसान लगातार अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं. अब उनके इलाज के लिए पंजाब ही नहीं बल्कि विदेशों से भी समर्थन में लोग आने लगे हैं, और उनका इलाज भी कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- मैं किसानों के हक के लिए और सरकार के जुल्म के खिलाफ आत्महत्या करता हूं- लिखकर संत ने खुद को मारी गोली

झज्जर: कृषि कानून रद्द कराने को लेकर इन दिनों बॉर्डर पर डटे किसानों में से कई किसानों की जहां ह्रदयघात से मौत हो चुकी है, वहीं कई ऐसे किसान भी हैं जिन्हें आंदोलन स्थल पर ही कई बीमारियों ने जकड़ रखा है और उन्हें उचित उपचार मुहैया नहीं हो पा रहा है.

ऐसे ही किसानों को उनके दर्द से निजात दिलाने के लिए अमेरिका से डॉक्टर यहां टीकरी बॉर्डर स्थित धरनास्थल पर पहुंचे हैं. वे किसानों के घुटने व कमर के अलावा हार्ट से जुड़ी बीमारियों का इलाज कर रहे हैं.

पंजाब से जुड़े डाक्टर स्वायाथ सिंह फिजियोथेरिपी साथी चिकित्सक के साथ अमेरिका से यहां टीकरी बॉर्डर आंदोलन स्थल पर पहुंचकर किसानों का इलाज कर रहे हैं. डॉ. स्वायाथ सिंह के अनुसार ये एक कठिन परिस्थितियों का दौर है.

बीमार किसानों को मुफ्त इलाज देने के लिए अमेरिका से डॉक्टर पहुंचे टीकरी बॉर्डर

कोरोना की बीमारी विश्व भर में गंभीर रूप ले चुकी है, लेकिन इसके बावजूद भी हमारे किसान, जिसके बलबूते हमने देश की अनेकों लड़ाई जीती है वे सड़क पर अपनी मांगों के लिए बैठे हुए हैं. धरना स्थल पर जमा गंदगी को लेकर भी उन्होंने चिंता व्यक्त की.

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उन्होंने कहा कि यदि धरना स्थल पर गंदगी का यही हाल रहा तो कोरोना के अलावा, डेंगू व साथ-साथ अन्य बीमारियां भी यहां किसानों में फैल सकती है, लेकिन वे जब तक आंदोलन खत्म नहीं हो जाता तब तक यहां डटे रहेंगे और किसानों को इलाज मुहैया कराते रहेंगे.

अपने साथ लाखों रुपये की दवाइयां यहां लेकर पहुंचे डॉ. स्वायाथ सिंह ने आगे कहा कि हम यहां किसानों के लिए आये हैं उनके साथ ही वापस जाएंगे. जब तक किसान यहां डटे रहेंगे हम भी उनके साथ ही रहेंगे.

बता दें कि, किसानों का आंदोलन अब 21वें दिन में प्रवेश कर चुका है. किसान लगातार अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं. अब उनके इलाज के लिए पंजाब ही नहीं बल्कि विदेशों से भी समर्थन में लोग आने लगे हैं, और उनका इलाज भी कर रहे हैं.

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