झज्जर: हरियाणा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ को बादली हल्के में हराकर चुनाव जीतने वाले कांग्रेस नेता कुलदीप वत्स की शैक्षणिक योग्यता सवालों के घेरे में आ गई है. विवाद है बादली विधायक कुलदीप वत्स की 10वीं और 12वीं की डिग्री पर. विधायक महोदय ने एक ही साल में 10वीं और 12वीं दोनों कक्षाओं की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली. यह हम नहीं कह रहे, ये बताया गया है चुनाव आयोग की वेबसाइट पर.
कैसे हुआ खुलासा?
बादली हल्के से बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव लड़ने के दौरान साल 2014 में चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अपलोड किए गए कागजात में साल 1992 में खुद को 12वीं की परीक्षा पास दिखाया. जबकि साल 2019 में बतौर कांग्रेसी टिकट पर चुनाव लड़ने के दौरान अपनी योग्यता विधायक भूल गए, इस दौरान उन्हें एक बार फिर से चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अपलोड करते हुए अपने आप को दसवीं पास भी दिखाया गया है वो भी 1992 में ही है.
विधायक के नीयत उठाए जा रहे हैं सवाल
ऐसे में लोगों का कहना है कि विधायक चुनाव आयोग की आंखों में धूल झोंक रहे हैं. इस गड़बड़ी पर सभी राजनीतिक पार्टियों के लोगों ने सवाल खड़े किए है. इस पूरे प्रकरण में अब सवाल यह उठता है कि विधायक कुलदीप ने एक ही सन में दो-दो परीक्षा कैसे पास कर ली. साथ ही साथ उन पर इस बात को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं कि खुद को 10वीं 12वीं पास बताने वाला इंसान कैसे अपने आपको डॉक्टर बता रहा है.
लोगों ने उनकी डॉक्टर की उपाधि पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. अब बीजेपी-जेजेपी के अलावा इनेलो के नेता भी जमकर इसका विरोध कर रहे हैं. आलम यह है कि जेजेपी के प्रदेश प्रवक्ता अजय गुलिया ने इस फर्जीवाड़े पर मामला दर्ज कराने की बात कही है. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि जो इंसान चुनाव आयोग और हलके के लोगों की आंखों में धूल झोंक सकता है, वो कैसे स्वच्छ और साफ राजनीति कर सकता है. गुलिया ने कहा की कांग्रेस नेता कुलदीप वत्स को जांच कराने का बड़ा शौक है अब अपनी जांच कैसे कराएंगे.
सोशल मीडिया पर ली जा रही है चुटकी
वहीं सोशल मीडिया में लोगों ने चुटकी लेनी शुरू कर दी है कि अगर कुलदीप वत्स डॉक्टर हैं तो उन्होंने अपनी डॉक्टर की डिग्री चुनाव आयोग को क्यों नहीं दी. ऐसे में अब लोगों ने इस पूरे मामले की जांच की मांग की है साथ ही साथ कार्रवाई की भी मांग की.
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